विशाखापटनम:
टीम इंडिया को इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज का पहला ही मैच ड्रॉ खेलना पड़ा. बल्कि यूं कहें कि वह कप्तान विराट कोहली और रवींद्र जडेजा की वजह से हार से बच गई. टीम इंडिया को राजकोट में बल्लेबाजी के अनुकूल पिच मिली थी और वह उस पर उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाई. उसके स्पिनर भी नहीं चले, जबकि इंग्लैंड के स्पिनरों ने उनसे बहतर प्रदर्शन किया.
अब टीम इंडिया की नजर विशाखापटनम पर है और खबर है कि वहां टीम इंडिया को मनुताबिक पिच मिलने जा रही है. इसके लिए खास क्यूरेटर को भी वहां भेजा गया है. वैसे भी विशाखापटनम के विजाग की पिच को स्पिनरों के अनुकूल भी माना जा रहा है और अनुकूल विकेटों पर तो आर अश्विन और रवींद्र जडेजा का कोई सानी नहीं, लेकिन इस बीच हमें यह भी नहीं भूलना चाहिए कि इंग्लैंड का स्पिन आक्रमण भी कमजोर नहीं है.
राजकोट टेस्ट को ही लीजिए हमारी स्पिन तिकड़ी पर उनकी स्पिन तिकड़ी कुछ हद तक भारी पड़ी थी. ऐसे में कप्तान विराट कोहली को एमएस धोनी वाली गलती दोहराने से बचना होगा... आइए जानते हैं कि धोनी से इंग्लैंड के खिलाफ कैसी गलती हुई थी और विराट को इसके प्रति क्यों सतर्क रहना होगा. साथ ही दोनों ही टीमों के स्पिनरों के प्रदर्शन पर तुलनात्मक नजर...
इंग्लैंड ने भारत को पिछली दोनों टेस्ट सीरीज में हरा दिया था. टीम इंडिया के लिए सबसे शर्मिंदगी की बात यह रही कि उसने 2012 में घरेलू मैदान पर ही सीरीज गंवा दी. उस दौरे में टीम इंडिया के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी थे और उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ स्पिन विकेट की खास रणनीति बनाई थी, लेकिन यह दांव उल्टा पड़ गया था और इंग्लैंड ने अहमदाबाद में पहला टेस्ट गंवाने के बाद सीरीज 2-1 से जीत ली थी.
दरअसल धोनी ने इंग्लैंड के स्पिन आक्रमण को हल्के में लिया और हमारे बल्लेबाज मोंटी पानेसर और ग्रीम स्वान के सामने असहज नजर आए और हम सीरीज हार गए. अब राजकोट के विकेट पर विराट कोहली की ओर से नाराजगी व्यक्त किए जाने के बाद एक बार फिर से पूरी तरह से स्पिन विकेट की चर्चा जोर पकड़ रही है और विशाखापटनम में इसकी तैयारियां भी चल रही हैं. खबरों के अनुसार एक विशेष क्यूरेटर को भी विजाग भेजा गया है. ऐसे में स्पिन ट्रैक की संभावना बलवती हो गई है. हालांकि इस बार आर अश्विन अधिक परिपक्व हो गए हैं, फिर भी विराट कोहली को सावधानी बरतनी होगी.
राजकोट टेस्ट के आधार पर देखें तो टीम इंडिया की स्पिन तिकड़ी पर इंग्लैंड की स्पिन तिकड़ी भारी नजर आ रही है. रविचंद्रन अश्विन की क्षमता पर भी सवाल उठाए गए हैं, जो पहले टेस्ट में 230 रन खर्च करने के बाद केवल 3 विकेट ही हासिल कर पाए थे. जहां टीम इंडिया के स्पिनरों ने मिलकर 9 विकेट हासिल किए थे, वहीं इंग्लैडं के स्पिनरों ने कहीं अधिक 13 विकेट चटकाए. हम आपको दोनों ही टीमों के राजकोट में प्रदर्शन से रूबरू करा रहे हैं...
