पर्थ:
पर्थ टेस्ट की पहली पारी में भारत के 161 रनों के जवाब में ऑस्ट्रेलिया ने पहले दिन का खेल खत्म होने तक बिना कोई विकेट गंवाए 149 रन बना लिए। डेविड वार्नर ने नाबाद 104 रन और कोवन ने नाबाद 40 रन बनाए।
इससे पहले, वीरेंद्र सहवाग का विकेट लेकर अपनी टीम को पहली और एक लिहाज से निर्णायक सफलता दिलाने वाले बेन हिल्फेनहास (43/4) के नेतृत्व में अपने चारों तेज गेंदबाजों के शानदार प्रदर्शन के बूते ऑस्ट्रेलियाई टीम ने भारत की पहली पारी 161 रनों पर समेट दी। घासयुक्त पिच पर जब भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी टॉस हार गए, तभी इस बात का आभास हो गया था कि अगर भारतीय बल्लेबाजों ने धैर्य का परिचय नहीं दिया, तो उनकी बल्लेबाजी दूसरे दिन तक नहीं खिंच पाएगी।
चार रन के कुल योग पर हिल्फेनहास ने सहवाग को आउट कर जो सिलसिला शुरू किया था, वह 61वें ओवर की दूसरी गेंद पर इशांत शर्मा के विकेट से साथ थम गया, लेकिन उस समय तक भारत के खाते में महज 161 रन जुड़ सके थे। सबसे अफसोसजनक बात यह है कि दिन ढलने के साथ बल्लेबाजी के लिए उपयुक्त होती विकेट पर भारतीय बल्लेबाजों ने तनिक भी धैर्य नहीं दिखाया। इसका नतीजा हुआ कि अंतिम नौ ओवरों में 30 रन के कुल योग पर भारतीय टीम ने छह विकेट गंवाए।
विराट कोहली (44) का विकेट 131 रन के कुल योग पर गिरा था। उसके बाद भारतीय टीम ने वीवीएस लक्ष्मण (31), अपना पहला टेस्ट खेल रहे विनय कुमार (5), कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (12), जहीर खान (2) और शर्मा (3) के विकेट गंवाए। उमेश यादव तीन रन पर नाबाद रहे।
कोहली का विकेट गिरने से पहले 63 रन के कुल योग पर हिल्फेनहास ने लय में लौटने का प्रयास कर रहे गौतम गंभीर (31) को चलता किया था। हैरिस को सिर्फ एक सफलता मिली, लेकिन वह अपनी टीम के लिहाज से सबसे अहम सचिन तेंदुलकर (15) का विकेट चटकाने में सफल रहे।
राहुल द्रविड़ ने नौ रन बनाए और बीती 10 पारियों में सातवीं बार बोल्ड हुए। इस तरह द्रविड़ ने टेस्ट मैचों में सबसे अधिक 53 बार बोल्ड होने के ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान एलन बार्डर के विश्व रिकॉर्ड की बराबरी कर ली है। भारतीय बल्लेबाजों में थोड़ी बहुत चमक कोहली ने दिखाई। कोहली ने अपनी 44 रनों की पारी मे 81 गेंदों पर छह चौके लगाए। कोहली और लक्ष्मण ने पांचवें विकेट के लिए 68 रन जोड़े, जो भारतीय पारी के लिहाज से सबसे बड़ी साझेदारी साबित हुई। हिल्फेनहास के अलावा पीटर सिडल ने तीन विकेट हासिल किए, जबकि मिशेल स्टार्क को दो विकेट मिले। रेयन हैरिस को एक सफलता मिली।
विकेट से मिलने वाली उछाल को देखते हुए दोनों टीमों ने इस मुकाबले में चार-चार तेज गेंदबाजों के साथ उतरने का फैसला किया। भारत ने स्पिन गेंदबाज रविचंद्रन अश्विन की जगह विनय को अंतिम एकादश टीम में शामिल किया। ऑस्ट्रेलिया ने अपनी टीम में दो बदलाव किए। चोटिल जेम्स पैटिनसन की जगह हैरिस और स्पिनर नेथल लियोन की जगह स्टार्क को अंतिम एकादश टीम में शामिल किया।
