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This Article is From Oct 10, 2022

“कुछ करके आना, वरना मत आना”, जब शाहबाज अहमद को पिता ने क्रिकेट करियर खत्म करने के लिए अल्टीमेटम दिया

27 वर्षीय ऑलराउंडर शाहबाज अहमद का अंतरराष्ट्रीय डेब्यू रविवार को हुआ लेकिन वह साल 2020 से इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) के लिए खेल रहे हैं.

“कुछ करके आना, वरना मत आना”, जब शाहबाज अहमद को पिता ने क्रिकेट करियर खत्म करने के लिए अल्टीमेटम दिया
Shahbaz Ahmed
नई दिल्ली:

भारतीय क्रिकेट टीम ने रविवार को तीन मैचों की सीरीज के दूसरे वनडे में साउथ अफ्रीका को हराकर सीरीज (India vs South Africa) बराबर कर ली. इसी के साथ शाहबाज अहमद (Shahbaz Ahmed) वनडे अंतरराष्ट्रीय फॉर्मेट में भारत की सीनियर राष्ट्रीय टीम का प्रतिनिधित्व करने वाले 247वें खिलाड़ी बन गए. शाहबाज ने अपने डेब्यू मैच में गेंद से प्रभावित किया और अपना पहला विकेट भी हासिल किया. लेकिन, भारतीय टीम (Team India) तक का उनका सफर आसान नहीं रहा है. एक आम परिवार से आने वाले, शाहबाज ने क्रिकेट के प्रति अपने जुनून को आगे बढ़ाने के लिए कई कठिनाइयों का सामना किया. इस समय पर ऑलराउंडर को उनके पिता (Shahbaz Ahmed Father) से अपने करियर के लिए बड़ा फैसला लेने का एक अल्टीमेटम भी मिला था.

अपने माता-पिता को निराशा करते हुए शाहबाज ने बीच में ही इंजीनियरिंग की पढ़ाई छोड़ दी थी. उन्होंने हरियाणा भी छोड़ दिया और अपने क्रिकेटिंग करियर को आगे बढ़ाने के लिए कोलकाता चले गए. जब शाहबाज इस सब प्रक्रिया (Shahbaz Ahmed Career) में थे, तो ऑलराउंडर को अपने पिता से चेतावनी मिली, जिन्होंने उन्हें कुछ बड़ा करने के लिए कहा या फिर वापस नहीं आने कह दिया.

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इंडियन एक्सप्रेस के साथ बातचीत में, शाहबाज के पिता अहमद जान और उनकी मां अबनाम ने इस विषय पर और उनके बेटे की क्रिकेट यात्रा के बारे में बात की.

शाहबाज की माँ ने कहा, "वह कुछ बड़ा करने के लिए दृढ़ था. यहां तक ​​कि उसके कॉलेज के प्रोफेसरों ने भी उसे बताया कि यह एक गलती थी क्योंकि वह एक अच्छा छात्र था. शाहबाज ने अपने डिपार्टमेंट हेड से कहा कि 'एक दिन तुम मुझे मेरी डिग्री दोगे और मुझे बधाई भी दोगे.' और पिछले साल ऐसा हुआ था,"

जान ने खुलासा किया, "मैंने उससे उस दिन कहा कुछ करके आना, वरना मत आना वापस."

पार्थ प्रतिम चौधरी ने शाहबाज को तपन मेमोरियल क्लब में शामिल होने में मदद की थी. और फिर इसके बाद प्रतिभाशाली ऑलराउंडर ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.

शाहबाज की मां अबनाम ने कहा, "पार्थ सर अल्लाह के भेजे हुए फरिश्ते है. आज के वक्त में कौन किसी अनजान को अपने घर में रखता है, उन्होंने शाहबाज को अपने बेटे की तरह रखा, उन्हें जितनी दुआ दूं वो कम है.”

शाहबाज का अंतरराष्ट्रीय डेब्यू रविवार को हुआ लेकिन वह साल 2020 से इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) के लिए खेल रहे हैं. पिछले कुछ सालों में 27 वर्षीय को जितनी सफलता मिली है, निश्चित रूप से उनका भविष्य सुनहरा लग रहा है.

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