यह ख़बर 22 दिसंबर, 2014 को प्रकाशित हुई थी

एडिलेड, ब्रिसबेन में हार के बाद टीम इंडिया के प्लेइंग 11 में बदलाव की जरूरत

धोनी अपनी टीम के साथ

नई दिल्ली:

एडिलेड और फिर ब्रिसबेन में हार का बाद, वक्त आ गया है कि टीम इंडिया को अपने प्लेइंग 11 में बदलाव करना चाहिए। उन खिलाड़ियों को बाहर का रास्ता दिखाना चाहिए, जो प्रदर्शन नहीं कर पाए है और दूसरे खिलाड़ियों को आजमाना चाहिए।

बड़े और छोटे फॉर्मेट में रोहित शर्मा दो अलग बल्लेबाज नजर आते हैं, ये अभी तक के ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर साबित हो गया है। रोहित ने दोनों टेस्ट मैचों में निराश किया। रोहित ने दो टेस्ट की चार पारियों में सिर्फ़ 81 रन बनाए है। अभ्यास मैचों में भी उनके बल्ले से अर्धशतक तक नहीं निकला।

रोहित की जगह सुरेश या लोकेश

रोहित की जगह के दो दावेदार हैं, सुरेश रैना और लोकेश राहुल, मगर वनडे के प्रदर्शन पर टेस्ट में खिलाड़ी को चुनना फिर से एक बड़ी भूल होगी। इसलिए लोकेश राहुल को मेलबर्न में अगर मौका दिया जाए तो बेहतर होगा। राहुल ने 2013-14 रणजी सीजन में 1033 रन बनाए जबकि दिलीप ट्रॉफी फाइनल में दो शतक जमाए हैं।

दूसरा बदलाव - एरॉन की जगह भुवी

वरुण एरॉन सिर्फ तेज गेंद करना जानते हैं। लाइन और लेंथ पर उनका कंट्रोल नहीं है। लिहाज़ ना तो उनसे रन रुकते है न ही वह विकेट लेने में कामयाब हो रहे हैं। दो टेस्ट की चार पारियों में उन्होंने सबसे ज्यादा 362 रन दिए, 5.64 की इकॉनमी से वहीं बाएं टखने में लगी चोट के कारण पहले दो टेस्ट मैचों से टीम से बाहर हुए भुवनेश्वर धीरे-धीरे फिट हो रहे हैं। रविवार को उन्होंने गेंदबाज़ी कोच भरत अरुण के साथ ब्रिसबेन के गाबा मैदान में जाकर थोड़ी बहुत गेंदबाजी की है। भुवी गेंद को दोनों तरफ स्विंग कर सकते हैं। इंग्लैंड में केली टेस्ट सीरीज में उन्होंने अपनी काबिलियत का लोहा मनवाया था।

तीसरा बदलाव - अश्विन की जगह जडेजा

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एडिलेड टेस्ट में कर्ण शर्मा और ब्रिसबेन में अश्विन को आजमाए जा चुके हैं। दोनों ही कप्तान के भरोसे पर खरा नहीं उतर पाए।
एडिलेड में कर्ण के नाम चार विकेट रहे जबकि ब्रिसबेन में अश्विन के नाम दो विकेट। इन दोनों की जगह अगर मेलबर्न की पिच पर जडेजा को उतारना बुरा आइडिया नहीं होगा। रन रोककर दबाव बनाने में तो जडेजा माहिर हैं ही। साथ में वह बल्लेबाजी को भी मजबूती दे सकते हैं।