लेग स्पिनर : आदिल राशिद और अमित मिश्रा
पहले टेस्ट में भारतीय धरती पर इंग्लैंड के लेग स्पिनर आदिल राशिद ने टीम इंडिया के अनुभवी लेग स्पिनर अमित मिश्रा के सामने बेहतर प्रदर्शन किया. जहां मिश्रा ने 23.3 ओवरों में 98 रन खर्च कर दिए और महज एक विकेट ले पाए, वहीं राशिद ने 31 ओवरों में 114 रन देकर 4 विकेट चटकाए और दूसरी पारी में मिश्रा को 2 विकेट मिले, जबकि राशिद ने 3 विकेट झटके.
अब मिश्रा से टीम इंडिया को विजाग में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद होगी, क्योंकि इसी विकेट पर उन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ अंतिम वनडे में 18 रन देकर 5 विकेट चटकाए थे और उन्हें 79 रन पर ढेर कर दिया था. राशिद ने इंग्लैंड के लिए अब तक 6 टेस्ट खेले हैं और 22 विकेट अपने नाम किए हैं. उनका स्ट्राइक रेट 64.6 है, जबकि मिश्रा ने 21 टेस्ट में 74 विकेट झटके हैं और उनका स्ट्राइक रेट 64.7 का है.
ऑफ स्पिनर : आर अश्विन और मोईन अली
टीम इंडिया को सबसे बड़ा झटका आर अश्विन के नहीं चलने से लगा. गौरतलब है कि उन्होंने हाल ही में न्यूजीलैंड के खिलाफ जबर्दस्त प्रदर्शन किया था, लेकिन इंग्लैंड के खिलाफ राजकोट में केवल 3 विकेट ही ले पाए. हालांकि इंग्लैंड के ऑफ स्पिनर मोईन अली ने भी 3 विकेट ही लिए. वैसे भी स्पिन के मामले में अश्विन की तुलना मोईन से करना सही नहीं होगा. फिर भी मोईन अधिक प्रभावी नजर आए. अश्विन ने राजकोट की पहली पारी में 46 ओवर में 167 रन खर्च करके 2 विकेट लिए, जबकि मोईन ने पहली पारी में 31 ओवर में 85 रन देकर 2 विकेट अपने नाम किए. मतलब अश्विन ने अधिक रन खर्च किए.
लेफ्ट ऑर्म स्पिन : रवींद्र जडेजा और जफर अंसारी
लेफ्ट ऑर्म स्पिन गेंदबाजी की बात करें, तो रवींद्र जडेजा और जफर अंसारी दोनों ने दोनों पारियों को मिलाकर 3-3 विकेट निकाले. फिर भी टीम इंडिया की दूसरी पारी में अंसारी खासे प्रभावी रहे. जहां जडेजा बल्ले से पहली पारी में फेल रहे, वहीं अंसारी ने 32 रन बनाए. वैसे अनुभव के मामले में जडेजा से अंसारी काफी पीछे हैं और टर्न लेते विकेटों पर जडेजा बेहद खतरनाक होते हैं.
टीम इंडिया की बैटिंग स्पिन के सामने कमजोर
वास्तव में स्पिन ट्रैक देने पर टीम इंडिया की सबसे बड़ी चिंता उसकी बल्लेबाजी रहेगी. टीम इंडिया के वर्तमान बल्लेबाजों में कप्तान विरा कोहली और मुरली विजय के अलावा अन्य बल्लेबाज स्पिन के सामने कमजोर ही नजर आते हैं और हम राजकोट में इसका नजारा देख चुके हैं. 2012 में भी हमारी बल्लेबाजी ही इंग्लैंड के स्पिनरों के सामने फेल हो गई थी. ऐसे में कोहली को थोड़ी अधिक सतर्कता बरतने होगी, क्योंकि इंग्लैंड के बल्लेबाजों ने राजकोट में अच्छा फुटवर्क दिखाया था और चार शतक जड़े थे.
लोकेश राहुल के आने से मिलेगी मजबूती
राजकोट में फेल रहने के बाद सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर का टीम में स्थान भी खतरे में है. रणजी ट्रॉफी में अच्छा प्रदर्शन करने वाले सलामी बल्लेबाज लोकेश राहुल को टीम इंडिया में शामिल कर लिया गया है. राहुल के आने से टीम इंडिया की बल्लेबाजी को मजबूती मिलेगी, क्योंकि उन्होंने स्पिनरों और तेज गेंदबाजों दोनों के खिलाफ बेहतर प्रदर्शन किया है.
