भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने तीसरे टेस्ट के ड्रॉ होने के बाद बोर्डर-गावस्कर ट्रॉफी गंवाने पर कहा कि उनकी टीम पहले से ही मुश्किल दौरे पर खुद को परेशान करने के तरीके ढूंढ रही है।
ऑस्ट्रेलिया के 384 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत ने जब एमसीजी पर छह विकेट पर 174 रन बनाए थे, तब दोनों कप्तान मैच ड्रॉ कराने को राजी हो गए। ऑस्ट्रेलिया ने इसके साथ दोबारा बोर्डर-गावस्कर ट्रॉफी जीत ली और धोनी ने कहा कि इस नतीजे के लिए वे खुद ही जिम्मेदार हैं।
धोनी ने मैच के बाद कहा, हमने खुद को परेशान करने के तरीके ढूंढ लिए हैं। अब तक सभी टेस्ट मैचों में मुझे लगता है कि हमने अचछी साझेदारी की और फिर अचानक कुछ विकेट गंवाए और अपने ऊपर दबाव बना लिया।
उन्होंने कहा, काफी ढीले शॉट भी खेले गए और मुझे लगता है कि इस तरह के मैच में यह काफी अहम है कि जब आप शीर्ष पर हों, तो यह लय बरकरार रखें और आगे बढ़ें। सुनिश्चित करें कि आने वाले बल्लेबाज को अधिक दबाव का सामना नहीं करना पड़े।
एडिलेड में पहला टेस्ट 48 रन, जबकि ब्रिस्बेन में दूसरा टेस्ट चार विकेट से गंवाने के बाद धोनी ने कहा कि तीसरा मैच ड्रॉ कराना राहत भरा है। उन्होंने कहा, हां, ड्रॉ से खुश हूं। इसका एकमात्र कारण यह है कि अंतिम दिन हमने खुद को मुश्किल में डाल दिया था। लेकिन मुझे लगता है कि गेंदबाजों ने काफी अच्छा काम किया।
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