टीम इंडिया के सदस्य (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
भारत और न्यूज़ीलैंड के बीच टेस्ट सीरीज गुरुवार से कानपुर के ग्रीन पार्क स्टेडियम में शुरू होने वाली है. दोनों देश के बीच क्रिकेट का रिश्ता काफी पुराना है. भारत से पहले न्यूज़ीलैंड ने टेस्ट मैच खेलना शुरू किया था. न्यूज़ीलैंड ने 1930 में टेस्ट मैच खेलना शुरू किया जबकि भारत ने 1932 में. उस वक्त न्यूज़ीलैंड काफी कमज़ोर टीम मानी जाती थी. न्यूज़ीलैंड को अपना पहला टेस्ट मैच जीतने के लिए 25 साल लग गए थे जबकि पहली टेस्ट सीरीज जीतने में 40 साल लग गए थे. 1955 में भारत और न्यूज़ीलैंड के बीच पहली बार टेस्ट सीरीज शुरू हुई. न्यूज़ीलैंड ने पांच टेस्ट मैच सीरीज खेलने के लिए भारत का दौर किया था. यह उम्मीद की जा रही थी कि घरेलू मैदान पर टीम इंडिया अच्छा प्रदर्शन करेगी.
टीम इंडिया के बल्लेबाज़ों की शानदार बल्लेबाजी
दोनों टीमों के बीच पहला टेस्ट मैच 19 नवंबर 1955 को हैदराबाद के फ़तेह मैदान पर शुरू हुआ. टॉस जीतने के बाद भारत ने पहले बल्लेबाजी का निर्णय लिया. यह देखना था कि टीम इंडिया के बल्लेबाज कैसा प्रदर्शन करते हैं. टीम इंडिया ने पंकज रॉय के रूप में अपना पहला विकेट सिर्फ एक रन पर गवां दिया था और 48 रन पर दो खिलाड़ी पैवेलियन लौट गए थे. ऐसा लग रहा था कि टीम इंडिया बहुत जल्दी ऑल आउट हो जाएगी. अब पॉली उमरीगर और विजय मांजरेकर मैदान पर थे. दोनों को संभलकर खेलना था. फिर दोनों बल्लेबाज़ों ने शानदार खेल दिखाया और भारत की पारी को आगे ले गए. दोनों के बीच तीसरे विकेट के लिए 238 रन की साझेदारी हुई. विजय मांजरेकर तीसरे विकेट के रूप में 118 रन बनाकर आउट हुए.
न्यूज़ीलैंड के खिलाफ पहले टेस्ट में उमरीगर ने ठोका दोहरा शतक
न्यूज़ीलैंड के खिलाफ फिर कृपाल सिंह और उमरीगर के बीच 171 रन की साझेदारी हुई. उमरीगर ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए 26 चौके की मदद से 223 की रिकॉर्ड पारी खेली. न्यूज़ीलैंड के खिलाफ टीम इंडिया की तरफ से यह सर्वाधिक स्कोर था. कृपाल सिंह ने भी इस मैच में शतक ठोका था. इन तीनों खिलाड़ियों की शानदार बल्लेबाजी के वजह से यह टेस्ट मैच ड्रा रहा था. एसपी गुप्ते ने भी इस मैच में शानदार गेंदबाज़ी करते हुए आठ विकेट लिए थे, पहली पारी में उनको सात विकेट मिले थे जबकि दूसरी पारी में वह एक विकेट लेने में कामयाब हुए थे.
दूसरे टेस्ट में वीनू मांकड़ ने ठोका दोहरा शतक
2, दिसंबर 1955 दोनों टीमों के बीच दूसरा टेस्ट मैच शुरू हुआ .पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत ने सिर्फ 63 रन पर तीन विकेट गवां दिए थे लेकिन सलामी बल्लेबाज वीनू मांकड़ ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए भारत की पारी को आगे बढ़ाया था. मांकड़ ने सलामी बल्लेबाज के रूप में न्यूज़ीलैंड के खिलाफ दोहरा शतक ठोकते हुए 223 का पारी खेली थी. टीम इंडिया इस मैच को एक पारी और 27 रन से जीत गई थी. इस मैच में एसपी गुप्ते ने भी शानदार गेंदबाज़ी करते हुए आठ विकेट लिए थे. न्यूज़ीलैंड के खिलाफ यह भारत की पहली जीत थी. दोनों टीमों के बीच खेला गया तीसरा और चौथा टेस्ट मैच ड्रा रहा था. तीसरे टेस्ट में विजय मांजरेकर ने शतक ठोका था जबकि चौथे टेस्ट में पंकज रॉय भी शतक मारने में कामयाब हुए थे.
