
मुंबई:
बीसीसीआई और एन श्रीनिवासन दोनों को एक बड़ा धक्का लगा है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने पिछले दिनों बोर्ड द्वारा बनाई गई जांच समिति को ग़ैरक़ानूनी बताया है। यानी आईपीएल का स्पॉट−फ़िक्सिंग मामला दफन होने से पहले एक बार फिर ज़िंदा हो गया है।
इसके पहले कि एन श्रीनिवासन राहत की सांस ले पाते मुंबई हाईकोर्ट ने बीसीसीआई की जांच समिति को ही गैरकानूनी ठहरा दिया।
बीसीसीआई ने आईपीएल स्पॉट फ़िक्सिंग मामले की जांच के लिए दो सदस्यों की जांच समिति बनाई थी। बिहार क्रिकेट संघ के सचिव आदित्य वर्मा ने इस समिति की वैधता पर सवाल उठाते हुए याचिका दायर की थी। याचिका में सवाल उठाए गए थे कि श्रीनिवासन खुद कैसे जांच समिति बना सकते हैं जब जांच उनके दामाद के ख़िलाफ़ होनी थी।
बॉम्बे हाइकोर्ट ने बीसीसीआई की पूरी जांच पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इसके पहले मुंबई पुलिस कह चुकी है कि उसने गुरुनाथ मय्यप्पन को क्लीन चिट नहीं दी है और उनके पास मय्यप्पन के ख़िलाफ़ पर्याप्त सबूत हैं जिससे वह अदालत में दोषी साबित हो जाएंगे।
इसके पहले कि एन श्रीनिवासन राहत की सांस ले पाते मुंबई हाईकोर्ट ने बीसीसीआई की जांच समिति को ही गैरकानूनी ठहरा दिया।
बीसीसीआई ने आईपीएल स्पॉट फ़िक्सिंग मामले की जांच के लिए दो सदस्यों की जांच समिति बनाई थी। बिहार क्रिकेट संघ के सचिव आदित्य वर्मा ने इस समिति की वैधता पर सवाल उठाते हुए याचिका दायर की थी। याचिका में सवाल उठाए गए थे कि श्रीनिवासन खुद कैसे जांच समिति बना सकते हैं जब जांच उनके दामाद के ख़िलाफ़ होनी थी।
बॉम्बे हाइकोर्ट ने बीसीसीआई की पूरी जांच पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इसके पहले मुंबई पुलिस कह चुकी है कि उसने गुरुनाथ मय्यप्पन को क्लीन चिट नहीं दी है और उनके पास मय्यप्पन के ख़िलाफ़ पर्याप्त सबूत हैं जिससे वह अदालत में दोषी साबित हो जाएंगे।
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