मुंबई:
देश के अग्रणी घरेलू क्रिकेट टूर्नामेंट रणजी ट्रॉफी के मौजूदा सत्र के समापन का वक्त आ गया है। शनिवार से मुम्बई और सौराष्ट्र की टीमें वानखेड़े स्टेडियम में खिताबी जंग के लिए आमने-सामने होंगी। इस मुकाबले से यह साफ हो जाएगा कि मुम्बई 40वीं बार खिताब जीतेगा या फिर सौराष्ट्र 75 साल बाद फिर विजेता बनने का गौरव हासिल करेगा।
मुम्बई ने दिल्ली के पालम एअरफोर्स मैदान पर खेले गए दूसरे सेमीफाइनल मुकाबले में सर्विसेज को पहली पारी के आधार पर पीछे छोड़ते हुए फाइनल में जगह बनाई है। दूसरी ओर सर्विसेज ने अपने घरेलू मैदान पर खेले गए पहले सेमीफाइनल में पंजाब को 229 रनों से करारी शिकस्त दी थी।
मुम्बई की टीम 44वीं बार फाइनल में पहुंची है और 39 बार खिताब जीत चुकी है। सौराष्ट्र के लिए यह आंकड़ा किसी सपने की तरह है क्योंकि वह नए नाम के साथ खेलते हुए 75 साल के बाद फाइनल में पहुंची है। इससे पहले उसने नवांनगर रियासत के नाम से फाइनल में स्थान बनाया था और खिताब भी जीता था।
मुम्बई को जहां भारतीय टीम के धुरंधर बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर और जहीर खान जैसे अनुभवी खिलाड़ियों की सेवाएं मिलेंगी वहीं सौराष्ट्र को अपने दो सबसे बड़े स्टार-चेतेश्वर पुजारा और रवींद्र जडेजा के बगैर ही चुनौती पेश करनी होगी। पुजारा और जडेजा इन दिनों भारत की सीनियर टीम को सेवाएं दे रहे हैं। सौराष्ट्र ने हालांकि इन दोनों के बगैर ही पंजाब को हराया था।
मुम्बई ने दिल्ली के पालम एअरफोर्स मैदान पर खेले गए दूसरे सेमीफाइनल मुकाबले में सर्विसेज को पहली पारी के आधार पर पीछे छोड़ते हुए फाइनल में जगह बनाई है। दूसरी ओर सर्विसेज ने अपने घरेलू मैदान पर खेले गए पहले सेमीफाइनल में पंजाब को 229 रनों से करारी शिकस्त दी थी।
मुम्बई की टीम 44वीं बार फाइनल में पहुंची है और 39 बार खिताब जीत चुकी है। सौराष्ट्र के लिए यह आंकड़ा किसी सपने की तरह है क्योंकि वह नए नाम के साथ खेलते हुए 75 साल के बाद फाइनल में पहुंची है। इससे पहले उसने नवांनगर रियासत के नाम से फाइनल में स्थान बनाया था और खिताब भी जीता था।
मुम्बई को जहां भारतीय टीम के धुरंधर बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर और जहीर खान जैसे अनुभवी खिलाड़ियों की सेवाएं मिलेंगी वहीं सौराष्ट्र को अपने दो सबसे बड़े स्टार-चेतेश्वर पुजारा और रवींद्र जडेजा के बगैर ही चुनौती पेश करनी होगी। पुजारा और जडेजा इन दिनों भारत की सीनियर टीम को सेवाएं दे रहे हैं। सौराष्ट्र ने हालांकि इन दोनों के बगैर ही पंजाब को हराया था।
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