
पृथ्वी शॉ और भारतीय मूल के जेसन सांघा से फैंस को जोरदार प्रदर्शन की उम्मीद है (फाइल फोटो)
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अंतर स्कूल मैच में 546 रन बना चुके हैं पृथ्वी शॉ
अफगान सीनियर टीम की ओर से खेल चुके मुजीब
पाकिस्तान के शाहीन अफरीदी भी हैं कमाल के बॉलर
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आईसीसी ने अपनी विज्ञप्ति में शॉ के बारे में लिखा है, ‘तीन बार के चैंपियन भारत के पास पृथ्वी शॉ के रूप में सबसे सदाबहार बल्लेबाज है. मुंबई में 2013 में अंतर स्कूल मैच में 546 रन बनाकर चर्चा में आने वाले इस 18 वर्षीय क्रिकेटर ने अब तक प्रथम श्रेणी मैचों में पांच शतक लगाए हैं.’पृथ्वी ने पिछले साल जनवरी में प्रथम श्रेणी मैचों में पदार्पण किया था. उन्होंने अब तक 9 प्रथम श्रेणी मैचों में 56.52 की औसत से 961 रन बनाए हैं जिसमें पांच शतक और तीन अर्धशतक शामिल हैं. इनमें से तीन शतक उन्होंने वर्तमान रणजी सत्र में लगाए.
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आईसीसी के अनुसार, ‘आईसीसी अंडर-19 वर्ल्डकप हमेशा किशोर क्रिकेटरों के लिए कौशल दिखाने का बड़ा मंच मुहैया कराता है और उम्मीद है कि 2018 में भी ऐसा ही होगा.’अफगानिस्तान की टीम में शामिल कप्तान नवीन उल हक और ऑफ स्पिनर मुजीब जादरान दोनों सीनियर टीम में खेल चुके हैं. जादरान ने आयरलैंड के खिलाफ वनडे में अपने पदार्पण मैच में 24 रन देकर चार विकेट लिए थे. उनके बेहतरीन प्रदर्शन से अफगानिस्तान ने अंडर-19 एशिया कप जीता. जादरान ने नेपाल के खिलाफ सेमीफाइनल में 28 रन देकर छह और पाकिस्तान के खिलाफ फाइनल में 13 रन देकर पांच विकेट लिए थे.
ऑस्ट्रेलिया की टीम में भारतीय मूल के जेसन सांघा और पूर्व कप्तान स्टीव वॉ के पुत्र आस्टिन वॉ हैं. सचिन तेंदुलकर के बाद सबसे कम उम्र में प्रथम श्रेणी शतक जमाने वाले सांघा ऑस्ट्रेलियाई टीम की अगुवाई करने वाले भारतीय मूल के पहले क्रिकेटर हैं. पूर्व चैंपियन इंग्लैंड के पास ऑलराउंडर विल जैक्स हैं जो अकेले दम पर मैच का पासा पलटने का माद्दा रखते हैं. दक्षिण अफ्रीकी दौरे में उन्होंने बेहतरीन प्रदर्शन किया. एक मैच में उन्होंने 41 रन देकर चार विकेट लेने के अलावा 71 रन की पारी खेली और अपनी टीम को सीरीज में 4-1 से जीत दिलाने में अहम भूमिका निभायी. आयरलैंड की टीम में बायें हाथ के तेज गेंदबाज जोशुआ लिटिल हैं. वह टी20 अंतरराष्ट्रीय में आयरलैंड की तरफ से खेल चुके हैं. मेजबान न्यूजीलैंड के पास रचिन रविंद्र हैं जो सलामी बल्लेबाज होने के साथ बाएं हाथ से स्पिन गेंदबाजी भी कर लेते हैं. रविंद्र पिछली बार भी जूनियर वर्ल्डकप में खेले थे. पाकिस्तानी तेज गेंदबाज शाहीन अफरीदी पर भी सभी की निगाहें रहेंगी. उनका प्रथम श्रेणी क्रिकेट में पदार्पण धमाकेदार रहा था. उन्होंने कायदे आजम ट्रॉफी में खान रिसर्च लेब्रोटरी की तरफ से रावलपिंडी के खिलाफ 39 रन देकर आठ विकेट लिए थे.
दक्षिण अफ्रीका को अगर 2014 का प्रदर्शन दोहराकर खिताब जीतना है तो फिर आक्रामक बल्लेबाज मैथ्यू ब्रीत्जके को अच्छा प्रदर्शन करना होगा. वह अंडर-19 स्तर पर अब तक तीन शतक जड़ चुके हैं. लिस्ट ए में उनका उच्चतम स्कोर 94 है. दक्षिण अफ्रीकी टीम में पूर्व तेज गेंदबाज मखाया एनटीनी के बेटे थांडो एनटीनी भी हैं. रविंद्र की तरह कामिंदु मेंडिस ने भी पिछले अंडर-19 वर्ल्डकप में हिस्सा लिया था. उनके आलराउंड प्रदर्शन से श्रीलंका सेमीफाइनल में पहुंचने में सफल रहा. वह स्पिनर होने के साथ साथ शीर्ष क्रम के बल्लेबाज भी हैं.
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वेस्टइंडीज के पास क्रिस्टन कालीचरण हैं जिन्हें 2014 में अंडर-14 स्कूल मैच में नाबाद 404 रन बनाने के बाद अगला ब्रायन लारा कहा जाने लगा था. मध्यक्रम का यह बल्लेबाज अभी उपकप्तान भी है. बांग्लादेश के पिनाक घोष एक अन्य क्रिकेटर हैं जो दूसरी बार अंडर-19 वर्ल्डकप में भाग ले रहे हैं. वह पिछली बार सेमीफाइनल में जगह बनाने वाली बांग्लादेश की टीम का हिस्सा थे. इनके अलावा कनाडा के रोमेल शहजाद, कीनिया के अमन गांधी, नामीबिया के जान निकोल लोफ्टी ईटन, पापुआ न्यू गिनी के लेके मोरिया और जिम्बाब्वे के लियाम रोचे ऐसे खिलाड़ी हैं जिनके प्रदर्शन पर टूर्नामेंट के दौरान सभी की निगाहें लगी रहेंगी.(इनपुट: भाषा)
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