ऋद्धिमान साहा ने एमएस धोनी की कमी को खलने नहीं दिया है (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चार टेस्ट मैचों की सीरीज में अब तक खेले गए दोनों मैचों में दोनों ही टीमों के कई खिलाड़ियों ने कैच छोड़े हैं. इनमें से कई कैच तो निर्णायक साबित हुए हैं. जैसे कि पुणे टेस्ट की दूसरी पारी में कंगारू कप्तान स्टीव स्मिथ को तीन जीवनदान मिले और उन्होंने इसका जमकर फायदा उठाया. इस परिणाम यह हुआ कि ऑस्ट्रेलिया ने भारत के सामने विशाल लक्ष्य खड़ा कर दिया और टीम इंडिया अंत में हार गई. बेंगलुरू टेस्ट में कुछ ऐसा ही टीम इंडिया के बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा के साथ हुआ और उनकी पारी से ही भारत सुरक्षित लक्ष्य दे पाया. हालांकि इन सबके बीच कुछ शानदार कैच भी लपके गए, जिनमें से कुछ तो ग्रेट कैच की कैटेगरी में रहे. इन ग्रेट कैचों में टीम इंडिया के एक क्रिकेटर को दो कैच भी शामिल हैं...
वास्तव में जब एमएस धोनी ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लिया था, तो चयनकर्ताओं को उनके स्थान पर एक ऐसे खिलाड़ी की तलाश थी, जो विकेट के पीछे और आगे दोनों जगह कमाल दिखा सके, क्योंकि धोनी जैसे खिलाड़ी की जगह भरना आसान नहीं था. चयनकर्ताओं ने धोनी की जगह पर ऋद्धिमान साहा को मौके दिए और धीरे-धीरे करके साहा ने अपनी छाप छोड़नी शुरू कर दी है. साहा ने नकेवल बल्ले से कमाल किया है, बल्कि विकेटकीपर के रूप में भी प्रभावी रहे हैं. खासतौर पर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जारी वर्तमान सीरीज में तो उन्होंने कमाल की कीपिंग की है. सबसे पहले उन्होंने पुणे टेस्ट में सबको हतप्रभ किया, फिर बेंगलुरू में भी गजब का कैच पकड़कर सबको अपना कायल बना लिया.
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उन्होंने दो मैचों में दो वर्ल्ड क्लास कैच पकड़े हैं, जो फैन्स के लिए अविस्मरणीय बन गए हैं. हालांकि जब साहा से पूछा गया कि उनके लिए कौन-सा कैच ज्यादा उच्च कोटि का रहा, तो उन्होंने कहा कि उनकी नजर में पुणे टेस्ट मैच के दौरान लिया गया कैच बेंगलुरू में टेस्ट मैच के कैच से कहीं अधिक कठिन था.
वैसे देखा जाए, तो साहा की पसंद सही भी नजर आती है, क्योंकि पुणे टेस्ट में उन्होंने जो कैच पकड़ा था, उसमें रिएक्शन टाइम बहुत कम था, वह भी गेंदबाजी पर तेज गेंदबाज थे. उन्होंने तेज गेंदबाज उमेश यादव की गेंद पर यह कैच पकड़ा था, जो मैथ्यू वेड का था. उमेश की गेंद लेग साइड में वेड के बल्ले का किनारा छूकर पीछे गई और साहा ने उसको दाहिनी ओर डाइव लगाते हुए लपका था.
बेंगलुरू टेस्ट की बात करें तो साहा ने यह कैच स्पिन गेंदबाज रविचंद्रन अश्विन की गेंद पर लपका था. चूंकि स्पिनर की गेंद धीमी होती है. ऐसे में उनके पास रिएक्शन समय पुणे की तुलना में ज्यादा था. यह कैच ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज स्टीव ओकीफी था, जिसे उन्होंने आगे की ओर डाइव लगाकर लपका था.
साहा अब ऑस्ट्रेलिया के एडम गिलक्रिस्ट के खिलाफ खेलने की इच्छा रखते हैं, हालांकि गिलक्रिस्ट अब संन्यास ले चुके हैं. ऐसे में साहा को उनके खिलाफ खेलने का मौका आईपीएल में ही मिल सकता है. साहा ने कहा भी है, "मैं आईपीएल में उनके साथ खेल चुका हूं. अगर उनके खिलाफ खेलने का मौका मिले तो यह शानदार अनुभव होगा."
वास्तव में जब एमएस धोनी ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लिया था, तो चयनकर्ताओं को उनके स्थान पर एक ऐसे खिलाड़ी की तलाश थी, जो विकेट के पीछे और आगे दोनों जगह कमाल दिखा सके, क्योंकि धोनी जैसे खिलाड़ी की जगह भरना आसान नहीं था. चयनकर्ताओं ने धोनी की जगह पर ऋद्धिमान साहा को मौके दिए और धीरे-धीरे करके साहा ने अपनी छाप छोड़नी शुरू कर दी है. साहा ने नकेवल बल्ले से कमाल किया है, बल्कि विकेटकीपर के रूप में भी प्रभावी रहे हैं. खासतौर पर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जारी वर्तमान सीरीज में तो उन्होंने कमाल की कीपिंग की है. सबसे पहले उन्होंने पुणे टेस्ट में सबको हतप्रभ किया, फिर बेंगलुरू में भी गजब का कैच पकड़कर सबको अपना कायल बना लिया.
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उन्होंने दो मैचों में दो वर्ल्ड क्लास कैच पकड़े हैं, जो फैन्स के लिए अविस्मरणीय बन गए हैं. हालांकि जब साहा से पूछा गया कि उनके लिए कौन-सा कैच ज्यादा उच्च कोटि का रहा, तो उन्होंने कहा कि उनकी नजर में पुणे टेस्ट मैच के दौरान लिया गया कैच बेंगलुरू में टेस्ट मैच के कैच से कहीं अधिक कठिन था.
वैसे देखा जाए, तो साहा की पसंद सही भी नजर आती है, क्योंकि पुणे टेस्ट में उन्होंने जो कैच पकड़ा था, उसमें रिएक्शन टाइम बहुत कम था, वह भी गेंदबाजी पर तेज गेंदबाज थे. उन्होंने तेज गेंदबाज उमेश यादव की गेंद पर यह कैच पकड़ा था, जो मैथ्यू वेड का था. उमेश की गेंद लेग साइड में वेड के बल्ले का किनारा छूकर पीछे गई और साहा ने उसको दाहिनी ओर डाइव लगाते हुए लपका था.
बेंगलुरू टेस्ट की बात करें तो साहा ने यह कैच स्पिन गेंदबाज रविचंद्रन अश्विन की गेंद पर लपका था. चूंकि स्पिनर की गेंद धीमी होती है. ऐसे में उनके पास रिएक्शन समय पुणे की तुलना में ज्यादा था. यह कैच ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज स्टीव ओकीफी था, जिसे उन्होंने आगे की ओर डाइव लगाकर लपका था.
साहा अब ऑस्ट्रेलिया के एडम गिलक्रिस्ट के खिलाफ खेलने की इच्छा रखते हैं, हालांकि गिलक्रिस्ट अब संन्यास ले चुके हैं. ऐसे में साहा को उनके खिलाफ खेलने का मौका आईपीएल में ही मिल सकता है. साहा ने कहा भी है, "मैं आईपीएल में उनके साथ खेल चुका हूं. अगर उनके खिलाफ खेलने का मौका मिले तो यह शानदार अनुभव होगा."
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