यह दो टेस्ट रिकॉर्ड जो आजतक नहीं टूट पाया है
आखिरी टेस्ट मैच चेन्नई में खेला गया था और इस मैच दो ऐसे रिकॉर्ड बने थे जो दोनों टीमों के बीच 60 साल के क्रिकेट इतिहास में नहीं टूट पाया है. इन जो दो रिकॉर्ड की बात हो रही है वह हैं न्यूज़ीलैंड के खिलाफ किसी भारतीय बल्लेबाज का सर्वाधिक स्कोर और पहले विकेट के लिए सर्वाधिक साझेदारी. 2, दिसंबर 1955 को मुम्बई में दोनों टीमों के बीच इस सीरीज का आखिरी टेस्ट मैच खेला गया.
भारत ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी की थी.भारत की ओर से सलामी बल्लेबाजी करने आए पंकज रॉय और वीनू मांकड़ के बीच पहले विकेट के लिए 413 रन की साझेदारी हुई. भारत के लिए किसी भी विकेट और किसी भी टीम के खिलाफ यह सबसे बड़ी साझेदारी है. बल्लेबाज के रूप में वीनू मांकड़ ने इस मैच में 231 रन बनाकर रिकॉर्ड कायम किया. भारत की तरफ से न्यूज़ीलैंड के खिलाफ यह सर्वाधिक व्यक्तिगत स्कोर है. आजतक यह दोनों रिकॉर्ड नहीं टूट पाया है. पंकज रॉय ने इस मैच में 173 रन बनाए थे जो उनके टेस्ट करियर का सर्वाधिक स्कोर रहा. भारत ने आखिरी टेस्ट मैच जीतकर न्यूज़ीलैंड खिलाफ पहली टेस्ट सीरीज़ जीतने का गौरव हासिल किया था. एसपी गुप्ते ने इस पूरी सीरीज में शानदार गेंदबाज़ी की थी और पांच मैचों में 34 विकेट लिए थे.
एक सीरिज़ में न्यूज़ीलैंड के खिलाफ तीन दोहरा शतक का रिकॉर्ड
न्यूज़ीलैंड के खिलाफ इस टेस्ट में ऐसा एक रिकॉर्ड बना है जो नहीं टूट पाया है. इस टेस्ट सीरीज में टीम इंडिया के बल्लेबाज़ों ने तीन दोहरे शतक ठोके थे. पहले टेस्ट मैच में पॉली उमरीगर ने दोहरा शतक(223) ठोका था जबकि दूसरे और आखिरी टेस्ट मैच में वीनू मांकड़ ने दोहरे शतक (223 और 231) बनाए थे.
टीम इंडिया के बल्लेबाज़ों की शानदार बल्लेबाजी
दोनों टीमों के बीच पहला टेस्ट मैच 19 नवंबर 1955 को हैदराबाद के फ़तेह मैदान पर शुरू हुआ. टॉस जीतने के बाद भारत ने पहले बल्लेबाजी का निर्णय लिया. यह देखना था कि टीम इंडिया के बल्लेबाज कैसा प्रदर्शन करते हैं. टीम इंडिया ने पंकज रॉय के रूप में अपना पहला विकेट सिर्फ एक रन पर गवां दिया था और 48 रन पर दो खिलाड़ी पैवेलियन लौट गए थे. ऐसा लग रहा था कि टीम इंडिया बहुत जल्दी ऑल आउट हो जाएगी. अब पॉली उमरीगर और विजय मांजरेकर मैदान पर थे. दोनों को संभलकर खेलना था. फिर दोनों बल्लेबाज़ों ने शानदार खेल दिखाया और भारत की पारी को आगे ले गए. दोनों के बीच तीसरे विकेट के लिए 238 रन की साझेदारी हुई. विजय मांजरेकर तीसरे विकेट के रूप में 118 रन बनाकर आउट हुए.
