नई दिल्ली:
पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ ने महेंद्र सिंह धोनी को ही कप्तान बनाए रखने की हिमायत करते हुए कहा है कि भविष्य में चयनकर्ता उन्हें किसी एक प्रारूप की जिम्मेदारी से फारिग करके उनका बोझ कम कर सकते हैं।
द्रविड़ ने कहा, धोनी के नजरिये से ही देखें तो आप हमेशा एक खिलाड़ी के तौर पर उसका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन देखना चाहेंगे। वह एक बल्लेबाज और विकेटकीपर के तौर पर काफी योगदान दे सकता है और हम उसका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन देखना चाहते हैं। उन्होंने कहा, मुझे नहीं लगता कि हम इसे खोना चाहेंगे। निकट भविष्य में उसे एक प्रारूप में कप्तानी की जिम्मेदारी से मुक्त करना होगा ताकि वह एक खिलाड़ी के तौर पर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर सके। चयनकर्ताओं को यह फैसला लेना होगा। पिछले साल आठ टेस्ट में मिली हार के बावजूद द्रविड़ ने कहा कि धोनी को नाकामियों से सीखने का एक मौका दिया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, धोनी को मौका मिलना ही चाहिए। भले ही पिछला साल निराशाजनक रहा हो, लेकिन उसने विश्व कप जीता और हम टेस्ट रैंकिंग में नंबर वन रहे। उन्होंने कहा, यदि इतनी जल्दी उस पर दबाव डालेंगे या धोनी जैसे कप्तान को बदलेंगे तो मुझे नहीं लगता कि यह पता चल सकेगा कि उसने पिछले साल से क्या सीखा।
धोनी ने सभी प्रारूपों में 318 मैचों में से 203 में भारत की कप्तानी की है। द्रविड़ ने धोनी को सलाह दी कि वह सिर्फ इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आगामी शृंखलाओं पर फोकस न करें बल्कि भारत के अगले विदेश दौरों पर भी सोचें।
उन्होंने यह भी कहा कि विराट कोहली भावी कप्तान हो सकते हैं, बशर्ते उसकी कामयाबी का दौर अगले साल भी जारी रहे।
उन्होंने कहा, अगले 12 महीने में भी यह खेल के तीनों प्रारूपों में खुद को स्थापित कर पाता है तो कप्तान के तौर पर उसके नाम पर विचार किया जा सकता है।
द्रविड़ ने कहा, धोनी के नजरिये से ही देखें तो आप हमेशा एक खिलाड़ी के तौर पर उसका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन देखना चाहेंगे। वह एक बल्लेबाज और विकेटकीपर के तौर पर काफी योगदान दे सकता है और हम उसका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन देखना चाहते हैं। उन्होंने कहा, मुझे नहीं लगता कि हम इसे खोना चाहेंगे। निकट भविष्य में उसे एक प्रारूप में कप्तानी की जिम्मेदारी से मुक्त करना होगा ताकि वह एक खिलाड़ी के तौर पर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर सके। चयनकर्ताओं को यह फैसला लेना होगा। पिछले साल आठ टेस्ट में मिली हार के बावजूद द्रविड़ ने कहा कि धोनी को नाकामियों से सीखने का एक मौका दिया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, धोनी को मौका मिलना ही चाहिए। भले ही पिछला साल निराशाजनक रहा हो, लेकिन उसने विश्व कप जीता और हम टेस्ट रैंकिंग में नंबर वन रहे। उन्होंने कहा, यदि इतनी जल्दी उस पर दबाव डालेंगे या धोनी जैसे कप्तान को बदलेंगे तो मुझे नहीं लगता कि यह पता चल सकेगा कि उसने पिछले साल से क्या सीखा।
धोनी ने सभी प्रारूपों में 318 मैचों में से 203 में भारत की कप्तानी की है। द्रविड़ ने धोनी को सलाह दी कि वह सिर्फ इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आगामी शृंखलाओं पर फोकस न करें बल्कि भारत के अगले विदेश दौरों पर भी सोचें।
उन्होंने यह भी कहा कि विराट कोहली भावी कप्तान हो सकते हैं, बशर्ते उसकी कामयाबी का दौर अगले साल भी जारी रहे।
उन्होंने कहा, अगले 12 महीने में भी यह खेल के तीनों प्रारूपों में खुद को स्थापित कर पाता है तो कप्तान के तौर पर उसके नाम पर विचार किया जा सकता है।
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