
हरमनप्रीत कौर ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ नाबाद 171 रन की तूफानी पारी खेली (फाइल फोटो)
मुंबई:
महिला वर्ल्डकप 2017 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली गई तूफानी 171 रन की पारी के कारण हरमनप्रीत कौर देशभर में चर्चा का केंद्र बन गई हैं. पंजाब के मोंगा की हरमनप्रीत में यह आक्रामकता नैसर्गिक रूप से है. उन्होंने छक्के जड़ने की अपनी क्षमता का श्रेय अपने करियर के शुरुआती दिनों में पुरुषों के साथ खेलने को दिया. हरमनप्रीत ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ महिला वर्ल्डकप के सेमीफाइनल में 171 रन की पारी खेली. हरमनप्रीत की 20 चौकों और सात छक्कों से सजी शतकीय पारी की बदौलत भारतीय टीम ने इस मैच में निर्धारित 42 ओवर में चार विकेट पर 281 रन बनाए. जवाब में ऑस्ट्रेलिया टीम 40.1 ओवर में 245 रन बनाकर आउट हो गई थी. बारिश की बाधा के कारण मैच में ओवर की संख्या घटाकर 42-42 कर दी गई थी.
कई लोगों ने इस पारी की तुलना महान बल्लेबाज कपिल देव की वर्ल्डकप 1983 में जिम्बाब्वे के खिलाफ खेली ऐतिहासिक पारी से की. इस स्टार बल्लेबाज की यह पारी हालांकि उनके सामान्य अंदाज से अलग नहीं थी क्योंकि बचपन से ही उन्हें आक्रामक बल्लेबाजी करना पसंद है.हरमनप्रीत ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘मुझे बचपन से ही इस तरह बल्लेबाजी करना पसंद है. मैंने इस तरह खेलना सीखा है और लड़कों के साथ क्रिकेट खेला है जो छक्के मारा करते थे और मुझे भी छक्के जड़ना पसंद है.’
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उन्होंने कहा, ‘फाइनल में (जिसमें भारत इंग्लैंड से हार गया), हमें रनों की जरूरत थी और मैं रन बनाने की कोशिश कर रही थी. मैंने यह सोचकर शॉट खेला कि यह सुरक्षित होगा लेकिन यह फील्डर के हाथों में चला गया. मैं काफी निराश थी.’ लीग चरण में हरमनप्रीत का बल्ला खामोश ही रहा था और उनसे टीम को नॉकआउट में बड़ी पारी की उम्मीद थी जो उन्होंने सेमीफाइनल में खेली.
वीडियो :स्वदेश लौटी भारतीय महिला क्रिकेट टीम
उन्होंने कहा, ‘मैंने घरेलू क्रिकेट में इस तरह की पारियां खेली हैं. मुझे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में मौका मिला लेकिन मैंने कभी बड़ा स्कोर नहीं बनाया. इस मैच का प्रसारण हुआ और लोगों ने इसे देखा, हमारे अंदर उस मैच को जीतने की भूख थी और मैं खुश थी कि मैंने उस समय वह पारी खेली जब टीम को जरूरत थी और टीम जीती.’ (एजेंसी से इनपुट)
कई लोगों ने इस पारी की तुलना महान बल्लेबाज कपिल देव की वर्ल्डकप 1983 में जिम्बाब्वे के खिलाफ खेली ऐतिहासिक पारी से की. इस स्टार बल्लेबाज की यह पारी हालांकि उनके सामान्य अंदाज से अलग नहीं थी क्योंकि बचपन से ही उन्हें आक्रामक बल्लेबाजी करना पसंद है.हरमनप्रीत ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘मुझे बचपन से ही इस तरह बल्लेबाजी करना पसंद है. मैंने इस तरह खेलना सीखा है और लड़कों के साथ क्रिकेट खेला है जो छक्के मारा करते थे और मुझे भी छक्के जड़ना पसंद है.’
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उन्होंने कहा, ‘मैंने घरेलू क्रिकेट में इस तरह की पारियां खेली हैं. मुझे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में मौका मिला लेकिन मैंने कभी बड़ा स्कोर नहीं बनाया. इस मैच का प्रसारण हुआ और लोगों ने इसे देखा, हमारे अंदर उस मैच को जीतने की भूख थी और मैं खुश थी कि मैंने उस समय वह पारी खेली जब टीम को जरूरत थी और टीम जीती.’ (एजेंसी से इनपुट)
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