धोनी लगातार फ्लॉप हो रहे हैं (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: टीम इंडिया बड़े-बड़े स्कोर बनाकर भी हार रही है, क्योंकि मॉडर्न क्रिकेट में 300 का स्कोर भी सुरक्षित नहीं रह गया है। ऑस्ट्रेलिया में पिच सपाट है और जरूरत है अच्छी शुरुआत को धमाकेदार तरीके से अंजाम देने की।
यहीं पर टीम इंडिया मात खा रही है। जबसे वनडे में नए नियम लागू किए गए है टीम इंडिया आखिरी 10 ओवर्स में ज्यादा रन नहीं बटोर पा रही है। पर्थ में आखिरी 10 ओवर में बने 93 रन, जबकि ब्रिसबेन में आख़िरी 10 ओवर्स में सिर्फ़ 75 रन ही बल्लेबाज़ बटौर सके।
टॉप ऑर्डर से मिली शुरुआत को उस तरह की मैजिकल फिनिश धोनी नीचे आकर नहीं दे पा रहे हैं, जिसके लिए वो जाने जाते हैं। और ये परेशानी धोनी के साथ पिछले पूरे साल भी देखी गई थी। धोनी का औसत पिछले एक साल में करीब 52.00 से गिरकर 41.00 हो गया।
टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने कहा कि "मुझे लगता है कि वो संघर्ष कर रहे हैं और ये इसलिए हो रहा है, क्योंकि टेस्ट से संन्यास लेने के बाद वो लगातार अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट नहीं खेल रहे हैं, मगर सिर्फ उनको दोष देना ठीक नहीं होगा।"
इसका एक इलाज मिडिल ऑर्डर को और मजबूत करना भी हो सकता है, जिसके लिए ऋषि धवन जैसे बैटिंग ऑलराउंडर को मौका दिया जा सकता है, लेकिन धोनी को ऋषि पर पूरा भरोसा नहीं।
कप्तान एमएस धोनी ने बयान दिया, "ऋषि अच्छा गेंदबाज हो सकता है, मगर फील्डिंग के नए नियम को देखते हुए उनका सफल होना आसान नहीं होगा। वो उतनी तेजी से गेंदबाजी नहीं करता।"
धोनी के इस बयान से साफ है कि प्लेइंग इलेवन में ज्यादा बदलाव नहीं हो सकते और इन्हीं खिलाड़ियों के साथ ही जीत का मंत्र तलाशना होगा।