मैनचेस्टर में विजय मर्चेंट और मुश्ताक का वह रिकॉर्ड, जिसे आज भी सलामी बल्लेबाज सलाम करते हैं...

मैनचेस्टर में विजय मर्चेंट और मुश्ताक का वह रिकॉर्ड, जिसे आज भी सलामी बल्लेबाज सलाम करते हैं...

विजय मर्चेंट (फाइल फोटो)

खास बातें

  • भारत ने इंग्लैंड से 1932 में खेला था अपना पहला टेस्ट मैच
  • मर्चेंट और मुश्ताक का रिकॉर्ड पिछले 80 सालों से अजेय है
  • सुनील गावस्कर-चेतन चौहान पहुंच गए थे करीब, लेकिन चूके
नई दिल्ली:

इंग्लैंड और भारत के बीच क्रिकेट का रिश्ता काफी पुराना है. देश के आजाद होने से पहले ही भारत ने टेस्ट क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था. एक ओर जहां भारतवासी ब्रिटिश शासन के खिलाफ आजादी की लड़ाई लड़ रहे थे, वहीं दूसरी ओर भारतीय क्रिकेटर बल्ले और गेंद से इंग्लैंड क्रिकेट टीम को मैदान के अंदर परास्त करने की कोशिश में लगे हुए थे. वैसे तो इंग्लैंड के खिलाफ पहला टेस्ट मैच जीतने के लिए भारत को 20 साल लग गए, लेकिन 1934 में टीम इंडिया ने जो कमाल किया, वह भी कम नहीं था, क्योंकि उस समय इंग्लैंड जैसी शानदार टीम के सामने भारतीय टीम कहीं नहीं ठहरती थी, ऐसे में सीरीज का तीसरा टेस्ट ड्रॉ करा लेने में कामयाब रहना, उसके लिए एक बड़ी और अविस्मरणीय सफलता थी. इस बीच समय-समय पर भारतीय खिलाड़ियो ने अपने प्रदर्शन से सबको प्रभावित किया. ऐसा ही एक मैच टीम इंडिया ने इंग्लैंड के खिलाफ 1936 में खेला, जिसमें महान बल्लेबाज विजय मर्चेंट और मुश्ताक अली ने करिश्माई बल्लेबाजी करते हुए ऐसा रिकॉर्ड बना दिया, जिसे आज तक भारत की कोई भी ओपनिंग जोड़ी नहीं तोड़ पाई है. हम आपको टीम इंडिया की इस सलामी जोड़ी के इसी प्रदर्शन से रूबरू कराने जा रहे हैं...

हार के ऊपर यह शतक पड़ा था भारी : सबसे पहले हम आपको इस मैच से पहले के टीम इंडिया के खास प्रदर्शनों के बारे में बताने जा रहे हैं. टीम इंडिया ने इंग्लैंड के खिलाफ पहला टेस्ट मैच 1932 में लॉर्ड्स के मैदान पर खेला था. सीके नायडू की कप्तानी में उतरी टीम इंडिया को इस मैच में 158 रनों से हार का सामना करना पड़ा था. इसके बाद जब इंग्लैंड की टीम 1933 में भारत दौरे पर आई, तो मुंबई में खेले गए सीरीज के पहले ही मैच में इंडिया के लिए करियर का पहला ही टेस्ट खेल रहे लाला अमरनाथ ने शतक (118 रन) जड़ दिया, जो न केवल उनका बल्कि भारत की ओर से भी पहला टेस्ट शतक था. उस मैच में लाला अमरनाथ ने इंग्लैंड के गेंदबाजों को 'लाल' कर दिया था और टीम इंडिया के 'लाला' बन गए थे. अमरनाथ 19 साल तक टेस्ट मैच खेले, लेकिन दोबारा शतक नहीं बना पाए. टीम इंडिया के प्रदर्शन में धीरे-धीरे निखार आने लगा... हालांकि उसे जीत हासिल नहीं हुई और 1934 में उसे एक टेस्ट ड्रॉ कराने में सफलता मिली, जो उसके लिए एक बड़ी बात थी.

