
ललित मोदी की फाइल तस्वीर
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दिल्ली की एक अदालत ने बीसीसीआई को 25 सितंबर को आम सभा की विशेष बैठक करने से रोक दिया। बैठक में आईपीएल के पूर्व आयुक्त ललित मोदी के टी-20 क्रिकेट लीग के संचालन में कथित वित्तीय अनियमितताओं पर अनुशासन समिति की रिपोर्ट पर विचार किया जाना था।
इस बैठक में आईपीएल के पूर्व आयुक्त ललित मोदी के टी-20 क्रिकेट लीग के संचालन में कथित वित्तीय अनियमितताओं पर अनुशासन समिति की रिपोर्ट पर विचार किया जाना था। यह एक-पक्षीय आदेश ललित मोदी की याचिका पर जारी किया गया, जिन्होंने 2 सितंबर को नोटिस जारी करने के बीसीसीआई सचिव संजय पटेल के अधिकार को चुनौती दी थी।
इस नोटिस में 25 सितंबर को अरुण जेटली, चिरायु अमीन और ज्योतिरादित्य सिंधिया की तीन- सदस्यीय अनुशासन समिति की रिपोर्ट पर विचार करने की बात कही गई थी। अतिरिक्त जिला न्यायाधीश रूबी अल्का गुप्ता ने कहा, वादी (मोदी) ने प्रथम दृष्टया दर्शाया है कि एसजीएम का नोटिस बिना उपयुक्त अधिकार के जारी किया गया। उन्होंने साथ ही दर्शाया है कि अगर अनधिकृत बैठक में अनुशासन समिति की बैठक पर विचार किया गया, तो इससे उन्हें नुकसान होगा, जिसकी भरपाई पैसों में नहीं की जा सकती।
अदालत ने बीसीसीआई, पटेल, जगमोहन डालमिया को मोदी की अपील पर जवाब देने के लिए चार दिन का समय दिया और अगली सुनवाई 30 सितंबर को नियत कर दी। डालमिया एन श्रीनिवासन की जगह क्रिकेट बोर्ड के अंतरिम प्रमुख के तौर पर काम कर रहे हैं।
मोदी के वकील ने तर्क दिया कि पटेल नोटिस जारी करने के लिए अधिकृत नहीं हैं, फिर भी उन्होंने श्रीनिवासन के कहने पर 2 सितंबर को मोदी को नोटिस जारी किया।
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