Jammu-Kashmir beats Delhi: दिल्ली क्रिकेट को नयी शर्मिंदगी से दोचार होना पड़ा जब सलामी बल्लेबाज कामरान इकबाल के शानदार शतक की बदौलत जम्मू-कश्मीर ने मंगलवार को यहां उसे सात विकेट से शिकस्त देकर उसके खिलाफ रणजी ट्रॉफी में 65 साल में पहली जीत दर्ज की. दिल्ली क्रिकेट की गिरती साख का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि टीम तीन घरेलू मैचों में सिर्फ चार अंक हासिल कर सकी है. टीम कुल सात अंकों के साथ ग्रुप डी में आठ टीमों के बीच छठे स्थान पर है और उसे नॉकआउट के लिए क्वालीफाई के लिए चमत्कार की जरूरत होगी. सात बार की रणजी चैंपियन दिल्ली की टीम के इस तरह के पतन के कई कारण है. इसमें संदिग्ध चयन,खराब रणनीतियां,चतुर कप्तानी के अभाव के अलावा दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (DDCA) में गुटबाजी और अंदरूनी कलह प्रमुख है.
इकबाल का शानदार शतक
दिल्ली और जम्मू-कश्मीर की टीमों ने 1960 से अब तक 43 बार एक दूसरे का आमना-सामना किया है और इनमें से 37 मैचों में दिल्ली ने जीत दर्ज की है, जबकि जम्मू कश्मीर की यह पहली जीत है. जीत के लिए 179 रन का पीछा कर रही जम्मू कश्मीर को मैच के आखिरी दिन 124 रन की जरूरत थी. सलामी बल्लेबाज इकबाल ने 147 गेंद में नाबाद 133 रन बनाकर जम्मू कश्मीर को आसान जीत दिला दी.

कप्तान पारस डोगरा का भी रहा शानदार प्रदर्शन
जम्मू कश्मीर ने दिन की शुरुआत दूसरी पारी में 55 रन पर दो विकेट से आगे से की. इकबाल ने नाइट वॉचमैन वंशज शर्मा (60 गेंद में आठ रन) के साथ तीसरे विकेट के लिए 82 रन की साझेदारी कर दिल्ली को जीत से दूर कर दिया. बीते दिन जिस पिच पर बल्लेबाजों को परेशानी का सामना करना पड़ा था, वहां इकबाल ने जिम्मेदारी उठाते हुए मनन भारद्वाज और ऋतिक शौकिन जैसे दिल्ली के स्पिनरों के खिलाफ बेखौफ बल्लेबाजी की. इन स्पिनरों को पिच से कोई खास मदद नहीं मिली. इकबाल ने शतकीय पारी के दौरान एक हाथ से स्लॉग स्वीप पर मन मुताबिक बाउंड्री लगाईं. जम्म-कश्मीर के कप्तान 40 साल के दिग्गज पारस डोगरा ने भी इस मैच की पहली पारी में शतक लगाकर टीम की जीत में अहम योगदान दिया.
सख्त कार्रवाई कर सकते हैं रोहन जेटली
दिल्ली के पिछले सत्र में खराब प्रदर्शन के बावजूद एक गुट के दबाव में शरनदीप को मुख्य कोच बनाए रखा गया. कप्तान आयुष बदोनी ने अपनी बल्लेबाजी से प्रभावित किया लेकिन डीपीएल में शीर्ष स्कोरर अर्पित राणा अच्छी तेज गेंदबाजी का डटकर सामना नहीं कर पाये. प्रियांश आर्य जैसे आक्रामक सलामी बल्लेबाज को पहले दो मैचों में बेंच पर बैठाया गया और फिर चौथे नंबर पर खेलने के लिए मजबूर होना पड़ा. इस हार के बाद डीडीसीए अध्यक्ष रोहन जेटली के सख्त रुख अपनाने की उम्मीद है.
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