यह सही है कि चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) जारी इंडियन प्रीमियर लीग (IPL 2022) में दो जीत दर्ज करने में सफल रहा है, लेकिन यह कहना गलत नहीं होगा कि उसमें और चेन्नई सुपर किंग्स के बीच ज्यादा अंतर नहीं है. सोमवार को उसे तब पंजाब से एक और हार का सामना करना पड़ा, जब वह जीतता दिखायी पड़ रहा है. अब हार के बाद सीएसके के कप्तान रवींद्र जडेजा ने स्वीकार करते हुए कहा कि हमारी खामी यह रही है कि जारी टूर्नामेंट में हमें पावर-प्ले (शुरुआती 6 ओवर) में उसे अच्छी शुरुआत नहीं मिल पा रही है. मैच के बाद जडेजा ने कहा कि हमने बहुत ही अच्छी शुरुआत की. हमने महसूस किया कि आखिरी में हमारे गेंदबाजों ने 10-15 अतिरिक्त रन दिए. हमने अपनी योजना पर अच्छी तरह से अमलीकरण नहीं किया. रायुडु ने पूरे समय बहुत ही शानदार गेंदबाजी की, लेकिन जैसा मैंने पहले का कि अगर हम पंजाब को 175 रन के भीतर समेट दिया होता, तो यह बेहतर होता.
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जड्डू बोले कि हम शुरुआती छह ओवरों में अच्छी शुरुआत हासिल नहीं कर पा रहे हैं. यही हमारी कमी रही है. उम्मीद है कि हम और मजबूती के साथ वापसी करेंगे. हालांकि, जडेजा उस सबसे बड़ी कम पर कुछ नहीं बोले जिन्होंने चेन्नई का बंटाधार किया. चलिए हम बारी-बारी से बताते हैं.
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1. कमी नंबर -1: घटिया फील्डिंग
चेन्नई की टीम अभी तक कम से कम 12-13 कैच छोड़ चुकी है. पिछले मैच में खुद कप्तान जडेजा ने तो आसान कैच टपकाए थे, तो पंजाब के खिलाफ राजपक्षे के दो आसान कैच छोड़े गए और इन छोड़े कैचों ने चेन्नई का बंटाधार किया.
2. कमी नंबर-2: स्पिनरों के ओवर क्यों काटे
क्रिकेट पंडितों के बीच अभी भी यह चर्चा चल रही है कि एक स्पिन मददगार पिच पर जडेजा ने खुद दो ओपनर अपने क्यों फेंके. और लेफ्टी स्पिनर सैंटनर, जिन्होंने दो ओवर में सिर्फ 8 रन दिए, उन्हें अगले दो ओवर क्यों नहीं दिए. इस पर भी जडेजा ने कुछ नहीं कहा
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3. कमी नंबर-3 धोनी को ऊपर क्यों नहीं भेजा?
जब चेन्नई का तीसरा विकेट गायकवाड़ के रूप में गिरा, तो उसे जीतने के लिए 45 गेंदों पर 98 रन बनाने थे. यह एक खासी मुश्किल चुनौती थी. और पिछले मैच की फॉर्म को देखते हुए एमएस धोनी को प्रोन्नत करना चाहिए था. लेकिन ऐसे में जडेजा खुद बल्लेबाजी के लिए उतरे और उन्होंने इन हालात में 16 गेदों पर 21 रन बनाकर टीम का भला नहीं ही किया. और जब धोनी बैटिंग के लिए उतरे, तो तब जीत के लिए स्कोर 13 गेंदों पर 35 रन बनाने थे और यह कहना गलत नहीं होगा कि जब एमएस बैटिंग के लिए उतरे, तब तक मैच चेन्नई के हाथ से निकल चुका था.
4. कमी नंबर-4: बतौर कप्तान जडेजा नदारद !
रवींद्र जडेजा बतौर कप्तान सीन से एकदम नदारद है. इतने साल चेन्नई सुपर किंग्स का हिस्सा होने और अहम खिलाड़ी होने के बावजूद जडेजा ने बतौर कप्तान खासी गलतियां की हैं. उदाहरण के तौर पर रविवार को पंजाब के खिलाफ स्पिन फ्रेंडली पिच होने के बावजूद स्पिनरों के कोटे के चार ओवर न कराना. वहीं, मैदान पर जडेजा विश्वासविहीन से लगते हैं और उनकी बॉडी लैंग्वेज में एक नए कप्तान का जोश गायब है और चेन्नई को अच्छी कप्तानी की भी कमी खल रही है.
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