रांची टेस्ट के ड्रॉ रहने के बाद ऑस्ट्रेलिया मीडिया को एक बार फिर निशाने पर लिया है.
नई दिल्ली:
भारतीय कप्तान विराट कोहली भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच जारी टेस्ट सीरीज के दौरान लगातार चर्चा में हैं. हालांकि कोहली अभी तक बल्ले से कुछ खास कमाल नहीं दिखा सके हैं लेकिन ऑस्ट्रेलिया टीम, ऑस्ट्रेलिया के पूर्व खिलाड़ियों से लेकर वहां की मीडिया के भी निशाने पर हैं. इसी फितरत पर हाल ही में टिप्पणी करते हुए पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर ने कहा था कि ऑस्ट्रेलियाई मीडिया, ऑस्ट्रेलियाई टीम का सपोर्टिंग स्टॉफ है. उन्हें गंभीरता से लेने की जरूरत नहीं.
रांची टेस्ट के ड्रॉ रहने के बाद ऑस्ट्रेलिया मीडिया को एक बार फिर निशाने पर लिया है. डेली टेलीग्राफ पर प्रकाशित एक आलेख में विराट को डोनाल्ड ट्रंप बता डाला. "विराट कोहली स्पोर्ट्स की दुनिया के डोनाल्ड ट्रंप बन गए हैं. राष्ट्रपति ट्रंप की तरही ही कोहली ने भी मीडिया को हर चीज के लिए दोषी ठहराना शुरू कर दिया है."
गौरतलब है कि बेंगुलुरू टेस्ट मैच के बाद ही सीरीज विवादों में आ गई थी. मैच समाप्त होने के बाद भारतीय कप्तान कोहली ने कहा था कि स्मिथ ने डीआरएस फैसले के लिए टीम प्रबंधन से सलाह मांगी थी. इस विवाद ने इतना तूल पकड़ा कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) और क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (CA)आमने सामने आ गए थे. हालांकि बाद में आपसी बातचीत से मामले को सुलझा लिया गया. आईसीसी नो स्मिथ पर कोई एक्शन नहीं लेने की बात कही थी. जिससकी गावस्कर ने निंदा की थी.
यह मामला अभी सुलटा ही था कि तीसरे टेस्ट में विराट की चोट का ऑस्ट्रेलियाई टीम के खिलाड़ियों द्वारा माखौल उड़ाए जाने पर एक बार फिर से दोनों टीम तनाव के दायरे में आ गईं. एक बार फिर से दोनों टीमों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला. रांची टेस्ट के ड्रॉ होने के बाद कोहली ने कहा कि ऑस्ट्रेलियाई टीम के खिलाड़ियों ने फिजियो पैट्रिक फरहत पर तंज कसे. हालांकि स्मिथ ने कोहली के दावे को खारिज कर दिया.
विराट ने कहा कि 4-5 ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी पैट्रिक को बुर-भला ले रहे थे, मुझे नहीं पता वे ऐसा क्यों कर रहे थे. वह हमारे फिजियो हैं और हमारा इलाज करना उनका काम है. मुझे समझ में नहीं आ रहा कि वे ऐसा क्यों कर रहे थे? कप्तान कोहली के आरोपों पर स्टीव स्मिथ ने कहा कि उन्होंने कभी भारतीय टीम के फिजियो का आपमान नहीं किया. विराट भले ही कह रहे हों, लेकिन मुझे ऐसा नहीं लगता है.
रांची टेस्ट के ड्रॉ रहने के बाद ऑस्ट्रेलिया मीडिया को एक बार फिर निशाने पर लिया है. डेली टेलीग्राफ पर प्रकाशित एक आलेख में विराट को डोनाल्ड ट्रंप बता डाला. "विराट कोहली स्पोर्ट्स की दुनिया के डोनाल्ड ट्रंप बन गए हैं. राष्ट्रपति ट्रंप की तरही ही कोहली ने भी मीडिया को हर चीज के लिए दोषी ठहराना शुरू कर दिया है."
गौरतलब है कि बेंगुलुरू टेस्ट मैच के बाद ही सीरीज विवादों में आ गई थी. मैच समाप्त होने के बाद भारतीय कप्तान कोहली ने कहा था कि स्मिथ ने डीआरएस फैसले के लिए टीम प्रबंधन से सलाह मांगी थी. इस विवाद ने इतना तूल पकड़ा कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) और क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (CA)आमने सामने आ गए थे. हालांकि बाद में आपसी बातचीत से मामले को सुलझा लिया गया. आईसीसी नो स्मिथ पर कोई एक्शन नहीं लेने की बात कही थी. जिससकी गावस्कर ने निंदा की थी.
यह मामला अभी सुलटा ही था कि तीसरे टेस्ट में विराट की चोट का ऑस्ट्रेलियाई टीम के खिलाड़ियों द्वारा माखौल उड़ाए जाने पर एक बार फिर से दोनों टीम तनाव के दायरे में आ गईं. एक बार फिर से दोनों टीमों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला. रांची टेस्ट के ड्रॉ होने के बाद कोहली ने कहा कि ऑस्ट्रेलियाई टीम के खिलाड़ियों ने फिजियो पैट्रिक फरहत पर तंज कसे. हालांकि स्मिथ ने कोहली के दावे को खारिज कर दिया.
विराट ने कहा कि 4-5 ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी पैट्रिक को बुर-भला ले रहे थे, मुझे नहीं पता वे ऐसा क्यों कर रहे थे. वह हमारे फिजियो हैं और हमारा इलाज करना उनका काम है. मुझे समझ में नहीं आ रहा कि वे ऐसा क्यों कर रहे थे? कप्तान कोहली के आरोपों पर स्टीव स्मिथ ने कहा कि उन्होंने कभी भारतीय टीम के फिजियो का आपमान नहीं किया. विराट भले ही कह रहे हों, लेकिन मुझे ऐसा नहीं लगता है.
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