रवींद्र जडेजा ने इंदौर टेस्ट में रन के लिए पिच के बीचोंबीच दौड़ लगा दी (फोटो : AFP)
इंदौर:
टीम इंडिया ने इंदौर टेस्ट में अपनी पकड़ फिलहाल काफी मजबूत कर ली है. दूसरे दिन विराट कोहली के कप्तानी दोहरे शतक और अजिंक्य रहाणे की जुझारू पारी से टीम इंडिया ने पहली पारी में 557 रन का विशाल स्कोर खड़ाकर पारी घोषित कर दी. रविवार को जहां दिनभर विराट और रहाणे की धूम रही, वहीं चायकाल के बाद अंतिम सत्र में टीम को उस समय चेतावनी और पेनल्टी का सामना करना पड़ा, जब रवींद्र जडेजा एक नियम तोड़ बैठे. उन्होंने ऐसा एक बार नहीं बल्कि चार बार किया. इसका खामियाजा भी उन्हें भुगतना पड़ा और उन्होंने अपनी मैच फीस का कुछ हिस्सा गंवा दिया है. आगे ऐसी गलती करने पर उन पर कुछ मैचों का प्रतिबंध भी लग सकता है. उनकी इस गलती की सजा टीम इंडिया को भी मिली है... आइए जानते हैं कि आखिर हुआ क्या और क्या है डेंजर एरिया, जो इसका कारण रहा...
मैच फीस कटी, 3 डीमेरिट अंक जुड़े
यह बात टीम इंडिया की पहली पारी के अंतिम दूसरे ओवर की है. 168वें ओवर में रोहित शर्मा और रवींद्र जडेजा बल्लेबाजी कर रहे थे. उस समय रोहित 37 और जडेजा 16 रन पर खेल रहे थे. जडेजा ने शॉट खेलने के बाद पिच के बींचोबीच (डेंजर एरिया में) दौड़ लगा दी. इससे पहले भी वह ऐसा कर चुके थे और अंपायर ने उन्हें ऐसा न करने की दो बार अनौपचारिक और एक आधिकारिक चेतावनी दी थी. ऐसे में जब जडेजा ने चौथी बार वही गलती की, तो अंपायर ब्रूस ऑक्सेनफोर्ड ने उन्हें दूसरी सख्त चेतावनी देते हुए 5 रन की पेनल्टी लगी दी. ऐसे में न्यूजीलैंड के स्कोर में बिना बैटिंग किए ही 5 रन जुड़ गए. इतना ही नहीं मैच रेफरी डेविड बून ने उनकी 50 प्रतिशत मैच फीस भी काट ली है और उनके नाम 3 डीमेरिट अंक जोड़ दिए गए हैं. इसके अगले ही ओवर में विराट कोहली ने 557 रन पर पारी समाप्ति की घोषणा कर दी.
आईसीसी के नियम के मुताबिक यदि रवींद्र जडेजा के खाते में अगले 24 माह के दौरान 4 या अधिक डीमेरिट अंक जुड़ जाते हैं, तो यह अंक कम सेकम दो सस्पेंशन अंकों में तब्दील हो जाएंगे और उन पर अगले मैच या मैचों के लिए प्रतिबंध लग सकता है. दो सस्पेंशन अंकों का मतलब होता है- एक टेस्ट या दो वनडे या दो टी-20 का प्रतिबंध.
डेंजर एरिया और इसका नुकसान
डेंजर एरिया (Danger Area) यानी स्टंप्स की सीध में पिच का सुरक्षित क्षेत्र, जहां पर गेंदबाज आमतौर पर गेंद को टप्पा देते हैं. स्टंप्स के नजदीक बीचोंबीच स्थित इस दो फीट लंबे एरिया पर न तो गेंदबाजों और न ही बल्लेबाजों को दौड़ने की इजाजत होती है. यदि इस एरिया में स्पॉट आ जाते हैं या उसमें गढ्ढे आ जाते हैं, तो पिच पर गेंद अनियमित उछाल ले सकती है यानी अचानक नीची रह जाती है या ऊपर उठती है या ज्यादा टर्न ले सकती है... इससे बल्लेबाज को चोट भी लग सकती है और वह आउट भी हो सकता है... आमतौर पर इससे स्पिनरों को ज्यादा फायदा मिलता है... कई बार बल्लेबाज या खुद गेंदबाज खासतौर से पेसर जानबूझकर ऐसा करते हैं, जिससे साथी स्पिनरों को फायदा मिले... इसीलिए यह नियम बनाया गया है कि कोई भी बल्लेबाज रन लते समय डेंजर एरिया में नहीं दौड़ेगा और यदि वह ऐसा करता है, तो पहली बार में अंपायर उसे चेतावनी देते हैं, फिर दूसरी बार में गलती की गंभीरता को देखते हुए टीम पर रनों की पेनल्टी लगा सकते हैं, मैच फीस काट सकते हैं या यदि गेंदबाज है, तो उसे आगे गेंदबाजी करने से रोक भी सकते हैं..