आजादी के पहले का यह रिकॉर्ड, आज़ादी के बाद भी नहीं टूट पाया : अब हम आपको विजय मर्चेंट और मुश्ताक अली के द्वारा इंग्लैंड के खिलाफ बनाए उस रिकॉर्ड के बारे में बताने जा रहे हैं, जो आजादी से पहले बना था और वह भी इंग्लैंड के ही मैदान पर. यह ऐसा रिकॉर्ड है, जिसे आजादी के इतने सालों भी भारत की कोई भी सलामी जोड़ी नहीं तोड़ पाई है और आज भी सलामी बल्लेबाज इस रिकॉर्ड को सलाम करते हैं. हम जिस रिकॉर्ड की बात कर रहे हैं, वह है इंग्लैंड के खिलाफ भारत के दोनों सलामी बल्लेबाज़ों का एक ही पारी में शतक लगाना. 1936 में विजय मर्चेंट और मुश्ताक अली ने इंग्लैंड के खिलाफ यह रिकॉर्ड कायम किया था. 25 जुलाई 1936 को मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड मैदान पर खेले गए इस टेस्ट मैच में मर्चेंट और मुश्ताक अली के बीच 203 रनों की साझेदारी हुई थी. विजय मर्चेंट ने 114 रन, तो मुश्ताक अली ने 112 रन की पारी खेली थी.

80 सालों से नहीं टूट पाया यह रिकॉर्ड : विजय-मर्चेंट के बाद आज तक ऐसा कभी नहीं हुआ, जब भारत के दोनों सलामी बल्लेबाजों ने इंग्लैंड के खिलाफ कभी एक पारी में शतक लगाए हों. इस टेस्ट मैच के बाद से 80 सालों में दोनों टीमों के बीच 108 मैच खेले जा चुके हैं, लेकिन भारत के सलामी बल्लेबाज मिलकर यह रिकॉर्ड नहीं तोड़ पाए. हां, इतना जरूर है कि 1979 में सुनील गावस्कर और चेतन चौहान इस रिकॉर्ड को तोड़ने के करीब पहुंच गए थे, लेकिन तोड़ नहीं पाए. 30 अगस्त 1979 को इंग्लैंड के केनिंगटन ओवल में खेले गए इस टेस्ट मैच में गावस्कर ने 212 रन बनाए थे, जबकि चौहान अपने शतक से 20 रन दूर रह गए थे, यानी 80 रन ही बना पाए थे.

इस मैदान पर पहले विकेट के लिए भारत की सबसे बड़ी साझेदारी : विजय मर्चेंट और मुश्ताक अली के बीच ओल्ड ट्रैफर्ड में पहले विकेट के लिए 203 रन की साझेदारी हुई थी, जो भारत के लिए इस मैदान पर सबसे बड़ी साझेदारी है. अगर किसी भी टीम और किसी भी मैदान की बात की जाए, तो यह साझेदारी पहले विकेट के लिए किसी भी टीम के खिलाफ भारत की पहली बड़ी साझेदारी थी. फिर 1956 में वीनू मांकड़ और पंकज रॉय ने इस साझेदारी को तोड़ा जब न्यूज़ीलैंड के खिलाफ इन दोनों के बीच पहले विकेट के लिए 413 रन की साझेदारी हुई. अगर इंग्लैंड के खिलाफ पहले विकेट के लिए किसी भी मैदान पर सबसे बड़ी साझेदारी की बात करें, तो मर्चेंट-मुश्ताक की 203 रन की साझेदारी अब दूसरे स्थान पर है. इंग्लैंड के खिलाफ पहले विकेट के लिए सबसे बड़ी साझेदारी का रिकॉर्ड सुनील गावस्कर और चेतन चौहान के नाम है. 1979 में इन दोनों बल्लेबाजों के बीच 213 रन की साझेदारी हुई थी.


Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com