यह ख़बर 03 जून, 2013 को प्रकाशित हुई थी

स्पॉट फिक्सिंग : जांच से दूरी बनाए रखेंगे श्रीनिवासन : अरुण जेटली

खास बातें

  • जेटली ने कहा, मैंने पिछले दो सप्ताह में प्रत्येक क्रिकेट प्रेमी की बेचैनी महसूस की है। आपको इस व्यवस्था के तहत कम से कम ऐसा बोर्ड मिलेगा, जिसकी थोड़ी साख है और जब बोर्ड ने निर्णय ले लिया है तो मुझे लगता है कि हमें इसे एक मौका देना चाहिए।
नई दिल्ली:

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के उपाध्यक्ष अरुण जेटली ने आज कहा कि एन श्रीनिवासन आईपीएल-6 में सट्टेबाजी मामले में आरोपी अपने दामाद गुरुनाथ मयप्पन के खिलाफ जांच से दूरी बनाए रखेंगे।

जेटली ने कहा, मामले की जांच की जाएगी। उनके (श्रीनिवासन) खिलाफ कोई आरोप नहीं है। अब यदि आप अपने पद से किनारा कर लेते हैं और उससे संबंधित कोई कार्य नहीं करते तो आप क्रिकेट प्रशासन से पूरी तरह दूरी बना लेते हैं। यह दूरी श्रीनिवासन को बनानी होगी। चौतरफा दबाव के आगे झुकते हुए श्रीनिवासन ने भारतीय क्रिकेट को झकझोर देने वाले स्पॉट फिक्सिंग प्रकरण के एक पखवाड़े से अधिक समय बाद आज अध्यक्ष पद से तब तक किनारा करने पर सहमति जताई तब तक उनके दामाद गुरुनाथ मयप्पन के खिलाफ चल रही जांच पूरी नहीं हो जाती। बीसीसीआई के पूर्व प्रमुख जगमोहन डालमिया को बोर्ड के कामकाज के संचालन के लिए अंतरिम व्यवस्था के तौर पर चार सदस्यीय पैनल का प्रमुख बनाया गया है।

जेटली ने एक समाचार चैनल से कहा, श्रीनिवासन जांच पूरी होने तक मामले से दूरी बनाए रखेंगे। बोर्ड की कार्य समिति प्रशासनिक कामकाज संभालेगी। समिति बीसीसीआई के रोजमर्रा के काम का संचालन करेगी। उन्होंने कहा कि चेन्नई में लिया गया कार्यसमिति का निर्णय बीसीसीआई को अपनी साख वापस हासिल करने में मदद करेगा।

जेटली ने कहा, मैंने पिछले दो सप्ताह में प्रत्येक क्रिकेट प्रेमी की बेचैनी महसूस की है। आपको इस व्यवस्था के तहत कम से कम ऐसा बोर्ड मिलेगा, जिसकी थोड़ी साख है और जब बोर्ड ने निर्णय ले लिया है तो मुझे लगता है कि हमें इसे एक मौका देना चाहिए। उन्होंने कहा, बीसीसीआई के सितंबर में चुनाव होंगे। इस मामले (स्पॉट फिक्सिंग और सट्टेबाजी) में जांच भी होगी। डालमिया एक ‘व्यवस्था’ हैं और जांच पूरी होने तक उन्हें यह जिम्मेदारी निभानी होगी। जेटली ने बताया कि आपात कार्य समिति (इमर्जेन्ट वर्किंग कमेटी) के कुछ सदस्यों ने इस जिम्मेदारी के लिए उनका नाम भी सुझाया था, लेकिन उन्होंने राजनीतिक प्रतिबद्धताओं का हवाला देते हुए इसे ठुकरा दिया।

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यह पूछने पर कि आईसीसी में भारत का प्रतिनिधित्व कौन करेगा, जेटली ने कहा, मुझे लगता है कि डालमिया और कार्यसमिति यह निर्णय करेंगे। उन्होंने साथ ही कहा, मैं यह बात स्पष्ट करना चाहता हूं कि श्रीनिवासन की ओर से जिन शर्तों की मांग करने की बात मीडिया में आज की जा रही है, ऐसी न तो किसी शर्त की मांग की गई है और न ही ऐसी कोई शर्त मंजूर की गई है।’’ जेटली ने दो दिन पहले अपने पदों से इस्तीफा देने वाले सचिव संजय जगदाले और कोषाध्यक्ष अजय शिर्के से अपने निर्णय पर पुनर्विचार करने और बोर्ड में वापस आने की अपील करते हुए कहा, मेरी दोनों को नेक सलाह यही होगी कि इन सज्जन पुरुषों की उपस्थिति से बीसीसीआई की साख मजबूत होगी।