अनिवार्य अधिकार पत्र के बिना पहुंचीं कुछ इकाइयां, बीसीसीआई को SGM स्‍थगित करनी पड़ी

अनिवार्य अधिकार पत्र के बिना पहुंचीं कुछ इकाइयां, बीसीसीआई को SGM स्‍थगित करनी पड़ी

प्रतीकात्‍मक फोटो

खास बातें

  • लोढ़ा कमेटी की सिफारिशें लागू करने की पहली समयसीमा चूका बोर्ड
  • सुधारों का पहला सेट लागू करने के लिये था आज तक का समय
  • एसजीएम में भविष्‍य की रणनीति पर चर्चा करनी थी बीसीसीआई को
मुंबई.:

विवादों में घिरी बीसीसीआई आज लोढ़ा समिति की व्यापक प्रशासनिक सुधारों की सिफारिशों को लागू करने की पहली समयसीमा से चूक गई क्योंकि उसे तकनीकी आधार पर अपनी विशेष आम बैठक को स्थगित करना पड़ा.

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) पर अपने सारे शीर्ष अधिकारियों को गंवाने का खतरा मंडरा रहा है जिसमें अध्यक्ष अनुराग ठाकुर भी शामिल हैं. उसे शुक्रवार को एसजीएम में भविष्य की रणनीति पर चर्चा करनी थी क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को क्रिकेट बोर्ड को चेताया था कि या तो वह ‘रास्ते पर आये’ या फिर परिणाम भुगतने के लिये तैयार रहे.

बोर्ड को सुधारों का पहला सेट लागू करने के लिये आज तक का समय दिया गया था, जिसमें उसे संघ एवं नियमों संबंधित नये सहमति पत्र को अपनाने की जरूरत थी. हालांकि इस मामले पर चर्चा के लिये बैठक को कल तक के लिये स्थगित करना पड़ा क्योंकि बीसीसीआई की कुछ सदस्यीय इकाइयां अनिवार्य अधिकार पत्र के बिना आ गई थीं.

बैठक में मौजूद एक सूत्र ने कहा, ‘उन्हें अपनी संबंधित इकाइयों से उचित अधिकार पत्र के साथ आने को कहा गया है.’बीसीसीआई ने सुप्रीम कोर्ट में लोढ़ा पैनल की सिफारिशों को चुनौती देते हुए पुनरीक्षा याचिका दायर की थी लेकिन अब उसके पास ज्यादा विकल्प नहीं बचे हैं.

लोढ़ा समिति ने अपनी स्थिति रिपोर्ट में सुप्रीम कोर्ट को बीसीसीआई द्वारा किये गये विभिन्न उल्लघंनों के बारे में बताया जो पैनल की सिफारिशों के खिलाफ थे, जिसके बाद शीर्ष अदालत ने बोर्ड को फटकार लगाई. बीसीसीआई के पास स्थिति रिपोर्ट का जवाब देने के लिए छह अक्‍टूबर तक का समय है.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)


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