खुद जडेजा को होता फायदा!
सबसे बड़ा सवाल यह है कि कहीं जडेजा जानबूझकर तो ऐसा नहीं कर रहे थे. ऐसा हो भी सकता है, क्योंकि विकेट बल्लेबाजी के लिए अनुकूल दिख रहा था. जाहिर है स्पिनरों को भी मदद मिलती नहीं दिख रही थी और टीम इंडिया बड़ा स्कोर बना चुकी थी और जल्द ही गेंदबाजी करने उतरने वाली थी, तो ऐसे में पिच पर स्पॉट्स का फायदा टीम इंडिया के गेंदबाजों को ही मिलने की संभावना अधिक थी. खासतौर से खुद जडेजा और उनके साथी स्पिनर आर अश्विन को इसका सीधा फायदा मिलता दिख रहा था...
खराब पिच पर अत्यधिक खतरनाक होते हैं जडेजा
रवींद्र जडेजा टीम इंडिया के लिए बल्ले से भले ही कभी कभार योगदान देते हों, लेकिन गेंदबाजी में काफी प्रभावी रहते हैं. खासतौर से घरेलू पिच पर उनका कोई जवाब नहीं. ऐसे में यदि पिच उनके अनुकूल मिल जाए, तो विरोधी टीम के बल्लेबाजों के लिए उन्हें खेलना लगभग नामुमकिन होता है और वह उन्हें पलभर में पैवेलियन लौटा देते हैं.
कानपुर टेस्ट में रहे थे चर्चा में
रवींद्र जडेजा को तलवारबाजी का शौक है, लेकिन उन्होंने इसका प्रदर्शन कानपुर टेस्ट में फिफ्टी बनाने के बाद बल्ले से किया था. जैसे ही उन्होंने 58 गेंदों में फिफ्टी (3 छक्के, 2 चौके) पूरी की, तो सेलिब्रेशन के दौरान बल्ले को ऐसे घुमाने लगे, जैसे तलवार चला रहे हों. उसी समय कप्तान विराट कोहली ने पारी घोषित कर दी और रोहित शर्मा और जडेजा का वापस लौटने का इशारा किया, लेकिन जडेजा कहां रुकने वाले थे, उन्होंने अपना सेलिब्रेशन जारी रखा और बल्ले को तलवार की तरह भांजते रहे. विराट ने जब देखा कि जडेजा तो रुक ही नहीं रहे, तो फिर उन्होंने मुस्कराते हुए खुद भी‘तलवार’ घुमाना का इशारा करके उसे बंद करने और वापस आने का संकेत दिया. तब कहीं जडेजा ने अपना एक्शन बंद किया और वापस लौटे.
मैच फीस कटी, 3 डीमेरिट अंक जुड़े
यह बात टीम इंडिया की पहली पारी के अंतिम दूसरे ओवर की है. 168वें ओवर में रोहित शर्मा और रवींद्र जडेजा बल्लेबाजी कर रहे थे. उस समय रोहित 37 और जडेजा 16 रन पर खेल रहे थे. जडेजा ने शॉट खेलने के बाद पिच के बींचोबीच (डेंजर एरिया में) दौड़ लगा दी. इससे पहले भी वह ऐसा कर चुके थे और अंपायर ने उन्हें ऐसा न करने की दो बार अनौपचारिक और एक आधिकारिक चेतावनी दी थी. ऐसे में जब जडेजा ने चौथी बार वही गलती की, तो अंपायर ब्रूस ऑक्सेनफोर्ड ने उन्हें दूसरी सख्त चेतावनी देते हुए 5 रन की पेनल्टी लगी दी. ऐसे में न्यूजीलैंड के स्कोर में बिना बैटिंग किए ही 5 रन जुड़ गए. इतना ही नहीं मैच रेफरी डेविड बून ने उनकी 50 प्रतिशत मैच फीस भी काट ली है और उनके नाम 3 डीमेरिट अंक जोड़ दिए गए हैं. इसके अगले ही ओवर में विराट कोहली ने 557 रन पर पारी समाप्ति की घोषणा कर दी.
आईसीसी के नियम के मुताबिक यदि रवींद्र जडेजा के खाते में अगले 24 माह के दौरान 4 या अधिक डीमेरिट अंक जुड़ जाते हैं, तो यह अंक कम सेकम दो सस्पेंशन अंकों में तब्दील हो जाएंगे और उन पर अगले मैच या मैचों के लिए प्रतिबंध लग सकता है. दो सस्पेंशन अंकों का मतलब होता है- एक टेस्ट या दो वनडे या दो टी-20 का प्रतिबंध.
