'सिक्सर सिद्धू' और वीरू के पिच पर चार्ज करते ही स्पिनरों की तो मानो सांसें ही थम जाती थीं...

'सिक्सर सिद्धू' और वीरू के पिच पर चार्ज करते ही स्पिनरों की तो मानो सांसें ही थम जाती थीं...

वीरेंद्र सहवाग और नवजोत सिंह सिद्धू (फाइल फोटो)

खास बातें

  • सिद्धू और सहवाग दोनों ही इन दिनों चर्चा में हैं.
  • एक राजनीति की पिच पर दांव चल रहा है तो दूसरा ट्वीट से धमाल कर रहा है
  • सिद्धू और सहवाग का आज है जन्मदिन
नई दिल्ली:

20 अक्टूबर यानी आज भारतीय क्रिकेट के दो तूफानी बल्लेबाजों का जन्मदिन है. एक हैं 'सिक्सर सिद्धू' तो दूसरे हैं 'नजफगढ़ के नवाब'. ये दोनों ही गेंदबाजों खासतौर से स्पिनरों के मन में खौफ पैदा कर देते थे. सिद्धू और सहवाग दोनों ही इन दिनों चर्चा में हैं. एक राजनीति की पिच पर रोज नए दांव चल रहा है तो दूसरा अपने ट्वीट से धमाल कर रहा है. जहां सिद्धू पंजाब की राजनीति में नए कदम उठा रहे हैं वहीं सहवाग के ट्वीट ने लोगों का दिल जीत लिया है. ('वीरू' बर्थडे स्‍पेशल : वह एक सीरीज जिसमें सचिन नहीं खेले लेकिन उसने बदल दी सहवाग की किस्‍मत)

वर्ल्ड कप से मिली प्रसिद्धि
वैसे तो सिद्धू का क्रिकेटर करियर 1983 में शुरू हुआ था, लेकिन उनको पहचान 1987 वर्ल्ड कप से मिली. इसी वर्ल्ड कप में सिद्धू ने वनडे में डेब्यू किया और पहले मैच में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 73 रन की पारी खेली थी. खास बात यह रही कि इस टूर्नामेंट के पहले पांच मैचों में से उन्होंने चार में फिफ्टी बनाई थीं. उनका करियर 1999 तक चला. (पढ़ें, B'day Special : तूफानी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग की दस सबसे जुदा बातें)

खौफ खाते थे स्पिनर
सिद्धू छक्के मारने के लिए मशहूर थे. उन्होंने साल 1987 के वर्ल्ड कप में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपने पहले ही मैच में 79 बॉल में 73 रन बनाए, जिसमें उन्होंने 5 छक्के भी लगाए थे. उनकी बल्लेबाजी से शेन वार्न, जॉन एंबुरी जैसे स्पिनर भी खौफ खाते थे. यहां तक कि एक दौर में तो सिद्धू के आउट होने तक विरोधी कप्तान स्पिनर को आक्रमण में ही नहीं लगाते थे. उनकी छक्का लगाने की काबिलियत देखकर उनके फैन्स ने उन्हें 'सिक्सर सिद्धू' कहना शुरू कर दिया.

जुमले भी हुए फेमस
सिद्धू अपने छक्कों के लिए जितने मशहूर रहे, उससे कहीं ज्यादा इन दिनों अपने जुमलों के मशहूर हैं. वे जो जुमले उछालते, हैं वे अधिकतर सोशल मीडिया पर छा जाते हैं. उनके कुछ मशहूर जुमले हैं- 'अगर मेरी चाची की मूंछे होती तो मैं उसे चाचा न कहता', 'बिना अंडे फोड़े आप ऑमलेट नहीं बना सकते', 'ठोको ताली'. (पढ़ें, किससे डर लगता था सहवाग को और किस कप्तान को कहा शुक्रिया)

राजनीति और टीवी शो में भी
खेल से संन्यास लेने के बाद सिद्धू ने दूरदर्शन पर क्रिकेट के लिये कमेंट्री करना शुरू किया. उसके बाद उन्होंने राजनीति में सक्रिय रूप से भाग लिया. इन दिनों वे छोटे पर्दे पर 'कॉमेडी नाइट्स विद कपिल' में दिख रहे हैं. इससे पहले 'बिग बॉस' में भी दिख चुके हैं.
 

'बिग बॉस' में नवजोत सिंह सिद्धू (फाइल फोटो)

पूरे राजनेता बने सिद्धू
अगले साल के आरंभ में पंजाब चुनाव होने हैं, ऐसे में सिद्धू ने बीजेपी नेता पद और राज्यसभा सांसद पद से इस्तीफा दे दिया और राज्य में एक फोरम का गठन किया. उनके नेतृत्व में फोरम चुनाव लड़के के लिए पूरी तरह तैयार है. वैसे सिद्धू के कांग्रेस और आम आदमी पार्टी में भी जाने की अटकले इन दिनों जोरों से चल रही हैं.
 
(बिग बॉस के घर में नवजोत सिंह सिद्धू)

वीरू भी कम नहीं
अपना 38वां बर्थडे सेलिब्रेट कर रहे विस्फोटक क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग अकेले भारतीय क्रिकेटर हैं जिनके नाम दो तिहरे शतक हैं. उनके नाम से भी गेंदबाज खौफ खाते हैं. खासतौर से स्पिनरों को खेलने में उन्हें महारत हासिल है. 28 मार्च 2004 को सहवाग ने पहली बार मुल्तान टेस्ट में तिहरे शतक की पारी खेली और उन्हें 'मुल्तान का सुल्तान' कहकर पुकारा जाने लगा. 'मुल्तान का सुल्तान' के अलावा उन्हें नजफ़गढ़ का नवाब, द लिटिल तेंदुलकर, नजफ़गढ़ का तेंदुलकर और वीरू जैसे उपनामों से भी पुकारा जाता है.
 
वर्ल्ड कप ट्रॉफी के साथ सहवाग (फाइल फोटो)

सचिन के फैन सहवाग
सहवाग के सबसे पसंदीदा क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर रहे हैं. वे सचिन की खेलने की स्टाइल को कॉपी करते थे. उनको खेलते देखकर कई एक्सपर्ट उन्हें सचिन की कॉपी कहते थे. एक मैच के दौरान शोएब अख़्तर उन्हें छक्का मारने को उसकाते रहे, तो सहवाग ने उनसे कहा कि वो दूसरे सिरे पर देखें जहां उनका 'बाप' खड़ा है..वो ही छक्का लगाएंगे. और हुआ भी यही, सचिन ने शोएब को उस मैच में छक्का जड़ भी दिया. (पढ़ें, ... तो महान ब्रेडमैन और लारा को भी पीछे छोड़ देते सहवाग)
 
सचिन तेंदुलकर (दाएं), वीरेंद्र सहवाग और गौतम गंभीर (सौजन्य : AFP)

बेखौफ होकर खेलते हैं सहवाग
सहवाग बेखौफ होकर बल्लेबाज़ी करते हैं. उनका कहना है कि वो 5 रन पर खेल रहे हों, या 195 पर या फिर चाहे 295 पर ही खेल रहे हों, अगर उन्हें लगेगा कि गेंद छक्के के लिए है तो वो छक्का ही लगाएंगे. उन्होंने कई बार ऐसा किया भी. तभी तो गेंदबाज उनके क्रीज पर रहते निश्चिंत नहीं रह सकते.

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com