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This Article is From Dec 26, 2013

मुरली विजय और चेतेश्वर पुजारा की सधी बल्लेबाजी, भारत ने दूसरे टेस्ट में दबदबा बनाया

मुरली विजय और चेतेश्वर पुजारा की सधी बल्लेबाजी, भारत ने दूसरे टेस्ट में दबदबा बनाया
भारतीय बल्लेबाज मुरली विजय
डरबन:

सलामी बल्लेबाज मुरली विजय ने नाबाद 91 रन की पारी खेलकर फॉर्म में वापसी की, जिससे भारत ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दूसरे और अंतिम क्रिकेट टेस्ट के शुरुआती दिन मजबूत बल्लेबाजी का प्रदर्शन करते हुए दबदबा बना लिया। 29-वर्षीय विजय पिछले कुछ समय से बड़ा स्कोर नहीं बना पा रहे थे, लेकिन वह अपने चौथे टेस्ट शतक से केवल नौ रन दूर हैं, जिससे मेहमान टीम ने किंग्समीड में खराब रोशनी के कारण खेल रोके जाने तक 61 ओवर में एक विकेट खोकर आराम से 181 रन बना लिए।

विजय को चेतेश्वर पुजारा (नाबाद 58 रन) का पूरा साथ मिला, इस जोड़ी ने दूसरे विकेट के लिए अब तक 140 रन की नाबाद साझेदारी कर ली है। हालांकि दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाजों ने पिच से उछाल हासिल करने का भरसक प्रयत्न किया, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली।

टॉस जीतकर बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम ने शिखर धवन (29) का विकेट जल्दी खो दिया, लेकिन विजय और पुजारा ने सतर्कता से बल्लेबाजी करते हुए सुनिश्चित किया कि उन्हें कोई अन्य विकेट खोना पड़े। पुजारा ने जोहानिसबर्ग में ड्रॉ हुए मुकाबले की दूसरी पारी में 153 रन बनाए थे।

विजय और पुजारा के शानदार प्रदर्शन से भारत ने चाय तक एक विकेट गंवाकर 163 रन बना लिए थे। चाय के बाद दोनों बल्लेबाजों को निराशा हाथ लगी, क्योंकि खराब रोशनी के कारण अंतिम सत्र में केवल आठ ओवर का ही खेल हो सका। खराब रोशनी के कारण खेल रोक दिया गया और अंपायरों को बचे हुए दिन का खेल खत्म करने पर बाध्य होना पड़ा। इससे पहले भारत ने लंच के बाद एक विकेट पर 76 रन से आगे खेलना शुरू किया। विजय और पुजारा ने आराम से खेलते हुए अपनी 35 रन की साझेदारी को मजबूत किया।

इससे पहले, भारत को पहला झटका सलामी बल्लेबाज शिखर धवन (29 रन, 49 गेंद, चार चौके) के रूप में लगा था, जो सधी शुरुआत के बाद पारी के 14वें ओवर की पहली ही गेंद पर पैवेलियन लौट गए। उन्हें मोरनी मोरकेल ने थर्ड स्लिप पर पीटरसन के हाथों कैच करवाया। यह लगातार चौथा मौका है, जब धवन नाकाम रहे। जिस समय शिखर धवन आउट हुए, टीम इंडिया का कुल योग 41 रन था।

दरअसल, इस साल मार्च में मोहाली में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 187 रनों की धमाकेदार पारी के साथ करियर का आगाज़ करने वाले धवन 6 नवंबर को कोलकाता में टेस्ट टीम में वापसी के बाद से एक भी अर्द्धशतक नहीं लगा सके हैं। धवन लगातार चार पारियों में नाकाम रहे हैं। जोहानिसबर्ग में खेले गए शृंखला के पहले टेस्ट मैच की पारियों में वह 13 और 15 रन बना सके थे, जबकि कोलकाता टेस्ट में वेस्ट इंडीज़ के खिलाफ उन्होंने 23 रन और मुंबई टेस्ट में 33 की पारियां खेली थीं।

