झारखंड-गुजरात का रणजी मैच देखते एमएस धोनी और एमएसके प्रसाद (फोटो : PTI)
नई दिल्ली:
वैसे तो महेंद्र सिंह धोनी अपनी टीम झारखंड के मेंटर के तौर पर नागपुर पहुंचे थे, जहां वह रणजी ट्रॉफी के सेमीफाइनल में गुजरात का मुकाबला कर रही थी. विदर्भ क्रिकेट एसोसिएशन के स्टेडियम में इस मैच के दौरान सीनियर टीम के मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद भी मौजूद थे, जहां उनकी टीम इंडिया के वनडे और टी-20 कप्तान एमएस धोनी से मुलाकात भी हुई और दोनों ने साथ बैठकर मैच भी देखा और चर्चा भी की. बुधवार शाम को महेंद्र सिंह धोनी 'एमएसडी' एक बार फिर एमएसके से मिले और उनसे महज तीन शब्द कहकर बात खत्म कर दी... फिर इसके बाद रात में बीसीसीआई की ओर से धोनी के वनडे और टी-20 कप्तानी के फैसले की जानकारी दे दी गई. जानिए क्या थे वह तीन शब्द... (अब नहीं दिखेगी 'कूल कप्तानी', पढ़ें- एमएस धोनी के 5 चौंकाने वाले फैसले)
धोनी और प्रसाद की मुलाकात में कुछ भी अजीब नहीं था, क्योंकि यह रणजी का अहम मैच था और मुख्य चयनकर्ता होने के नाते प्रसाद को घरेलू टैलेंट की खोज के लिए इसे देखना एक तरह से जरूरी भी था, जबकि एमएस धोनी के राज्य की टीम पहली बार सेमीफाइनल में पहुंची थी और वह उसके मेंटर हैं. धोनी वहां टीम का उत्साहवर्धन करने पहुंचे थे. फिर न जाने ऐसा क्या हुआ कि मैच खत्म होंने के कुछ ही घंटों बाद धोनी के कप्तानी छोड़ने की खबर आ गई.
इंडियन एक्सप्रेस की अखबार की खबर के अनुसार, धोनी ने मुख्य चयनकर्ता प्रसाद से देर शाम मुलाकात की और उनसे तीन शब्द कहे, 'ओके दैट्स इट'. इसके साथ ही टीम इंडिया की वनडे और टी-20 कप्तानी के सारे समीकरण बदलकर विराट कोहली की ओर हो गए, जो इन दिनों टेस्ट में अपनी कप्तानी से धूम मचा रहे हैं और इसके वास्तविक दावेदार हैं.
अब जबकि न तो चयनकर्ताओं और न ही बोर्ड के किसी अधिकारी ने एमएस धोनी के कप्तानी छोड़ने को लेकर दबाव के बारे में कुछ कहा है, ऐसे में माना जा रहा है कि धोनी ने खुद सीमित ओवरों के क्रिकेट में टीम इंडिया के भविष्य को देखते हुए यह फैसला ले लिया है. जैसा कि कहा जा रहा था कि विराट कोहली अब टेस्ट के बाद वनडे और टी-20 की कप्तानी के लिए भी तैयार हैं. संभवतः धोनी ने भी कुछ ऐसा ही महसूस किया हो और अब केवल अपने खेल पर ध्यान देना चाहते हों.
वैसे भी विराट कोहली के उभार के बीच धोनी पर कुछ ज्यादा ही दबाव था और वनडे- टी20 में टीम इंडिया का प्रदर्शन भी पिछले कुछ समय से खास नहीं रहा है. वनडे वर्ल्ड कप में भी अब लगभग दो साल का ही समय बचा है और टीम इंडिया को इससे पहले महज 55 वनडे ही खेलने हैं, वहीं चैंपियन्स ट्रॉफी भी नजदीक है. ऐसे में तैयारी और टीम संयोजन को देखते हुए चयनकर्ताओं के लिए भी इससे जुड़ा कोई फैसला लेना अनिवार्य था.
धोनी और प्रसाद की मुलाकात में कुछ भी अजीब नहीं था, क्योंकि यह रणजी का अहम मैच था और मुख्य चयनकर्ता होने के नाते प्रसाद को घरेलू टैलेंट की खोज के लिए इसे देखना एक तरह से जरूरी भी था, जबकि एमएस धोनी के राज्य की टीम पहली बार सेमीफाइनल में पहुंची थी और वह उसके मेंटर हैं. धोनी वहां टीम का उत्साहवर्धन करने पहुंचे थे. फिर न जाने ऐसा क्या हुआ कि मैच खत्म होंने के कुछ ही घंटों बाद धोनी के कप्तानी छोड़ने की खबर आ गई.
इंडियन एक्सप्रेस की अखबार की खबर के अनुसार, धोनी ने मुख्य चयनकर्ता प्रसाद से देर शाम मुलाकात की और उनसे तीन शब्द कहे, 'ओके दैट्स इट'. इसके साथ ही टीम इंडिया की वनडे और टी-20 कप्तानी के सारे समीकरण बदलकर विराट कोहली की ओर हो गए, जो इन दिनों टेस्ट में अपनी कप्तानी से धूम मचा रहे हैं और इसके वास्तविक दावेदार हैं.
अब जबकि न तो चयनकर्ताओं और न ही बोर्ड के किसी अधिकारी ने एमएस धोनी के कप्तानी छोड़ने को लेकर दबाव के बारे में कुछ कहा है, ऐसे में माना जा रहा है कि धोनी ने खुद सीमित ओवरों के क्रिकेट में टीम इंडिया के भविष्य को देखते हुए यह फैसला ले लिया है. जैसा कि कहा जा रहा था कि विराट कोहली अब टेस्ट के बाद वनडे और टी-20 की कप्तानी के लिए भी तैयार हैं. संभवतः धोनी ने भी कुछ ऐसा ही महसूस किया हो और अब केवल अपने खेल पर ध्यान देना चाहते हों.
वैसे भी विराट कोहली के उभार के बीच धोनी पर कुछ ज्यादा ही दबाव था और वनडे- टी20 में टीम इंडिया का प्रदर्शन भी पिछले कुछ समय से खास नहीं रहा है. वनडे वर्ल्ड कप में भी अब लगभग दो साल का ही समय बचा है और टीम इंडिया को इससे पहले महज 55 वनडे ही खेलने हैं, वहीं चैंपियन्स ट्रॉफी भी नजदीक है. ऐसे में तैयारी और टीम संयोजन को देखते हुए चयनकर्ताओं के लिए भी इससे जुड़ा कोई फैसला लेना अनिवार्य था.
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