
महेंद्र सिंह धोनी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने आलोचनाओं से जूझ रहे महेंद्र सिंह धोनी के प्रति समर्थन जताते हुए कहा कि वह पिछले कई सालों से 'बेजोड़' रहे हैं और आने वाले दिनों में वह और बेहतर साबित होंगे। हालांकि एक अन्य दिग्गज क्रिकेटर ईरापल्ली प्रसन्ना का धोनी के प्रति बिल्कुल अलग नजरिया है।
एनडीटीवी पर एक खास बहस में प्रसन्ना ने कहा कि धोनी का खराब फॉर्म एक बेहतरीन करियर के 'अंत की शुरुआत' है। उन्होंने कहा, धोनी करीब 33 साल के हैं और संभव है कि अब उनका फुटवर्क पहले जितना अच्छा नहीं रहा। वह अपने शॉट की टाइमिंग मिस कर रहे होंगे। इसी तरह खिलाड़ी अपनी चमक खो देते हैं।
वहीं गावस्कर ने कहा कि धोनी भारत के लिए असाधारण खिलाड़ी रहे हैं और अगले तीन से पांच साल में वह और बेहतर ही होंगे। गावस्कर ने यह भी कहा कि दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टी-20 सीरीज और वनडे सीरीज में भारत की नाकामी के लिए धोनी को बलि का बकरा बनाया जा रहा है।
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टी-20 सीरीज और पहले वनडे में टीम की हार के बाद धोनी आलोचकों के निशाने पर हैं, लेकिन गावस्कर का मानना है कि अकेले धोनी ही ऐसे खिलाड़ी नहीं हैं, जो टीम के लिए नतीजे देने में नाकाम रहे। उन्होने कहा, हर कोई भारत की हार के लिए धोनी को बलि का बकरा बनाने पर तुला है, लेकिन वो इस बात को क्यों नजरअंदाज कर रहे हैं कि शिखर धवन, विराट कोहली, सुरेश रैना ने ज्यादा रन नहीं बनाए। ऐसे में धोनी, जिन्होंने सालों तक इतना अच्छा खेला, उन्हें भारत की हार के लिए जिम्मेदार क्यों ठहराया जा रहा है?
एनडीटीवी पर एक खास बहस में प्रसन्ना ने कहा कि धोनी का खराब फॉर्म एक बेहतरीन करियर के 'अंत की शुरुआत' है। उन्होंने कहा, धोनी करीब 33 साल के हैं और संभव है कि अब उनका फुटवर्क पहले जितना अच्छा नहीं रहा। वह अपने शॉट की टाइमिंग मिस कर रहे होंगे। इसी तरह खिलाड़ी अपनी चमक खो देते हैं।
वहीं गावस्कर ने कहा कि धोनी भारत के लिए असाधारण खिलाड़ी रहे हैं और अगले तीन से पांच साल में वह और बेहतर ही होंगे। गावस्कर ने यह भी कहा कि दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टी-20 सीरीज और वनडे सीरीज में भारत की नाकामी के लिए धोनी को बलि का बकरा बनाया जा रहा है।
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टी-20 सीरीज और पहले वनडे में टीम की हार के बाद धोनी आलोचकों के निशाने पर हैं, लेकिन गावस्कर का मानना है कि अकेले धोनी ही ऐसे खिलाड़ी नहीं हैं, जो टीम के लिए नतीजे देने में नाकाम रहे। उन्होने कहा, हर कोई भारत की हार के लिए धोनी को बलि का बकरा बनाने पर तुला है, लेकिन वो इस बात को क्यों नजरअंदाज कर रहे हैं कि शिखर धवन, विराट कोहली, सुरेश रैना ने ज्यादा रन नहीं बनाए। ऐसे में धोनी, जिन्होंने सालों तक इतना अच्छा खेला, उन्हें भारत की हार के लिए जिम्मेदार क्यों ठहराया जा रहा है?
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