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This Article is From Aug 29, 2015

पुजारा को इस शतक की सबसे ज्यादा जरूरत थी...

पुजारा को इस शतक की सबसे ज्यादा जरूरत थी...
फाइल फोटो
चेतेश्वर पुजारा को इस पल का इंतजार महीनों से था। कोलंबो टेस्ट की पहली पारी में बने इस शतक की उन्हें सबसे ज्यादा जरूरत भी थी। आखिरकार 10 टेस्ट और 20 पारियों के बाद उनके बल्ले से यह शतक निकला है।

कहावत भी यही है कि देर आयद, दुरुस्त आयद। पुजारा के शतक पर यह एकदम ठीक बैठता है। इस शतक की बदौलत उन्होंने एक बार फिर से साबित कर दिया है कि मौजूदा समय में टीम इंडिया के सबसे बेहतरीन तकनीकी बल्लेबाजों में से एक हैं।

इस सीरीज के पहले दो टेस्ट मैचों में उन्हें मौका नहीं दिया गया, उनकी जगह जिन्हें मौका मिला...वे भी रन बनाने के लिए संघर्ष करते नजर आए। ऐसे में 2 टेस्ट के इंतजार के बाद पुजारा को मौका मिल ही गया।

लेकिन उनकी मुश्किल कम नहीं हुई थी, पुजारा को नंबर 3 बल्लेबाज के तौर पर मौका नहीं मिला, बल्कि मुरली विजय के घायल होने पर उन्हें ओपनर के तौर पर मौका मिला। गौरतलब है कि उन्होंने अपना आखिरी टेस्ट पिछले साल मेलबर्न में खेला था।

और अब कोलंबो टेस्ट की पहली पारी में उन्होंने टीम इंडिया की ओर से करीब आधे रन अकेले ही बना दिए। वैसे यह पुजारा के टेस्ट करियर का सातवां शतक है और 28 टेस्ट मैचों में उनकी बल्लेबाज़ी का औसत 50 के करीब है, जो बताता है कि वे टेस्ट क्रिकेट में वाकई एक उम्दा बल्लेबाज़ हैं।

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