ऋषभ पंत ने अंडर-19 वर्ल्डकप में भी शानदार प्रदर्शन किया था (फाइल फोटो)
मुंबई:
जूनियर वर्ल्डकप में टीम इंडिया के प्रमुख सदस्य और विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत के आकर्षक तिहरे शतक के बावजूद दिल्ली रणजी ट्रॉफी ग्रुप 'बी 'के आज यहां ड्रॉ छूटे मैच में महाराष्ट्र के खिलाफ पहली पारी में बढ़त लेने में नाकाम रहा जिससे उसे कोई अंक नहीं मिला.
बल्लेबाजों के लिये स्वर्ग बनी वानखेड़े स्टेडियम की पिच पर पंत ने 308 रन की शानदार पारी खेली लेकिन दिल्ली का कोई भी अन्य बल्लेबाज अर्धशतक तक भी नहीं पहुंच पाया और उसकी टीम 590 रन पर आउट हो गई. महाराष्ट्र ने अपनी पहली पारी दो विकेट पर 635 रन बनाकर समाप्त घोषित की थी और इस तरह से उसे 45 रन की बढ़त हासिल हुई. महाराष्ट्र ने मैच समाप्ति की घोषणा किये जाने तक अपनी दूसरी पारी में बिना किसी नुकसान के 58 रन बनाए थे.
महाराष्ट्र की पहली पारी में स्वप्निल गुगाले ने नाबाद 351 रन बनाए थे. रणजी में यह केवल दूसरा अवसर है जबकि एक मैच में दो तिहरे शतक बने. इससे पहले 1988-89 में डब्ल्यूवी रमन और एजी कृपाल सिंह ने तमिलनाडु और गोवा के बीच खेले गये मैच में तिहरे शतक जमाए थे. गुगाले ने अंकित बावने (नाबाद 258) के साथ तीसरे विकेट के लिये 594 रन की रिकॉर्ड साझेदारी की थी. मैच के चौथे और आखिरी दिन के खेल का आकर्षण पंत का शतक रहा. यह युवा बल्लेबाज 514 मिनट तक क्रीज पर टिका रहा और उन्होंने 326 गेंदों का सामना करके 42 चौके और नौ छक्के लगाए. पंत ने सुबह 155 रन से अपनी पारी आगे बढ़ाई थी. तब दिल्ली का स्कोर पांच विकेट पर 376 रन था.
पंत को वरुण सूद (32) ने अच्छा सहयोग दिया. इन दोनों ने मिलकर सातवें विकेट के लिये 182 रन की साझेदारी की. पंत के आउट होने से हालांकि दिल्ली की पहली पारी में बढ़त हासिल करके तीन अंक लेने की उम्मीदें समाप्त हो गई. महाराष्ट्र की तरफ से मोहसिन सैयद और चिराग खुराना ने तीन-तीन विकेट लिए. जब मैच ड्रॉ समाप्त करने की घोषणा की गई तब हर्षद खादीवाले 38 और खुराना 19 रन पर खेल रहे थे.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
बल्लेबाजों के लिये स्वर्ग बनी वानखेड़े स्टेडियम की पिच पर पंत ने 308 रन की शानदार पारी खेली लेकिन दिल्ली का कोई भी अन्य बल्लेबाज अर्धशतक तक भी नहीं पहुंच पाया और उसकी टीम 590 रन पर आउट हो गई. महाराष्ट्र ने अपनी पहली पारी दो विकेट पर 635 रन बनाकर समाप्त घोषित की थी और इस तरह से उसे 45 रन की बढ़त हासिल हुई. महाराष्ट्र ने मैच समाप्ति की घोषणा किये जाने तक अपनी दूसरी पारी में बिना किसी नुकसान के 58 रन बनाए थे.
महाराष्ट्र की पहली पारी में स्वप्निल गुगाले ने नाबाद 351 रन बनाए थे. रणजी में यह केवल दूसरा अवसर है जबकि एक मैच में दो तिहरे शतक बने. इससे पहले 1988-89 में डब्ल्यूवी रमन और एजी कृपाल सिंह ने तमिलनाडु और गोवा के बीच खेले गये मैच में तिहरे शतक जमाए थे. गुगाले ने अंकित बावने (नाबाद 258) के साथ तीसरे विकेट के लिये 594 रन की रिकॉर्ड साझेदारी की थी. मैच के चौथे और आखिरी दिन के खेल का आकर्षण पंत का शतक रहा. यह युवा बल्लेबाज 514 मिनट तक क्रीज पर टिका रहा और उन्होंने 326 गेंदों का सामना करके 42 चौके और नौ छक्के लगाए. पंत ने सुबह 155 रन से अपनी पारी आगे बढ़ाई थी. तब दिल्ली का स्कोर पांच विकेट पर 376 रन था.
पंत को वरुण सूद (32) ने अच्छा सहयोग दिया. इन दोनों ने मिलकर सातवें विकेट के लिये 182 रन की साझेदारी की. पंत के आउट होने से हालांकि दिल्ली की पहली पारी में बढ़त हासिल करके तीन अंक लेने की उम्मीदें समाप्त हो गई. महाराष्ट्र की तरफ से मोहसिन सैयद और चिराग खुराना ने तीन-तीन विकेट लिए. जब मैच ड्रॉ समाप्त करने की घोषणा की गई तब हर्षद खादीवाले 38 और खुराना 19 रन पर खेल रहे थे.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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