मुंबई : मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में चल रहे रणजी के फ़ाइनल में कर्नाटक के 23 साल के करुण नायर ने 328 रन बनाकर एक नया इतिहास रच दिया। रणजी फ़ाइनल के चौथे दिन छठे नंबर पर खलेते हुए करुण नायर ने 560 गेंदों पर 46 चौके और एक छक्का लगाकर 328 रन बनाए।
58.57 के स्ट्राइक रेट से खेलते हुए इस मैराथन पारी में करुण ने पहले गुंडप्पा विश्वनाथ के 1977-78 में बनाए गए 247 रनों के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया। फिर चौथे दिन बड़ौदा के गुल मोहम्मद के 319 रनों के रणजी रिकॉर्ड को तोड़ कर उन्होंने सात दशक पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया। गुल मोहम्मद ने सात दशक पहले 1946-47 में होल्कर के ख़िलाफ़ रणजी फ़ाइनल में 319 रनों का रिकॉर्ड बनाया था।
वैसे ये इत्तेफ़ाक ही है कि गुल मोहम्मद ने 1947 में 10 मार्च को ही अपना तिहरा शतक पूरा करते हुए 319 रनों की पारी खेली थी और करुण नायर ने 68 साल बाद 10 मार्च को ही अपना तिहरा शतक पूरा किया। एक और इत्तेफ़ाक ये है कि 328 रनों की ऐतिहासिक पारी से पहले करुण नायर ने इस टूर्नामेंट में 9, 35, 2, 14, 63, 2, 36, 38, 6, 0, 31, 20, 48, 49 नॉट आउट और 28 रनों की पारी खेली। यानी कुल मिलाकर इस सीज़न करुण नायर ने 27.21 के औसत से 381 रन बनाए।
अपनी इस पारी के बाद करुण नायर ने विज़्डन को दिए गए एक इंटरव्यू में कहा कि किसी भी पारी में पहले 25 रन सबसे अहम होते हैं। 25 रन बनाने के बाद आप उसे बड़ी पारी में बदलने की सोच सकते हैं। वो कहते हैं कि इस सीज़न कई बार 30-40 रन बनाकर वो आउट हुए जिसे लेकर उन्हें काफ़ी मायूसी हुई। लेकिन इस बार उन्होंने धीरे-धीरे अपनी पारी को संवारा और रणजी फ़ाइनल में एक नया इतिहास कायम हो गया।
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