अजित चांडिला का फाइल फोटो
वाशिंगटन:
आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले में कथित भूमिका के लिए गिरफ्तार क्रिकेटर अजित चांडिला और दो अन्य को आज दिल्ली की एक अदालत ने जमानत प्रदान कर दी। अदालत ने कहा कि अभियोजन के मामले में कुछ ‘कड़ियां गायब’ हैं।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेश शर्मा ने राजस्थान रॉयल्स के खिलाड़ी चांडिला, पूर्व रणजी खिलाड़ी बाबूराव यादव और कथित सटोरिए दीपक कुमार को 50 हजार रुपये के निजी मुचलके तथा इतने की ही जमानत राशि पर जमानत दे दी। चांडिला को 16 मई को गिरफ्तार किया गया था।
अदालत ने हालांकि, गिरफ्तार पांच अन्य आरोपियों की जमानत अर्जी यह कहते हुए खारिज कर दी कि उनमें से चार पर मकोका के कड़े प्रावधान लागू हैं।
इसने कथित सटोरियों जितेंद्र कुमार जैन, रमेश व्यास, अश्विनी अग्रवाल, सुनील भाटिया और फिरोज अहमद की जमानत याचिकाएं खारिज कर दीं।
तीन आरोपियों को जमानत देते हुए अदालत ने कहा कि कथित संगठित सिंडिकेट से चंदीला का संबंध ‘काफी दूर का’ है। अदालत ने मामले की जांच में कुछ गायब कड़ियों के लिए दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ की खिंचाई भी की और दिल्ली पुलिस आयुक्त को एक महीने के भीतर मामले के निरीक्षण का निर्देश दिया।
न्यायाधीश ने कहा, यह काफी आश्चर्यजनक है..मामले में कुछ कड़ियां गायब हैं। मैं मामले के निरीक्षण के लिए पूरी फाइल पुलिस आयुक्त को भेज रहा हूं..। अदालत ने चंद्र प्रकाश जैन उर्फ चंद्रेश जैन, जो जुपिटर के नाम से कथित तौर पर सट्टा लगवाता था, की जमानत याचिका को यह कहते हुए निलंबित रखा कि उसके खिलाफ जांच अभी जारी है और पुलिस को अभी उसके खिलाफ आरोप पत्र दायर करना है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेश शर्मा ने राजस्थान रॉयल्स के खिलाड़ी चांडिला, पूर्व रणजी खिलाड़ी बाबूराव यादव और कथित सटोरिए दीपक कुमार को 50 हजार रुपये के निजी मुचलके तथा इतने की ही जमानत राशि पर जमानत दे दी। चांडिला को 16 मई को गिरफ्तार किया गया था।
अदालत ने हालांकि, गिरफ्तार पांच अन्य आरोपियों की जमानत अर्जी यह कहते हुए खारिज कर दी कि उनमें से चार पर मकोका के कड़े प्रावधान लागू हैं।
इसने कथित सटोरियों जितेंद्र कुमार जैन, रमेश व्यास, अश्विनी अग्रवाल, सुनील भाटिया और फिरोज अहमद की जमानत याचिकाएं खारिज कर दीं।
तीन आरोपियों को जमानत देते हुए अदालत ने कहा कि कथित संगठित सिंडिकेट से चंदीला का संबंध ‘काफी दूर का’ है। अदालत ने मामले की जांच में कुछ गायब कड़ियों के लिए दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ की खिंचाई भी की और दिल्ली पुलिस आयुक्त को एक महीने के भीतर मामले के निरीक्षण का निर्देश दिया।
न्यायाधीश ने कहा, यह काफी आश्चर्यजनक है..मामले में कुछ कड़ियां गायब हैं। मैं मामले के निरीक्षण के लिए पूरी फाइल पुलिस आयुक्त को भेज रहा हूं..। अदालत ने चंद्र प्रकाश जैन उर्फ चंद्रेश जैन, जो जुपिटर के नाम से कथित तौर पर सट्टा लगवाता था, की जमानत याचिका को यह कहते हुए निलंबित रखा कि उसके खिलाफ जांच अभी जारी है और पुलिस को अभी उसके खिलाफ आरोप पत्र दायर करना है।
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