अब टीम इंडिया की नजर विशाखापटनम पर है और खबर है कि वहां टीम इंडिया को मनुताबिक पिच मिलने जा रही है. इसके लिए खास क्यूरेटर को भी वहां भेजा गया है. वैसे भी विशाखापटनम के विजाग की पिच को स्पिनरों के अनुकूल भी माना जा रहा है और अनुकूल विकेटों पर तो आर अश्विन और रवींद्र जडेजा का कोई सानी नहीं, लेकिन इस बीच हमें यह भी नहीं भूलना चाहिए कि इंग्लैंड का स्पिन आक्रमण भी कमजोर नहीं है.
राजकोट टेस्ट को ही लीजिए हमारी स्पिन तिकड़ी पर उनकी स्पिन तिकड़ी कुछ हद तक भारी पड़ी थी. ऐसे में कप्तान विराट कोहली को एमएस धोनी वाली गलती दोहराने से बचना होगा... आइए जानते हैं कि धोनी से इंग्लैंड के खिलाफ कैसी गलती हुई थी और विराट को इसके प्रति क्यों सतर्क रहना होगा. साथ ही दोनों ही टीमों के स्पिनरों के प्रदर्शन पर तुलनात्मक नजर...
इंग्लैंड ने भारत को पिछली दोनों टेस्ट सीरीज में हरा दिया था. टीम इंडिया के लिए सबसे शर्मिंदगी की बात यह रही कि उसने 2012 में घरेलू मैदान पर ही सीरीज गंवा दी. उस दौरे में टीम इंडिया के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी थे और उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ स्पिन विकेट की खास रणनीति बनाई थी, लेकिन यह दांव उल्टा पड़ गया था और इंग्लैंड ने अहमदाबाद में पहला टेस्ट गंवाने के बाद सीरीज 2-1 से जीत ली थी.
दरअसल धोनी ने इंग्लैंड के स्पिन आक्रमण को हल्के में लिया और हमारे बल्लेबाज मोंटी पानेसर और ग्रीम स्वान के सामने असहज नजर आए और हम सीरीज हार गए. अब राजकोट के विकेट पर विराट कोहली की ओर से नाराजगी व्यक्त किए जाने के बाद एक बार फिर से पूरी तरह से स्पिन विकेट की चर्चा जोर पकड़ रही है और विशाखापटनम में इसकी तैयारियां भी चल रही हैं. खबरों के अनुसार एक विशेष क्यूरेटर को भी विजाग भेजा गया है. ऐसे में स्पिन ट्रैक की संभावना बलवती हो गई है. हालांकि इस बार आर अश्विन अधिक परिपक्व हो गए हैं, फिर भी विराट कोहली को सावधानी बरतनी होगी.
राजकोट टेस्ट के आधार पर देखें तो टीम इंडिया की स्पिन तिकड़ी पर इंग्लैंड की स्पिन तिकड़ी भारी नजर आ रही है. रविचंद्रन अश्विन की क्षमता पर भी सवाल उठाए गए हैं, जो पहले टेस्ट में 230 रन खर्च करने के बाद केवल 3 विकेट ही हासिल कर पाए थे. जहां टीम इंडिया के स्पिनरों ने मिलकर 9 विकेट हासिल किए थे, वहीं इंग्लैडं के स्पिनरों ने कहीं अधिक 13 विकेट चटकाए. हम आपको दोनों ही टीमों के राजकोट में प्रदर्शन से रूबरू करा रहे हैं...
लेग स्पिनर : आदिल राशिद और अमित मिश्रा
पहले टेस्ट में भारतीय धरती पर इंग्लैंड के लेग स्पिनर आदिल राशिद ने टीम इंडिया के अनुभवी लेग स्पिनर अमित मिश्रा के सामने बेहतर प्रदर्शन किया. जहां मिश्रा ने 23.3 ओवरों में 98 रन खर्च कर दिए और महज एक विकेट ले पाए, वहीं राशिद ने 31 ओवरों में 114 रन देकर 4 विकेट चटकाए और दूसरी पारी में मिश्रा को 2 विकेट मिले, जबकि राशिद ने 3 विकेट झटके.
