चैम्पियंस लीग में आज कोलकाता नाइटराइडर्स की टक्कर डॉल्फ़िंस से होगी। दोनों टीमों के लिए ये लीग का आख़िरी मैच है। एक और जहां कोलकाता सेमीफ़ाइनल में पहुंच चुकी है, तो वहीं डॉल्फ़िंस के लिए टूर्नामेंट का सफ़र ख़त्म हो चुका है।
डॉल्फ़िंस की टीम चैम्पियंस लीग के अपने तीनों मैच पहले ही हार चुकी है। ऐसे में टीम के लिए नाइटराइडर्स के ख़िलाफ़ खोने को कुछ नहीं है। हालांकि टीम ने खेले गए तीनों मैचों में ज़ोरदार टक्कर देने की कोशिश की लेकिन जीत से दूर रही। डॉल्फ़िंस को पहले मैच में पर्थ स्कॉर्चर्स ने 6 विकेट से हराया तो दूसरे में चेन्नई ने 54 रन से धोया। जबकि तीसरे मैच में डॉल्फ़िंस को लाहौर ने 16 रन से हराकर चैम्पियंस लीग टी20 से बाहर कर दिया।
चैम्पियंस लीग के तीनों मैचों में डॉल्फ़िंस का कोई भी खिलाड़ी लगातार अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सका है। डॉल्फ़िंस के कोच लांस क्लूज़नर ने माना कि उनकी टीम एकजुट होकर प्रदर्शन करने में नाकाम रही है, जिसकी वजह से टीम जीत की राह नहीं पकड़ सकी।
वहीं आईपीएल और चैम्पियंस लीग के मैचों को मिलाकर चैम्पियन कोलकाता नाइटराइडर्स लगातार 12 मैच जीत चुकी है।
कोलकाता की हर जीत में उसके ओपनर्स का रोल काफ़ी अहम रहा है। रॉबिन उथप्पा और कप्तान गौतम गंभीर ने टीम को लगभग हर मैच में ठोस शुरुआत दी है।
टीम के तूफ़ानी बल्लेबाज़ यूसुफ़ पठान के बल्ले का जलवा अब तक फ़ैन्स को देखने को नहीं मिला है। यूसुफ़ के बल्ले से 3 मैच में सिर्फ़ 33 रन निकले हैं। ज़ाहिर है टीम के आख़िरी लीग मैच में सीनियर पठान बल्ले से रन बनाकर फ़ॉर्म में वापस आने की कोशिश ज़रूर करेंगे।
गेंदबाज़ी में टीम के स्पिनरों मे विरोधी बल्लेबाज़ों की नाक में दम कर रखा है। टीम सुनील नरेन पर ज़्यादा निर्भर ज़रूर रही है, लेकिन बाक़ी स्पिनरों ने भी कप्तान के भरोसे को बनाए रखा है। पीयूष चावला के आलावा कानपुर के कुलदीप यादव ने दो मैचों में 4 विकेट लेकर सबको प्रभावित किया है। डॉल्फ़िंस के ख़िलाफ़ मैच नाइटराइडर्स के लिए सेमीफ़ाइनल से पहले अभ्यास करने का अच्छा मौक़ा है।
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