वैसे, भारतीय टीम ने इस बेहद महत्वपूर्ण मैच के लिए अंतिम एकादश में सिर्फ एक बदलाव किया है, और स्पिनर रविचंद्रन अश्विन की जगह हरफनमौला रवींद्र जडेजा को अंतिम एकादश में शामिल किया गया है। उधर, मेजबान दक्षिण अफ्रीकी टीम ने भी इमरान ताहिर के स्थान पर रॉबिन पीटरसन को अंतिम एकादश में रखा है।

दरअसल, जोहानिसबर्ग में खेले गए पहले टेस्ट मैच में चार दिन तक दबदबा बनाए रखने के बावजूद भारतीय टीम जीत हासिल नहीं कर पाई और मेजबान बल्लेबाज मैच ड्रॉ करवाने में कामयाब रहे। बहरहाल, मैच काफी रोमांचक रहा था, और उसे अब तक के ड्रॉ हुए सर्वकालिक बेहतरीन टेस्ट मैचों में शुमार किया जा रहा है। टेस्ट इतिहास के सबसे बड़े लक्ष्य का पीछा करते हुए दक्षिण अफ्रीका की टीम सिर्फ आठ रन से जीत से दूर रह गई। दूसरी तरफ भारतीय टीम हैरान थी कि कैसे चार दिन के दबदबे के बाद सिर्फ एक सत्र ने उसकी किस्मत बदल दी। सो, अब भारत और दक्षिण अफ्रीका की टीमें दूसरे और अंतिम टेस्ट मैच में एक बार फिर श्रेष्ठता की जंग जीतने के इरादे से उतरेंगी।

वैसे भी, दक्षिण अफ्रीकी दौरे में टीम इंडिया के पास सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण जैसे दिग्गजों की गैरमौजूदगी में जीत दर्ज करने का यह आखिरी मौका है। दरअसल, युवा भारतीय टीम लंबे घरेलू सत्र के बाद यहां आई थी और उसे इस बात की कोई खास जानकारी नहीं थी कि हालात से कैसे निपटना है। उन्हें इस दौरे पर काफी कुछ साबित करना था, लेकिन पहले खेली गई तीन एक-दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों की शृंखला में 2-0 से हार के बाद टेस्ट मैचों का ही रास्ता बचा था, लेकिन जोहानिसबर्ग में खेले गए टेस्ट मैच के ड्रॉ हो जाने से अब एकमात्र मैच यही है, जो किंग्समीड (डरबन) में खेला जा रहा है।

उधर, मेजबान टीम के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी जैक कैलिस ने भी चूंकि संन्यास की घोषणा कर दी है, इसलिए उनके लिए भी यह मैच बेहद महत्वपूर्ण हो गया है। अब दक्षिण अफ्रीकी टीम उन्हें जीत के साथ विदाई देना चाहेगी।

अंतिम एकादश इस प्रकार हैं...

भारत : महेंद्र सिंह धोनी (कप्तान एवं विकेटकीपर), मुरली विजय, शिखर धवन, चेतेश्वर पुजारा, विराट कोहली, रोहित शर्मा, अजिंक्य रहाणे, रवींद्र जडेजा, इशांत शर्मा, ज़हीर खान तथा मोहम्मद शामी।

दक्षिण अफ्रीका : ग्रीम स्मिथ (कप्तान), अल्वीरो पीटरसन, हाशिम अमला, जैक कैलिस, एबी डिविलियर्स (विकेटकीपर), फाफ डू प्लेसिस, जीन-पॉल ड्यूमिनी, रॉबिन पीटरसन, वरनॉन फिलैंडर, डेल स्टेन तथा मोरनी मोरकेल।

मैच के दौरान मैदान में दोनों अम्पायर ऑस्ट्रेलिया के हैं, जिनके नाम स्टीव डेविस तथा रॉड टकर हैं, जबकि टीवी अम्पायर स्थानीय एड्रियान होल्डस्टॉक हैं। रिजर्व अम्पायर की भूमिका निभा रहे हैं स्थानीय शॉन जॉर्ज तथा मैच रैफरी हैं जिम्बाब्वे के एंडी पायक्रॉफ्ट।

(इनपुट एजेंसियों से भी)

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