अब मिश्रा से टीम इंडिया को विजाग में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद होगी, क्योंकि इसी विकेट पर उन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ अंतिम वनडे में 18 रन देकर 5 विकेट चटकाए थे और उन्हें 79 रन पर ढेर कर दिया था. राशिद ने इंग्लैंड के लिए अब तक 6 टेस्ट खेले हैं और 22 विकेट अपने नाम किए हैं. उनका स्ट्राइक रेट 64.6 है, जबकि मिश्रा ने 21 टेस्ट में 74 विकेट झटके हैं और उनका स्ट्राइक रेट 64.7 का है.
ऑफ स्पिनर : आर अश्विन और मोईन अली
टीम इंडिया को सबसे बड़ा झटका आर अश्विन के नहीं चलने से लगा. गौरतलब है कि उन्होंने हाल ही में न्यूजीलैंड के खिलाफ जबर्दस्त प्रदर्शन किया था, लेकिन इंग्लैंड के खिलाफ राजकोट में केवल 3 विकेट ही ले पाए. हालांकि इंग्लैंड के ऑफ स्पिनर मोईन अली ने भी 3 विकेट ही लिए. वैसे भी स्पिन के मामले में अश्विन की तुलना मोईन से करना सही नहीं होगा. फिर भी मोईन अधिक प्रभावी नजर आए. अश्विन ने राजकोट की पहली पारी में 46 ओवर में 167 रन खर्च करके 2 विकेट लिए, जबकि मोईन ने पहली पारी में 31 ओवर में 85 रन देकर 2 विकेट अपने नाम किए. मतलब अश्विन ने अधिक रन खर्च किए.
लेफ्ट ऑर्म स्पिन : रवींद्र जडेजा और जफर अंसारी
लेफ्ट ऑर्म स्पिन गेंदबाजी की बात करें, तो रवींद्र जडेजा और जफर अंसारी दोनों ने दोनों पारियों को मिलाकर 3-3 विकेट निकाले. फिर भी टीम इंडिया की दूसरी पारी में अंसारी खासे प्रभावी रहे. जहां जडेजा बल्ले से पहली पारी में फेल रहे, वहीं अंसारी ने 32 रन बनाए. वैसे अनुभव के मामले में जडेजा से अंसारी काफी पीछे हैं और टर्न लेते विकेटों पर जडेजा बेहद खतरनाक होते हैं.
टीम इंडिया की बैटिंग स्पिन के सामने कमजोर
वास्तव में स्पिन ट्रैक देने पर टीम इंडिया की सबसे बड़ी चिंता उसकी बल्लेबाजी रहेगी. टीम इंडिया के वर्तमान बल्लेबाजों में कप्तान विरा कोहली और मुरली विजय के अलावा अन्य बल्लेबाज स्पिन के सामने कमजोर ही नजर आते हैं और हम राजकोट में इसका नजारा देख चुके हैं. 2012 में भी हमारी बल्लेबाजी ही इंग्लैंड के स्पिनरों के सामने फेल हो गई थी. ऐसे में कोहली को थोड़ी अधिक सतर्कता बरतने होगी, क्योंकि इंग्लैंड के बल्लेबाजों ने राजकोट में अच्छा फुटवर्क दिखाया था और चार शतक जड़े थे.
लोकेश राहुल के आने से मिलेगी मजबूती
राजकोट में फेल रहने के बाद सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर का टीम में स्थान भी खतरे में है. रणजी ट्रॉफी में अच्छा प्रदर्शन करने वाले सलामी बल्लेबाज लोकेश राहुल को टीम इंडिया में शामिल कर लिया गया है. राहुल के आने से टीम इंडिया की बल्लेबाजी को मजबूती मिलेगी, क्योंकि उन्होंने स्पिनरों और तेज गेंदबाजों दोनों के खिलाफ बेहतर प्रदर्शन किया है.
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