राजकोट के दर्शकों को बड़े स्कोर वाले 'उस' मैच में भारत और श्रीलंका के बीच अंतिम क्षणों तक हुआ संघर्ष अब भी याद है। इस मैच में जीत भले ही टीम इंडिया के खाते में आई थी, लेकिन श्रीलंकाई चीतों ने भी आखिर तक संघर्ष करते हुए माधवराव सिंधिया स्टेडियम में क्रिकेटप्रेमियों के दिल जीते थे। भारत बमुश्किल तीन रन से इस मैच में विजय हासिल कर पाया था।
दिसंबर 2009 में हुए इस मैच में भारत के वीरेंद्र सहवाग और श्रीलंका के तिलकरत्ने दिलशान के बल्ले जमकर कहर बरपाया था। वीरू की 102 गेंदों पर 146 रनों की जबर्दस्त पारी (17 चौके, 6 छक्के) के सहारे टीम इंडिया ने निर्धारित 50 ओवर्स में 414 रनों का विशालकाय स्कोर बना डाला था। सचिन तेंदुलकर ने 69 और कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने भी 72 रनों का योगदान दिया था। इस समय तक दर्शक भारत की जीत निश्चित मान बैठे थे, लेकिन दिलशान के दिमाग में शायद और कुछ था। उन्होंने थरंगा के साथ पहले विकेट के लिए 188 रन जोड़कर भारतीय खेमे में चिंता ला दी। थरंगा के आउट होने के बाद भी दिलशान ने जवाबी हमला जारी रखा और 124 गेंदों पर 160 रन (20 चौके, तीन छक्के) बनाते हुए टीम में जीत की उम्मीद जगा दी थी। बहरहाल, आखिर के तनाव भरे क्षणों में टीम इंडिया ने स्थिति को बखूबी नियंत्रित किया और मैच तीन रनों से जीतने में कामयाब रही थी।
भारत ने जीते हैं यहां 6 मैच
आंकड़ों के लिहाज से बात करें तो भारत का यहां जीत का रिकॉर्ड औसत ही रहा है। टीम इंडिया ने राजकोट में 11 मैच खेले हैं जिसमें से छह में उसके खाते में जीत और पांच में हार आई है। इन 11 मैचों के अलावा एक अन्य मैच यहां पर वर्ष 1989 में श्रीलंका और वेस्टइंडीज के बीच खेला गया था।
दिसंबर 2009 में हुए इस मैच में भारत के वीरेंद्र सहवाग और श्रीलंका के तिलकरत्ने दिलशान के बल्ले जमकर कहर बरपाया था। वीरू की 102 गेंदों पर 146 रनों की जबर्दस्त पारी (17 चौके, 6 छक्के) के सहारे टीम इंडिया ने निर्धारित 50 ओवर्स में 414 रनों का विशालकाय स्कोर बना डाला था। सचिन तेंदुलकर ने 69 और कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने भी 72 रनों का योगदान दिया था। इस समय तक दर्शक भारत की जीत निश्चित मान बैठे थे, लेकिन दिलशान के दिमाग में शायद और कुछ था। उन्होंने थरंगा के साथ पहले विकेट के लिए 188 रन जोड़कर भारतीय खेमे में चिंता ला दी। थरंगा के आउट होने के बाद भी दिलशान ने जवाबी हमला जारी रखा और 124 गेंदों पर 160 रन (20 चौके, तीन छक्के) बनाते हुए टीम में जीत की उम्मीद जगा दी थी। बहरहाल, आखिर के तनाव भरे क्षणों में टीम इंडिया ने स्थिति को बखूबी नियंत्रित किया और मैच तीन रनों से जीतने में कामयाब रही थी।
भारत ने जीते हैं यहां 6 मैच
आंकड़ों के लिहाज से बात करें तो भारत का यहां जीत का रिकॉर्ड औसत ही रहा है। टीम इंडिया ने राजकोट में 11 मैच खेले हैं जिसमें से छह में उसके खाते में जीत और पांच में हार आई है। इन 11 मैचों के अलावा एक अन्य मैच यहां पर वर्ष 1989 में श्रीलंका और वेस्टइंडीज के बीच खेला गया था।
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