रवि शास्त्री और सौरव गांगुली के संबंध इन दिनों मधुर नहीं है (फाइल फोटो)
रवि शास्त्री और सौरव गांगुली की प्रतिद्वंद्विता खेलप्रेमियों से छुपी नहीं है. भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की ओर से पिछले साल अनिल कुंबले को टीम इंडिया का कोच बनाए जाने के बाद यह खटास खुलकर सामने आ गई थी. दरअसल क्रिकेट की जिस सलाहकार समिति ने कुंबले का कोच के रूप में चयन किया था, गांगुली उसका हिस्सा थे. कोच के रूप में कुंबले का नाम फाइनल किए जाने के बाद रवि और गांगुली के बीच की यह कड़वाहट सार्वजनिक रूप से लोगों के बीच तब सामने आई थी जब इन दोनों ने एक-दूसरे पर पेशेवर रुख की कमी का आरोप लगाया था.
हालांकि इस विवाद के बाद दोनों पूर्व क्रिकेटरों ने भारतीय क्रिकेट टीम के 500वें टेस्ट के जश्न में कानपुर में साथ नजर आए थे लेकिन ऐसा लगता है कि इनके बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. धोनी के शॉर्टर फॉर्मेट की कप्तानी छोड़ने के निर्णय के तुंरत बाद टीम इंडिया के पूर्व डायरेक्टर रवि शास्त्री के बयान ने एक नए विवाद को जन्म दे दिया है. रवि शास्त्री ने धोनी को न सिर्फ 'दादा कप्तान' बताया बल्कि गांगुली को सर्वश्रेष्ठ भारतीय कप्तानों की सूची में भी स्थान नहीं दिया. धोनी के पुरजोर समर्थन माने जाने वाले शास्त्री ने यह भी कि कहा कि इस विकेटकीपर बल्लेबाज के कप्तानी छोड़ने के फैसले की टाइमिंग 'परफेक्ट' थी.
शास्त्री ने कहा, 'दादा कप्तान को मेरा सलाम. इससे विराट (कोहली) को चैंपियंस ट्रॉफी तक समय मिलेगा और टीम अपने खिताब का बचाव करने के लिए तैयारी कर सकेगी.' उन्होंने कहा कि 'धोनी सारी महत्वपूर्ण जीतें हासिल कर चुके हैं और उन्हें अब कुछ भी साबित करने की जरूरत नहीं है. इसलिए मैं उन्हें भारत का सबसे सफल कप्तान मानता हूं. इस मामले में और कोई उनके आसपास भी नहीं है.' टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर शास्त्री ने कहा, 'इस मामले में धोनी के पीछे कपिल देव हैं जिनके नेतृत्व में भारत ने 1983 में वर्ल्डकप जीता और 1986 में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज जीती. वनडे क्रिकेट के पहले वाले युग में अजित (वाडेकर) थे जिन्होंने 1971 में वेस्टइंडीज और फिर इंग्लैंड में लगातार टेस्ट सीरीज जीतीं. निश्चित रूप से अपने अलग स्टाइल के कारण टाइगर (पटौदी) भी हैं. बाकी कोई नहीं. '
हालांकि शास्त्री अपनी राय जताने के लिए स्वतंत्र हैं,लेकिन गांगुली के टीम इंडिया के कप्तान के रूप में रिकॉर्ड को देखते हुए उनकी राय क्रिकेटप्रेमियों के गले उतरेगी, इसे लेकर संदेह है. 'दादा' के नाम से लोकप्रिय रहे सौरव ने 49 टेस्ट में भारतीय टीम कप्तानी की और उनका जीत का रेट 42.6 प्रतिशत है. गांगुली की कप्तानी ने टीम इंडिया ने 147 मैचों में से 76 में जीत हासिल की जबकि 66 में उसे हारना पड़ा. हालांकि धोनी का कप्तन के रूप में रिकॉर्ड अपने पूर्ववर्ती कप्तान से बेहतर है लेकिन गांगुली को बहुत पीछे नहीं माना जा सकता है. गांगुली की ओर से इस मामले में अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.
हालांकि इस विवाद के बाद दोनों पूर्व क्रिकेटरों ने भारतीय क्रिकेट टीम के 500वें टेस्ट के जश्न में कानपुर में साथ नजर आए थे लेकिन ऐसा लगता है कि इनके बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. धोनी के शॉर्टर फॉर्मेट की कप्तानी छोड़ने के निर्णय के तुंरत बाद टीम इंडिया के पूर्व डायरेक्टर रवि शास्त्री के बयान ने एक नए विवाद को जन्म दे दिया है. रवि शास्त्री ने धोनी को न सिर्फ 'दादा कप्तान' बताया बल्कि गांगुली को सर्वश्रेष्ठ भारतीय कप्तानों की सूची में भी स्थान नहीं दिया. धोनी के पुरजोर समर्थन माने जाने वाले शास्त्री ने यह भी कि कहा कि इस विकेटकीपर बल्लेबाज के कप्तानी छोड़ने के फैसले की टाइमिंग 'परफेक्ट' थी.
शास्त्री ने कहा, 'दादा कप्तान को मेरा सलाम. इससे विराट (कोहली) को चैंपियंस ट्रॉफी तक समय मिलेगा और टीम अपने खिताब का बचाव करने के लिए तैयारी कर सकेगी.' उन्होंने कहा कि 'धोनी सारी महत्वपूर्ण जीतें हासिल कर चुके हैं और उन्हें अब कुछ भी साबित करने की जरूरत नहीं है. इसलिए मैं उन्हें भारत का सबसे सफल कप्तान मानता हूं. इस मामले में और कोई उनके आसपास भी नहीं है.' टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर शास्त्री ने कहा, 'इस मामले में धोनी के पीछे कपिल देव हैं जिनके नेतृत्व में भारत ने 1983 में वर्ल्डकप जीता और 1986 में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज जीती. वनडे क्रिकेट के पहले वाले युग में अजित (वाडेकर) थे जिन्होंने 1971 में वेस्टइंडीज और फिर इंग्लैंड में लगातार टेस्ट सीरीज जीतीं. निश्चित रूप से अपने अलग स्टाइल के कारण टाइगर (पटौदी) भी हैं. बाकी कोई नहीं. '
हालांकि शास्त्री अपनी राय जताने के लिए स्वतंत्र हैं,लेकिन गांगुली के टीम इंडिया के कप्तान के रूप में रिकॉर्ड को देखते हुए उनकी राय क्रिकेटप्रेमियों के गले उतरेगी, इसे लेकर संदेह है. 'दादा' के नाम से लोकप्रिय रहे सौरव ने 49 टेस्ट में भारतीय टीम कप्तानी की और उनका जीत का रेट 42.6 प्रतिशत है. गांगुली की कप्तानी ने टीम इंडिया ने 147 मैचों में से 76 में जीत हासिल की जबकि 66 में उसे हारना पड़ा. हालांकि धोनी का कप्तन के रूप में रिकॉर्ड अपने पूर्ववर्ती कप्तान से बेहतर है लेकिन गांगुली को बहुत पीछे नहीं माना जा सकता है. गांगुली की ओर से इस मामले में अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.
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