
एक दिन पहले ही बीसीसीआई ने भारतीय महिला क्रिकेट टीम के नए कोच के नाम का क्या ऐलान किया कि चारों तरफ से विवाद पैदा हो गए! पहले हटाए गए कोच रमेश पोवार (Ramesh Powar) पर उंगली उठी, तो सवाल क्रिकेट सलाहकार कमेटी (CEC) और चयन समिति के लिए भी खड़े हो गए. वहीं अब फिर से अनुबंधित न किए जाने वाले पिछले कोच और पूर्व अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर डब्ल्यू. वी. रमन का दर्द सामने आया है और उन्होंने बड़े आरोप लगाए हैं.
So, to wind up this @BCCIWomen episode, I would like to inform my friends in the media that I have no inclination to talk about women's cricket as my tenure has ended.. So, I solicit your cooperation, friends..
— WV Raman (@wvraman) May 14, 2021
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रमन ने आरोप लगाया कि उन्हें बदनाम करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है. उन्होंने बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली से इस पर रोक लगाने का अनुरोध किया. राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी के प्रमुख राहुल द्रविड़ और गांगुली को भेजे पत्र में रमन ने लिखा कि बतौर कोच उनके नाकाबिल होने के अलावा किसी और कारणों से उनकी दावेदारी खारिज की गई है, तो यह ‘ काफी चिंताजनक' है. हालांकि, रमन ने पत्र में उ लोगों के नाम का जिक्र नहीं किया किन लोगों ने उनके खिलाफ अभियान चलाया, लेकिन इस 'खेल' को आसानी से समझा जा सकता है. एक हैरानी भरे फैसले में क्रिकेट सलाहकार समिति ने रमन की बजाय रमेश पोवार को महिला क्रिकेट टीम का मुख्य कोच चुना था. इसके बाद ही अलग-अलग चर्चाओं ने तूल पकड़ लिया था.
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रमन के मार्गदर्शन में भारतीय टीम पिछले साल टी20 विश्व कप के फाइनल में पहुंची थी. रमन ने पत्र में लिखा, ‘मेरा मानना है कि मेरे काम करने के तौर तरीकों को लेकर आपको अलग अलग राय दी गई होगी. उनका मेरी दावेदारी पर कितना असर पड़ा , यह बात करना अब बेमानी है.' उन्होंने कहा, ‘ महत्वपूर्ण यह है कि कलंकित करने वाले इस अभियान ने कुछ बीसीसीआई अधिकारियों का अवांछित ध्यान खींचा है जिस पर स्थायी रोक लगाये जाने की जरूरत है. अगर आपको या किसी पदाधिकारी को सफाई देने की जरूरत है, तो मैं इसके लिये तैयार हूं.'
उन्होंने कहा ,‘‘अगर बतौर कोच मेरे नाकाबिल रहने के अलावा किसी और कारण से मेरी दावेदारी खारिज की गई तो उस फैसले पर कोई बहस नहीं हो सकती, लेकिन चिंताजनक यह है कि मेरी दावेदारी अन्य कारणों से खारिज की गई. रमन ने कहा, ‘खास तौर पर उन लोगों के आरोपों की वजह से जिनका फोकस भारतीय महिला टीम के कल्याण और देश के गौरव की बजाय अपने निजी लक्ष्य हासिल करने पर था.' रमन ने अपने पत्र में किसी का नाम नहीं लिखा, लेकिन समझा जा रहा है कि वह टीम में स्टार संस्कृति के बारे में लिख रहे थे. उनका मानना है कि इससे भलाई की बजाय बुरा अधिक हुआ है.
उन्होंने कहा, ‘अपने 20 साल के कोचिंग कैरियर में मैंने हमेशा ऐसी टीम संस्कृति तैयार की है जिसमें टीम पहले आती है और कोई खिलाड़ी टीम या खेल से बड़ा नहीं है.' उन्होंने कहा, ‘अब समय आ गया है कि आप जैसे दो लीजैंड महिला क्रिकेट को बचायें क्योंकि ऐसा नहीं करने पर चीजें गलत दिशा में चली जायेंगी. मेरे पास महिला क्रिकेट की बेहतरी के लिये सुझाव है और अगर आप इच्छुक हों तो आपके साथ साझा करना चाहूंगा.'
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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं