टीम इंडिया के खिलाड़ियों को छोटे कहकर बुलाते हैं धोनी.
नई दिल्ली:
युजवेंद्र ने NDTV.COM से एक्सक्लूसिव इंटरव्यू के दौरान बताया कि धोनी टीम के युवा खिलाड़ियों को 'छोटे' कहकर पुकारते हैं. चहल ने कहा, "धोनी भाई तक पहुंचा जा सकता है. मुझे मालूम है, उन्होंने कप्तानी छोड़ दी है, लेकिन हम सभी जानते हैं कि वही हमेशा टीम के कप्तान रहेंगे. वह मुझे 'छोटे' कहकर पुकारते हैं."
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महेंद्र सिंह धोनी द्वारा समझाए जाने वाले कुछ पलों को याद करत हुए चहल ने बताया, "उन्हें मालूम है, बल्लेबाज़ के दिमाग को कैसे पढ़ना है. मुझे नहीं मालूम, वह ऐसा कैसे कर पाते हैं, लेकिन यह बेहद शानदार है. वह मुझे बुलाते हैं, और कहते हैं, "छोटे, इसको बाहर डाल, या स्ट्रेट डाल." मैं वही करता हूं, और नतीजा मिल जाता है. वह बेहद शानदार व्यक्ति हैं."
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सीरीज़ के दौरान धोनी को चाइनामैन गेंदबाज़ कुलदीप यादव से कहते सुना गया था - "वो मारने वाला डाल ना. अंदर या बाहर कोई भी." इसके अलावा चहल और कुलदीप को धोनी लगातार कहते रहे - "घूमने वाला डाल, घूमने वाला." जिस वक्त ग्लेन मैक्सवेल क्रीज़ पर थे, तब कुलदीप यादव की लाइन और लेंग्थ से नाखुश धोनी ने उनसे कहा था, "न, न, न... इसको इतना आगे नहीं..." चहल से भी मैच के दौरान धोनी ने कहा था, "तू भी नहीं सुनता है क्या...? ऐसे... ऐसे डालो..."
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क्रिकेट फील्ड पर अपने अनूठे तरीकों के लिए मशहूर महेंद्र सिंह धोनी ने विकेटकीपिंग करते हुए ही अपनी टिप्स से कई स्पिनरों को मांझा है. रवींद्र जडेजा और रविचंद्रन अश्विन इसके बेहतरीन उदाहरण हैं. वैसे, सिर्फ स्पिनरों के मामले में ही नहीं, कप्तान विराट कोहली डीआरएस (DRS) के मामले में भी महेंद्र सिंह धोनी से सलाह लेते देखे गए हैं.
धोनी ने टेस्ट क्रिकेट से 2014 में ऑस्ट्रेलिया से सीरीज़ के साथ ही संन्यास ले लिया था, लेकिन वन-डे इंटरनेशनल और टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में वह कप्तान बने रहे थे. बाद में इस साल की शुरुआत में इंग्लैंड के खिलाफ वन-डे और टी-20 मैचों से पहले उन्होंने सीमित ओवरों वाले फॉरमैट की कप्तानी भी छोड़ दी थी. धोनी की ही कप्तानी में टीम इंडिया ने वर्ष 2007 में दक्षिण अफ्रीका में हुआ पहला टी-20 वर्ल्ड कप, वर्ष 2011 में भारत में खेला गया वन-डे वर्ल्ड कप, और फिर 2013 में इंग्लैंड में खेली गई चैम्पियन्स ट्रॉफी जीते थे.
महेंद्र सिंह धोनी ने 199 वन-डे इंटरनेशनल मैचों में भारतीय टीम की कप्तानी की है, जिनमें से 110 में जीत हासिल हुई, और 74 में टीम को हार का सामना करना पड़ा. इसके अलावा उन्होंने 72 टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में टीम की कमान संभाली, जिनमें से 41 में टीम जीती, और 28 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा.
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महेंद्र सिंह धोनी द्वारा समझाए जाने वाले कुछ पलों को याद करत हुए चहल ने बताया, "उन्हें मालूम है, बल्लेबाज़ के दिमाग को कैसे पढ़ना है. मुझे नहीं मालूम, वह ऐसा कैसे कर पाते हैं, लेकिन यह बेहद शानदार है. वह मुझे बुलाते हैं, और कहते हैं, "छोटे, इसको बाहर डाल, या स्ट्रेट डाल." मैं वही करता हूं, और नतीजा मिल जाता है. वह बेहद शानदार व्यक्ति हैं."
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धोनी ने टेस्ट क्रिकेट से 2014 में ऑस्ट्रेलिया से सीरीज़ के साथ ही संन्यास ले लिया था, लेकिन वन-डे इंटरनेशनल और टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में वह कप्तान बने रहे थे. बाद में इस साल की शुरुआत में इंग्लैंड के खिलाफ वन-डे और टी-20 मैचों से पहले उन्होंने सीमित ओवरों वाले फॉरमैट की कप्तानी भी छोड़ दी थी. धोनी की ही कप्तानी में टीम इंडिया ने वर्ष 2007 में दक्षिण अफ्रीका में हुआ पहला टी-20 वर्ल्ड कप, वर्ष 2011 में भारत में खेला गया वन-डे वर्ल्ड कप, और फिर 2013 में इंग्लैंड में खेली गई चैम्पियन्स ट्रॉफी जीते थे.
महेंद्र सिंह धोनी ने 199 वन-डे इंटरनेशनल मैचों में भारतीय टीम की कप्तानी की है, जिनमें से 110 में जीत हासिल हुई, और 74 में टीम को हार का सामना करना पड़ा. इसके अलावा उन्होंने 72 टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में टीम की कमान संभाली, जिनमें से 41 में टीम जीती, और 28 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा.
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