टीम इंडिया (फाइळ फोटो)
नई दिल्ली:
वनडे सीरीज़ में व्हाइटवॉश के बाद अजिंक्य रहाणे की युवा टीम अब 20-20 के लिए तैयार है। कोशिश दोनों मैच जीतकर सीरीज़ को क्लीन स्वीप करने की होगी।
टीम इंडिया इस सीरीज़ को लेकर ज़्यादा फ़िक्रमंद नहीं दिख रही, लेकिन जिम्बाब्वे के सामने कुछ अलग कर दिखाने का सवाल जरूर है। वैसे भारत टी-20 क्रिकेट में जिम्बाब्वे से कभी नहीं हारा है।
सीरीज़ में हर खिलाड़ी ने मौक़े का पूरा फ़ायदा उठाया है। मैन ऑफ़ द सीरीज़ अंबाटी रायुडू के चोटिल हो जाने के बाद मनीष पांडेय को मौक़ा मिला, तो उन्होंने 71 रन बनाकर निराश नहीं किया। आखिरी मैच में केदार जाधव ने शतक ठोककर अपनी दावेदारी को और पुख़्ता किया है।
केदार जाधव ने व्हाइटवॉश के बाद कहा, 'हमने कभी नहीं सोचा था कि 3-0 से जीतेंगे। हमें अनुमान था कि जिम्बाब्वे को उनकी जमीन पर हराना आसान नहीं होगा। ये चुनौतीपूर्ण था। खासकर तीनों मैच में पहले बल्लेबाज़ी करना, लेकिन बल्लेबाज़ों ने 250 प्लस स्कोर कर अच्छा काम किया। हमें इसीलिए जीत मिली।'
टी-20 में टीम को ज़्यादा आक्रामक होना पडे़गा। कप्तान अजिंक्य रहाणे और मुरली विजय से तेज़ शुरुआत की उम्मीद होगी। रॉबिन उथप्पा वनडे सीरीज़ में 3 मैचों में 14.66 की औसत से सिर्फ़ 44 रन बना पाए। उथप्पा के करियर के लिए टी-20 बेहद अहम है। संजू सैमसन को अपना अंतरराष्ट्रीय करियर शुरू करने का मौक़ा मिल सकता है।
दूसरी ओर ज़िंबाब्वे के लिए वापसी करना आसान नहीं होगा। टीम के मनोबल और प्रदर्शन को बेहतर करने के लिए ज़ोर लगाना होगा। खासतौर पर बल्लेबाज़ों को। वहीं, अभी तक ज़िंबाब्वे की गेंदबाज़ी उसकी बल्लेबाज़ी से बेहतर रही है।
टीम इंडिया इस सीरीज़ को लेकर ज़्यादा फ़िक्रमंद नहीं दिख रही, लेकिन जिम्बाब्वे के सामने कुछ अलग कर दिखाने का सवाल जरूर है। वैसे भारत टी-20 क्रिकेट में जिम्बाब्वे से कभी नहीं हारा है।
सीरीज़ में हर खिलाड़ी ने मौक़े का पूरा फ़ायदा उठाया है। मैन ऑफ़ द सीरीज़ अंबाटी रायुडू के चोटिल हो जाने के बाद मनीष पांडेय को मौक़ा मिला, तो उन्होंने 71 रन बनाकर निराश नहीं किया। आखिरी मैच में केदार जाधव ने शतक ठोककर अपनी दावेदारी को और पुख़्ता किया है।
केदार जाधव ने व्हाइटवॉश के बाद कहा, 'हमने कभी नहीं सोचा था कि 3-0 से जीतेंगे। हमें अनुमान था कि जिम्बाब्वे को उनकी जमीन पर हराना आसान नहीं होगा। ये चुनौतीपूर्ण था। खासकर तीनों मैच में पहले बल्लेबाज़ी करना, लेकिन बल्लेबाज़ों ने 250 प्लस स्कोर कर अच्छा काम किया। हमें इसीलिए जीत मिली।'
टी-20 में टीम को ज़्यादा आक्रामक होना पडे़गा। कप्तान अजिंक्य रहाणे और मुरली विजय से तेज़ शुरुआत की उम्मीद होगी। रॉबिन उथप्पा वनडे सीरीज़ में 3 मैचों में 14.66 की औसत से सिर्फ़ 44 रन बना पाए। उथप्पा के करियर के लिए टी-20 बेहद अहम है। संजू सैमसन को अपना अंतरराष्ट्रीय करियर शुरू करने का मौक़ा मिल सकता है।
दूसरी ओर ज़िंबाब्वे के लिए वापसी करना आसान नहीं होगा। टीम के मनोबल और प्रदर्शन को बेहतर करने के लिए ज़ोर लगाना होगा। खासतौर पर बल्लेबाज़ों को। वहीं, अभी तक ज़िंबाब्वे की गेंदबाज़ी उसकी बल्लेबाज़ी से बेहतर रही है।
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