चिन्नास्वामी स्टेडियम (फाइल फोटो).
नई दिल्ली:
क्रिकेट स्टेडियम में अपने फेवरेट खिलाड़ी को खेलते हुए देखने के लिए दर्शक हजारों रुपये खर्च करते हैं, लेकिन जब बारिश विलेन बन जाए तो सभी का दिल टूट जाता है. टिकट के पूरे पैसे देने के बाद कभी-कभी बारिश की वजह से मैच रद्द होता है या फिर ओवरों में कटौती की जाती है जिससे दर्शकों का मजा कम हो जाता है. ऐसे में दर्शक उदास मन से घर लौटते हैं और आयोजकों को भी काफी नुकसान उठाना पड़ता है लेकिन अब ऐसा नहीं होगा.
बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम ने विदेशी कंपनी की मदद से एक ऐसा सिस्टम लगाया है जिससे मैदान में जमा पानी चंद मिनटों में जादू की तरह से गायब हो जाता है. कर्नाटक स्टेट क्रिकेट स्टेडियम के पदाधिकारियों ने इसका वीडियो अपने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया. इसके डालते ही हजारों फ़ैन्स ने वीडियो को शेयर भी किया.
इस सिस्टम के द्वारा आउटफील्ड गीला होने पर क्रिकेट मैच को रद्द नहीं करना पड़ेगा. इस नई तकनीक को अमेरिका की कंपनी सबएयर सिस्टम ने लगाया है. बारिश का पानी जमीन को छूते ही यह सिस्टम काम करने लगता है और ग्रेवेटी से 36 गुनी तेजी से ग्राउंड में मौजूद नमी को सोख लेता है. अमेरिकी कंपनी के मुताबिक यह सिस्टम मैदान में मौजूद 10 हजार लीटर पानी एक मिनट में सोख सकता है. इस सिस्टम को ग्राउंड में लगाने के लिए 40 साल पुराने मैदान की मिट्टी को निकालकर जमीन के अंदर पाइप डाला गया.
सिस्टम कैसे काम करना है और चिन्नास्वामी स्टेडियम में कैसे लगया गया ये इस वीडियों में देख सकते हैं.
भारत में यह पहली बार है कि ऐसा सिस्टम क्रिकेट के मैदान में लगाया जा रहा है. वैसे गोल्फ़ के मैदान के साथ-साथ अमेरिका में रग्बी और फुटबॉल स्टेडियमों में मैदान सुखाने में ऐसी तकनीक का इस्तेमाल किया जाता रहा है.
बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम ने विदेशी कंपनी की मदद से एक ऐसा सिस्टम लगाया है जिससे मैदान में जमा पानी चंद मिनटों में जादू की तरह से गायब हो जाता है. कर्नाटक स्टेट क्रिकेट स्टेडियम के पदाधिकारियों ने इसका वीडियो अपने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया. इसके डालते ही हजारों फ़ैन्स ने वीडियो को शेयर भी किया.
इस सिस्टम के द्वारा आउटफील्ड गीला होने पर क्रिकेट मैच को रद्द नहीं करना पड़ेगा. इस नई तकनीक को अमेरिका की कंपनी सबएयर सिस्टम ने लगाया है. बारिश का पानी जमीन को छूते ही यह सिस्टम काम करने लगता है और ग्रेवेटी से 36 गुनी तेजी से ग्राउंड में मौजूद नमी को सोख लेता है. अमेरिकी कंपनी के मुताबिक यह सिस्टम मैदान में मौजूद 10 हजार लीटर पानी एक मिनट में सोख सकता है. इस सिस्टम को ग्राउंड में लगाने के लिए 40 साल पुराने मैदान की मिट्टी को निकालकर जमीन के अंदर पाइप डाला गया.
सिस्टम कैसे काम करना है और चिन्नास्वामी स्टेडियम में कैसे लगया गया ये इस वीडियों में देख सकते हैं.
भारत में यह पहली बार है कि ऐसा सिस्टम क्रिकेट के मैदान में लगाया जा रहा है. वैसे गोल्फ़ के मैदान के साथ-साथ अमेरिका में रग्बी और फुटबॉल स्टेडियमों में मैदान सुखाने में ऐसी तकनीक का इस्तेमाल किया जाता रहा है.
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