डेंजर एरिया और इसका नुकसान
डेंजर एरिया (Danger Area) यानी स्टंप्स की सीध में पिच का सुरक्षित क्षेत्र, जहां पर गेंदबाज आमतौर पर गेंद को टप्पा देते हैं. स्टंप्स के नजदीक बीचोंबीच स्थित इस दो फीट लंबे एरिया पर न तो गेंदबाजों और न ही बल्लेबाजों को दौड़ने की इजाजत होती है. यदि इस एरिया में स्पॉट आ जाते हैं या उसमें गढ्ढे आ जाते हैं, तो पिच पर गेंद अनियमित उछाल ले सकती है यानी अचानक नीची रह जाती है या ऊपर उठती है या ज्यादा टर्न ले सकती है... इससे बल्लेबाज को चोट भी लग सकती है और वह आउट भी हो सकता है... आमतौर पर इससे स्पिनरों को ज्यादा फायदा मिलता है... कई बार बल्लेबाज या खुद गेंदबाज खासतौर से पेसर जानबूझकर ऐसा करते हैं, जिससे साथी स्पिनरों को फायदा मिले... इसीलिए यह नियम बनाया गया है कि कोई भी बल्लेबाज रन लते समय डेंजर एरिया में नहीं दौड़ेगा और यदि वह ऐसा करता है, तो पहली बार में अंपायर उसे चेतावनी देते हैं, फिर दूसरी बार में गलती की गंभीरता को देखते हुए टीम पर रनों की पेनल्टी लगा सकते हैं, मैच फीस काट सकते हैं या यदि गेंदबाज है, तो उसे आगे गेंदबाजी करने से रोक भी सकते हैं..
रवींद्र जडेजा टर्निंग ट्रैक पर काफी घातक साबित होते हैं (फाइल फोटो)
खुद जडेजा को होता फायदा!
सबसे बड़ा सवाल यह है कि कहीं जडेजा जानबूझकर तो ऐसा नहीं कर रहे थे. ऐसा हो भी सकता है, क्योंकि विकेट बल्लेबाजी के लिए अनुकूल दिख रहा था. जाहिर है स्पिनरों को भी मदद मिलती नहीं दिख रही थी और टीम इंडिया बड़ा स्कोर बना चुकी थी और जल्द ही गेंदबाजी करने उतरने वाली थी, तो ऐसे में पिच पर स्पॉट्स का फायदा टीम इंडिया के गेंदबाजों को ही मिलने की संभावना अधिक थी. खासतौर से खुद जडेजा और उनके साथी स्पिनर आर अश्विन को इसका सीधा फायदा मिलता दिख रहा था...
खराब पिच पर अत्यधिक खतरनाक होते हैं जडेजा
रवींद्र जडेजा टीम इंडिया के लिए बल्ले से भले ही कभी कभार योगदान देते हों, लेकिन गेंदबाजी में काफी प्रभावी रहते हैं. खासतौर से घरेलू पिच पर उनका कोई जवाब नहीं. ऐसे में यदि पिच उनके अनुकूल मिल जाए, तो विरोधी टीम के बल्लेबाजों के लिए उन्हें खेलना लगभग नामुमकिन होता है और वह उन्हें पलभर में पैवेलियन लौटा देते हैं.
कानपुर टेस्ट में रहे थे चर्चा में
रवींद्र जडेजा को तलवारबाजी का शौक है, लेकिन उन्होंने इसका प्रदर्शन कानपुर टेस्ट में फिफ्टी बनाने के बाद बल्ले से किया था. जैसे ही उन्होंने 58 गेंदों में फिफ्टी (3 छक्के, 2 चौके) पूरी की, तो सेलिब्रेशन के दौरान बल्ले को ऐसे घुमाने लगे, जैसे तलवार चला रहे हों. उसी समय कप्तान विराट कोहली ने पारी घोषित कर दी और रोहित शर्मा और जडेजा का वापस लौटने का इशारा किया, लेकिन जडेजा कहां रुकने वाले थे, उन्होंने अपना सेलिब्रेशन जारी रखा और बल्ले को तलवार की तरह भांजते रहे. विराट ने जब देखा कि जडेजा तो रुक ही नहीं रहे, तो फिर उन्होंने मुस्कराते हुए खुद भी‘तलवार’ घुमाना का इशारा करके उसे बंद करने और वापस आने का संकेत दिया. तब कहीं जडेजा ने अपना एक्शन बंद किया और वापस लौटे.
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