लंदन:
भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने वेस्टइंडीज के खिलाफ चैंपियन्स ट्रॉफी क्रिकेट टूर्नामेंट में भारत की जीत में अहम भूमिका निभाने वाले रविंदर जडेजा और शिखर धवन की जमकर तारीफ करते हुए कहा कि उनके युवा खिलाड़ी खुद को साबित करने में सफल रहे।
धोनी ने भारत की आठ विकेट से जीत के बाद कहा, हमारे युवा बल्लेबाजों ने चुनौती को स्वीकार किया और फिर से बेहतरीन शुरुआत दिलाई। धवन ने जो एकमात्र टेस्ट मैच खेला था, उसमें अच्छा प्रदर्शन किया था। इसके बाद वह चोटिल हो गया, लेकिन यहां उसने अच्छी वापसी की।
रोहित ने भी ओपनर के रूप में खेलने की चुनौती स्वीकार की। उसने सलामी बल्लेबाज बनने की पेशकश पर एक भी विचार नहीं किया और उसे स्वीकार किया। मैन ऑफ द मैच जडेजा के बारे में धोनी ने कहा, मैं उसे अच्छी तरह से जानता हूं, लेकिन मुझे उसकी काबिलियत को पहचानने में समय लगा। उसने खुद को साबित किया। उसके होने से टीम को संतुलन मिलता है। वह जानता है कि उसकी भूमिका क्या है और उसे क्या करना है। मैच के बारे में भारतीय कप्तान ने कहा कि पूरी टीम ने अच्छा प्रदर्शन किया। उन्होंने वेस्टइंडीज को नौ विकेट पर 233 रन पर रोकने का श्रेय गेंदबाजों को दिया।
धोनी ने कहा, कुल मिलाकर यह अच्छा प्रदर्शन था। वेस्टइंडीज ने जिस तरह से अच्छी शुरुआत की थी उससे लग रहा था कि वह 280 या इससे अधिक का स्कोर बना लेगा, लेकिन हमारे गेंदबाजों ने अच्छी वापसी की। उन्होंने बल्लेबाजों को स्ट्राइक आसानी से रोटेट नहीं करने दी। हमारा क्षेत्ररक्षण भी अच्छा है और इससे काफी मदद मिलती है।
धोनी ने कहा कि पाकिस्तान के खिलाफ 15 जून को होने वाला मैच भारत के लिए भले ही औपचारिक रह गया है, लेकिन टीम इसमें कोई कसर नहीं छोड़ेगी। भारत सेमीफाइनल में पहुंच गया है।
उन्होंने कहा, मैं नहीं मानता कि भारत उस मैच को हल्के से लेगा। हम जब भी मैदान पर उतरते हैं तो हमारा लक्ष्य जीत दर्ज करना होता है। हमारे लिए यह भी महत्वपूर्ण है कि हम उन विभागों में सुधार करें, जिनमें हम ऐसा करना चाहते हैं।
मैन ऑफ द मैच जडेजा ने कहा कि उन्होंने सही क्षेत्र में गेंदबाजी करने पर ध्यान दिया। उन्होंने कहा, मैंने सही क्षेत्र में गेंदबाजी करने की कोशिश की। मैंने यहां इंग्लैंड के खिलाफ मैच खेला था और दो विकेट लिए थे। मैं केवल अपना अच्छा प्रदर्शन करना चाहता था। पिच से मदद मिल रही थी। मैंने विकेट टू विकेट गेंदबाजी की और बाकी काम पिच ने कर दिया।
धोनी ने भारत की आठ विकेट से जीत के बाद कहा, हमारे युवा बल्लेबाजों ने चुनौती को स्वीकार किया और फिर से बेहतरीन शुरुआत दिलाई। धवन ने जो एकमात्र टेस्ट मैच खेला था, उसमें अच्छा प्रदर्शन किया था। इसके बाद वह चोटिल हो गया, लेकिन यहां उसने अच्छी वापसी की।
रोहित ने भी ओपनर के रूप में खेलने की चुनौती स्वीकार की। उसने सलामी बल्लेबाज बनने की पेशकश पर एक भी विचार नहीं किया और उसे स्वीकार किया। मैन ऑफ द मैच जडेजा के बारे में धोनी ने कहा, मैं उसे अच्छी तरह से जानता हूं, लेकिन मुझे उसकी काबिलियत को पहचानने में समय लगा। उसने खुद को साबित किया। उसके होने से टीम को संतुलन मिलता है। वह जानता है कि उसकी भूमिका क्या है और उसे क्या करना है। मैच के बारे में भारतीय कप्तान ने कहा कि पूरी टीम ने अच्छा प्रदर्शन किया। उन्होंने वेस्टइंडीज को नौ विकेट पर 233 रन पर रोकने का श्रेय गेंदबाजों को दिया।
धोनी ने कहा, कुल मिलाकर यह अच्छा प्रदर्शन था। वेस्टइंडीज ने जिस तरह से अच्छी शुरुआत की थी उससे लग रहा था कि वह 280 या इससे अधिक का स्कोर बना लेगा, लेकिन हमारे गेंदबाजों ने अच्छी वापसी की। उन्होंने बल्लेबाजों को स्ट्राइक आसानी से रोटेट नहीं करने दी। हमारा क्षेत्ररक्षण भी अच्छा है और इससे काफी मदद मिलती है।
धोनी ने कहा कि पाकिस्तान के खिलाफ 15 जून को होने वाला मैच भारत के लिए भले ही औपचारिक रह गया है, लेकिन टीम इसमें कोई कसर नहीं छोड़ेगी। भारत सेमीफाइनल में पहुंच गया है।
उन्होंने कहा, मैं नहीं मानता कि भारत उस मैच को हल्के से लेगा। हम जब भी मैदान पर उतरते हैं तो हमारा लक्ष्य जीत दर्ज करना होता है। हमारे लिए यह भी महत्वपूर्ण है कि हम उन विभागों में सुधार करें, जिनमें हम ऐसा करना चाहते हैं।
मैन ऑफ द मैच जडेजा ने कहा कि उन्होंने सही क्षेत्र में गेंदबाजी करने पर ध्यान दिया। उन्होंने कहा, मैंने सही क्षेत्र में गेंदबाजी करने की कोशिश की। मैंने यहां इंग्लैंड के खिलाफ मैच खेला था और दो विकेट लिए थे। मैं केवल अपना अच्छा प्रदर्शन करना चाहता था। पिच से मदद मिल रही थी। मैंने विकेट टू विकेट गेंदबाजी की और बाकी काम पिच ने कर दिया।
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