कोलकाता:
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ ने गुरुवार को कहा कि वह भाग्यशाली हैं कि उन्हें 16 साल तक देश का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला।
इंडियन प्रीमियर लीग में खेल रही राजस्थान रॉयल्स टीम के कप्तान द्रविड़ ने खुद को भारत सरकार द्वारा पद्म भूषण से अलंकृत किए जाने पर खुशी जाहिर की और कहा कि यह उनके लिए सम्मान की बात है।
रूपा एंड कम्पनी लिमिटेड द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में द्रविड़ ने कहा, "यह सम्मान की बात है। जब आप खेलना शुरू करते हैं तो आप सम्मान और पुरस्कारों के बारे में नहीं सोचते। आप इसलिए खेलते हैं कि आपको इस खेल से प्यार होता है और खेलना जारी रखने के लिए कोई कारण नहीं होता।"
द्रविड़ बोले, "समय बीतने के साथ जब आपका सम्मान होता है और सरकार भी आपका सम्मान करती है तो यह गर्व की बात होती है।"
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने पांच अप्रैल को द्रविड़ को देश के तीसरे बड़े नागरिक सम्मान से अलंकृत किया था।
द्रविड़ ने कहा कि वह भाग्यशाली हैं कि भारत जैसे देश में, जहां क्रिकेट को धर्म का दर्जा प्राप्त है, उन्हें 16 साल तक देश के लिए खेलने का मौका मिला।
बकौल द्रविड़, "मैं बहुत भाग्यशाली हूं कि मैंने देश के लिए क्रिकेट खेला। यह देश का सबसे बड़ा खेल है। यहां तो इसे धर्म का दर्जा प्राप्त है और ऐसे देश के लिए खेलकर मैं धन्य महसूस करता हूं।"
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ ने गुरुवार को कहा कि वह भाग्यशाली हैं कि उन्हें 16 साल तक देश का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला।
इंडियन प्रीमियर लीग में खेल रही राजस्थान रॉयल्स टीम के कप्तान द्रविड़ ने खुद को भारत सरकार द्वारा पद्म भूषण से अलंकृत किए जाने पर खुशी जाहिर की और कहा कि यह उनके लिए सम्मान की बात है।
रूपा एंड कम्पनी लिमिटेड द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में द्रविड़ ने कहा, "यह सम्मान की बात है। जब आप खेलना शुरू करते हैं तो आप सम्मान और पुरस्कारों के बारे में नहीं सोचते। आप इसलिए खेलते हैं कि आपको इस खेल से प्यार होता है और खेलना जारी रखने के लिए कोई कारण नहीं होता।"
द्रविड़ बोले, "समय बीतने के साथ जब आपका सम्मान होता है और सरकार भी आपका सम्मान करती है तो यह गर्व की बात होती है।"
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने पांच अप्रैल को द्रविड़ को देश के तीसरे बड़े नागरिक सम्मान से अलंकृत किया था।
द्रविड़ ने कहा कि वह भाग्यशाली हैं कि भारत जैसे देश में, जहां क्रिकेट को धर्म का दर्जा प्राप्त है, उन्हें 16 साल तक देश के लिए खेलने का मौका मिला।
बकौल द्रविड़, "मैं बहुत भाग्यशाली हूं कि मैंने देश के लिए क्रिकेट खेला। यह देश का सबसे बड़ा खेल है। यहां तो इसे धर्म का दर्जा प्राप्त है और ऐसे देश के लिए खेलकर मैं धन्य महसूस करता हूं।"
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