इससे पहले, वीरेंद्र सहवाग का विकेट लेकर अपनी टीम को पहली और एक लिहाज से निर्णायक सफलता दिलाने वाले बेन हिल्फेनहास (43/4) के नेतृत्व में अपने चारों तेज गेंदबाजों के शानदार प्रदर्शन के बूते ऑस्ट्रेलियाई टीम ने भारत की पहली पारी 161 रनों पर समेट दी। घासयुक्त पिच पर जब भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी टॉस हार गए, तभी इस बात का आभास हो गया था कि अगर भारतीय बल्लेबाजों ने धैर्य का परिचय नहीं दिया, तो उनकी बल्लेबाजी दूसरे दिन तक नहीं खिंच पाएगी।
चार रन के कुल योग पर हिल्फेनहास ने सहवाग को आउट कर जो सिलसिला शुरू किया था, वह 61वें ओवर की दूसरी गेंद पर इशांत शर्मा के विकेट से साथ थम गया, लेकिन उस समय तक भारत के खाते में महज 161 रन जुड़ सके थे। सबसे अफसोसजनक बात यह है कि दिन ढलने के साथ बल्लेबाजी के लिए उपयुक्त होती विकेट पर भारतीय बल्लेबाजों ने तनिक भी धैर्य नहीं दिखाया। इसका नतीजा हुआ कि अंतिम नौ ओवरों में 30 रन के कुल योग पर भारतीय टीम ने छह विकेट गंवाए।
विराट कोहली (44) का विकेट 131 रन के कुल योग पर गिरा था। उसके बाद भारतीय टीम ने वीवीएस लक्ष्मण (31), अपना पहला टेस्ट खेल रहे विनय कुमार (5), कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (12), जहीर खान (2) और शर्मा (3) के विकेट गंवाए। उमेश यादव तीन रन पर नाबाद रहे।
कोहली का विकेट गिरने से पहले 63 रन के कुल योग पर हिल्फेनहास ने लय में लौटने का प्रयास कर रहे गौतम गंभीर (31) को चलता किया था। हैरिस को सिर्फ एक सफलता मिली, लेकिन वह अपनी टीम के लिहाज से सबसे अहम सचिन तेंदुलकर (15) का विकेट चटकाने में सफल रहे।
राहुल द्रविड़ ने नौ रन बनाए और बीती 10 पारियों में सातवीं बार बोल्ड हुए। इस तरह द्रविड़ ने टेस्ट मैचों में सबसे अधिक 53 बार बोल्ड होने के ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान एलन बार्डर के विश्व रिकॉर्ड की बराबरी कर ली है। भारतीय बल्लेबाजों में थोड़ी बहुत चमक कोहली ने दिखाई। कोहली ने अपनी 44 रनों की पारी मे 81 गेंदों पर छह चौके लगाए। कोहली और लक्ष्मण ने पांचवें विकेट के लिए 68 रन जोड़े, जो भारतीय पारी के लिहाज से सबसे बड़ी साझेदारी साबित हुई। हिल्फेनहास के अलावा पीटर सिडल ने तीन विकेट हासिल किए, जबकि मिशेल स्टार्क को दो विकेट मिले। रेयन हैरिस को एक सफलता मिली।
विकेट से मिलने वाली उछाल को देखते हुए दोनों टीमों ने इस मुकाबले में चार-चार तेज गेंदबाजों के साथ उतरने का फैसला किया। भारत ने स्पिन गेंदबाज रविचंद्रन अश्विन की जगह विनय को अंतिम एकादश टीम में शामिल किया। ऑस्ट्रेलिया ने अपनी टीम में दो बदलाव किए। चोटिल जेम्स पैटिनसन की जगह हैरिस और स्पिनर नेथल लियोन की जगह स्टार्क को अंतिम एकादश टीम में शामिल किया।
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