धोनी ने ली राहत की सांस, बोले- डैथ ओवरों में बेहतरीन गेंदबाजी कर रहे हैं बुमराह

धोनी ने ली राहत की सांस, बोले- डैथ ओवरों में बेहतरीन गेंदबाजी कर रहे हैं बुमराह

महेंद्र सिंह धोनी (फाइल फोटो)

मीरपुर:

‘डैथ ओवरों’ के जसप्रीत बुमराह के सक्षम गेंदबाज के तौर पर उभरने से भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने राहत की सांस ली है। उन्होंने कहा है कि गुजरात का यह गेंदबाज नई गेंद से भी उतना ही प्रभावी है।

धोनी ने बुमराह की तारीफ करते हुए कहा, जसप्रीत नई गेंद से भी बेहतरीन गेंदबाजी करता है। डैथ ओवरों में उसने हमें काफी राहत दी है। लोगों को हालांकि यह समझना होगा कि वह रन भी देगा। अभी तक उसने नई गेंद और डैथ ओवरों में हमारे लिए अच्छी गेंदबाजी की है।

उन्होंने कहा, डैथ गेंदबाजी में आप आखिरी दो ओवरों में सिर्फ 12 रन नहीं दे पाते। कई बार 20-22 रन भी पड़ते हैं। इस तरह के प्रारूप में यह चलता है। इससे पहले हार्दिक पांड्या को ‘गेम चेंजर’ बताने वाले धोनी ने कहा कि उसकी मौजूदगी से टीम में जरूरी संतुलन बना है। उन्होंने कहा, यह प्रारूप पांड्या को रास आता है क्योंकि वह हरफनमौला है। हरफनमौला गेंद और बल्ले दोनों के जौहर दिखा सकते हैं और एक में नाकाम रहने पर दूसरे में भरपाई कर सकते हैं। यही वजह है कि टीम अब अधिक संतुलित लग रही है। आपके पास तीन तेज गेंदबाज और दो स्पिनर हैं। इनके अलावा अनियमित गेंदबाज रैना और युवराज भी है। युवराज ने कल 18 गेंद में 35 रन बनाए जिससे कप्तान काफी खुश हैं।

धोनी ने कहा, जहां तक युवी की बल्लेबाजी का सवाल है, मैंने पहले ही कहा है कि वह जितना ज्यादा समय क्रीज पर बिताएगा उतना ही बेहतर होगा। उसका रवैया बहुत अच्छा रहा है। उसने बड़े शॉट खेलने से पहले दो दिन गेंद तक इंतजार किया। उसने कल दिखाया कि वही खिलाड़ी है, जो अपनी मर्जी से छक्के भी लगा सकता है। यदि वह ऐसे ही खेलता रहा तो विश्व कप से पहले बेहतरीन स्थिति में होगा।

विराट कोहली ने भी अर्धशतक जमाकर भारत को श्रीलंका पर पांच विकेट से जीत दिलाई। धोनी ने कहा, विराट हमेशा से जीत में योगदान देना चाहता रहा है। वह 80 रन पर भी आउट हो जाएगा तो वही खिलाड़ी होगा, जो 100 रन बनाना चाहता था। टीम अगर उसके 80 रन से जीतती है तो उसे खुशी होती है। मैं जानता हूं कि 70-80 रन को शतक में बदलना कितना अहम है। यह सिर्फ खिलाड़ी ही नहीं बल्कि टीम के लिए भी अच्छा है। धोनी ने स्वीकार किया कि पिच पिछले दो मैचों की तरह तेज गेंदबाजों की मददगार नहीं थी।

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उन्होंने कहा, पहले दो मैचों में विकेट तेज गेंदबाजों की मददगार थी। यह पिच उतनी मददगार नहीं थी लेकिन बल्लेबाजों को कुछ परेशानी जरूर हुई। यदि तेज गेंदबाज सही दिशा में गेंद डाले तो बल्लेबाजों को मुश्किलें आ रही थी और दोनों टीमों के तेज गेंदबाजों ने ऐसा ही किया।