रोहित शर्मा का कैच छोड़ना बांग्लादेशी टीम को भारी पड़ा। (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
इतिहास अपने आपको दोहराता है। क्रिकेट प्रेमियों के दिमाग में अभी भी वर्ल्डकप 2015 के क्वार्टर फाइनल में भारत और बांग्लादेश के बीच खेले गए उस रोमांचक मैच की याद ताजा होगी जिसमें रोहित शर्मा ने बेहतरीन शतक (137 रन, 126 गेंद, 14 चौके, तीन छक्के ) से टीम इंडिया को जीत का रास्ता दिखाया था। बेशक मुकाबला इस बार टी-20 का था लेकिन कहानी वही दोहराई गई। मीरपुर के इस मैच में 21 रन के निजी स्कोर पर रोहित शर्मा का कैच छोड़ने का खामियाजा बांग्लादेश को मैच हारकर चुकाना पड़ा। रोहित की मैच में 83 रनों की धमाकेदार पारी खेली और टीम इंडिया ने 45 रनों की जीत के साथ एशिया कप में अपने अभियान का आगाज किया।
कैच छूटने के बाद 'टॉप गेयर' में आ गए थे रोहित
एक तरह से रोहित इन दोनों मैचों में भारत के लिए 'हीरो' और बांग्लादेश के लिए 'विलेन' साबित हुए। बुधवार के मैच में रोहित का कैच छोड़ने का अफसोस बांग्लादेशी टीम को लंबे समय तक रहेगा। पारी के 11वें ओवर में तस्कीन अहमद की तीसरी गेंद पर सकीब अल हसन ने उनका कैच टपका दिया। एक तरह से यहीं से मैच भारत के पक्ष में मुड़ता चला गया। रोहित ने यहीं से 'टॉप गेयर' पकड़ा और अगली तीन गेंदों पर दो चौकों और एक छक्के के मदद से 14 रन बना डाले।
इसके बाद तो रोहित के आगे बांग्लादेशी फील्डर और गेंदबाज असहाय नजर आए। आखिरकार वे 20वें ओवर की दूसरी गेंद पर 83 रन (55 गेंद, 7 चौके, तीन छक्के ) बनाकर आउट हुए। हरफनमौला हार्दिक पांड्या (31 रन, 18 बाल, चार चौके, एक छक्का ) के रूप में रोहित को आदर्श सहयोगी मिला और दोनों ने पांचवें विकेट के लिए महज 27 गेंदों पर 61 रन जोड़े। टीम इंडिया ने निर्धारित 50 ओवर्स में 6 विकेट पर 166 रन बनाए जो गेंदबाजों के लिए मददगार विकेट पर चुनौतीपूर्ण स्कोर साबित हुआ।
...तब 90 के स्कोर पर अंपायर ने दिया था 'जीवनदान'
अब जरा नजर वर्ल्डकप 2015 के क्वार्टर फाइनल पर डालें। इस मैच में रोहित जब 90 रन पर थे, तब उन्हें जीवनदान मिला। रूबेल हुसैन के 40वें ओवर में वे कैच आउट हो गए थे, लेकिन अंपायर ने बॉल को कमर से ऊपर मानते हुए 'नो बॉल' करार दिया। हालांकि, टीवी री-प्ले से लग रहा था कि गेंद 'सही' थी। अंपायरों की ओर से रोहित को मिला यह 'जीवनदान' इस मैच में बांग्लादेश को भारी पड़ा था। भारत ने रोहित के शतक के सहारे 50 ओवर में 6 विकेट पर 302 रन बनाए थे और बाद में बांग्लादेश को 195 रन पर आउट कर दिया था। गौरतलब है कि बांग्लादेश में रोहित के पक्ष में हुए इस फैसले को लेकर काफी उग्र प्रतिक्रिया हुई थी।
कैच छूटने के बाद 'टॉप गेयर' में आ गए थे रोहित
एक तरह से रोहित इन दोनों मैचों में भारत के लिए 'हीरो' और बांग्लादेश के लिए 'विलेन' साबित हुए। बुधवार के मैच में रोहित का कैच छोड़ने का अफसोस बांग्लादेशी टीम को लंबे समय तक रहेगा। पारी के 11वें ओवर में तस्कीन अहमद की तीसरी गेंद पर सकीब अल हसन ने उनका कैच टपका दिया। एक तरह से यहीं से मैच भारत के पक्ष में मुड़ता चला गया। रोहित ने यहीं से 'टॉप गेयर' पकड़ा और अगली तीन गेंदों पर दो चौकों और एक छक्के के मदद से 14 रन बना डाले।
इसके बाद तो रोहित के आगे बांग्लादेशी फील्डर और गेंदबाज असहाय नजर आए। आखिरकार वे 20वें ओवर की दूसरी गेंद पर 83 रन (55 गेंद, 7 चौके, तीन छक्के ) बनाकर आउट हुए। हरफनमौला हार्दिक पांड्या (31 रन, 18 बाल, चार चौके, एक छक्का ) के रूप में रोहित को आदर्श सहयोगी मिला और दोनों ने पांचवें विकेट के लिए महज 27 गेंदों पर 61 रन जोड़े। टीम इंडिया ने निर्धारित 50 ओवर्स में 6 विकेट पर 166 रन बनाए जो गेंदबाजों के लिए मददगार विकेट पर चुनौतीपूर्ण स्कोर साबित हुआ।
...तब 90 के स्कोर पर अंपायर ने दिया था 'जीवनदान'
अब जरा नजर वर्ल्डकप 2015 के क्वार्टर फाइनल पर डालें। इस मैच में रोहित जब 90 रन पर थे, तब उन्हें जीवनदान मिला। रूबेल हुसैन के 40वें ओवर में वे कैच आउट हो गए थे, लेकिन अंपायर ने बॉल को कमर से ऊपर मानते हुए 'नो बॉल' करार दिया। हालांकि, टीवी री-प्ले से लग रहा था कि गेंद 'सही' थी। अंपायरों की ओर से रोहित को मिला यह 'जीवनदान' इस मैच में बांग्लादेश को भारी पड़ा था। भारत ने रोहित के शतक के सहारे 50 ओवर में 6 विकेट पर 302 रन बनाए थे और बाद में बांग्लादेश को 195 रन पर आउट कर दिया था। गौरतलब है कि बांग्लादेश में रोहित के पक्ष में हुए इस फैसले को लेकर काफी उग्र प्रतिक्रिया हुई थी।
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