न्यूज़ीलैंड के खिलाफ पहले टेस्ट में उमरीगर ने ठोका दोहरा शतक
न्यूज़ीलैंड के खिलाफ फिर कृपाल सिंह और उमरीगर के बीच 171 रन की साझेदारी हुई. उमरीगर ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए 26 चौके की मदद से 223 की रिकॉर्ड पारी खेली. न्यूज़ीलैंड के खिलाफ टीम इंडिया की तरफ से यह सर्वाधिक स्कोर था. कृपाल सिंह ने भी इस मैच में शतक ठोका था. इन तीनों खिलाड़ियों की शानदार बल्लेबाजी के वजह से यह टेस्ट मैच ड्रा रहा था. एसपी गुप्ते ने भी इस मैच में शानदार गेंदबाज़ी करते हुए आठ विकेट लिए थे, पहली पारी में उनको सात विकेट मिले थे जबकि दूसरी पारी में वह एक विकेट लेने में कामयाब हुए थे.
दूसरे टेस्ट में वीनू मांकड़ ने ठोका दोहरा शतक
2, दिसंबर 1955 दोनों टीमों के बीच दूसरा टेस्ट मैच शुरू हुआ .पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत ने सिर्फ 63 रन पर तीन विकेट गवां दिए थे लेकिन सलामी बल्लेबाज वीनू मांकड़ ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए भारत की पारी को आगे बढ़ाया था. मांकड़ ने सलामी बल्लेबाज के रूप में न्यूज़ीलैंड के खिलाफ दोहरा शतक ठोकते हुए 223 का पारी खेली थी. टीम इंडिया इस मैच को एक पारी और 27 रन से जीत गई थी. इस मैच में एसपी गुप्ते ने भी शानदार गेंदबाज़ी करते हुए आठ विकेट लिए थे. न्यूज़ीलैंड के खिलाफ यह भारत की पहली जीत थी. दोनों टीमों के बीच खेला गया तीसरा और चौथा टेस्ट मैच ड्रा रहा था. तीसरे टेस्ट में विजय मांजरेकर ने शतक ठोका था जबकि चौथे टेस्ट में पंकज रॉय भी शतक मारने में कामयाब हुए थे.
यह दो टेस्ट रिकॉर्ड जो आजतक नहीं टूट पाया है
आखिरी टेस्ट मैच चेन्नई में खेला गया था और इस मैच दो ऐसे रिकॉर्ड बने थे जो दोनों टीमों के बीच 60 साल के क्रिकेट इतिहास में नहीं टूट पाया है. इन जो दो रिकॉर्ड की बात हो रही है वह हैं न्यूज़ीलैंड के खिलाफ किसी भारतीय बल्लेबाज का सर्वाधिक स्कोर और पहले विकेट के लिए सर्वाधिक साझेदारी. 2, दिसंबर 1955 को मुम्बई में दोनों टीमों के बीच इस सीरीज का आखिरी टेस्ट मैच खेला गया.
भारत ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी की थी.भारत की ओर से सलामी बल्लेबाजी करने आए पंकज रॉय और वीनू मांकड़ के बीच पहले विकेट के लिए 413 रन की साझेदारी हुई. भारत के लिए किसी भी विकेट और किसी भी टीम के खिलाफ यह सबसे बड़ी साझेदारी है. बल्लेबाज के रूप में वीनू मांकड़ ने इस मैच में 231 रन बनाकर रिकॉर्ड कायम किया. भारत की तरफ से न्यूज़ीलैंड के खिलाफ यह सर्वाधिक व्यक्तिगत स्कोर है. आजतक यह दोनों रिकॉर्ड नहीं टूट पाया है. पंकज रॉय ने इस मैच में 173 रन बनाए थे जो उनके टेस्ट करियर का सर्वाधिक स्कोर रहा. भारत ने आखिरी टेस्ट मैच जीतकर न्यूज़ीलैंड खिलाफ पहली टेस्ट सीरीज़ जीतने का गौरव हासिल किया था. एसपी गुप्ते ने इस पूरी सीरीज में शानदार गेंदबाज़ी की थी और पांच मैचों में 34 विकेट लिए थे.
एक सीरिज़ में न्यूज़ीलैंड के खिलाफ तीन दोहरा शतक का रिकॉर्ड
न्यूज़ीलैंड के खिलाफ इस टेस्ट में ऐसा एक रिकॉर्ड बना है जो नहीं टूट पाया है. इस टेस्ट सीरीज में टीम इंडिया के बल्लेबाज़ों ने तीन दोहरे शतक ठोके थे. पहले टेस्ट मैच में पॉली उमरीगर ने दोहरा शतक(223) ठोका था जबकि दूसरे और आखिरी टेस्ट मैच में वीनू मांकड़ ने दोहरे शतक (223 और 231) बनाए थे.
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