मैट रेनशॉ ने मुश्किल विकेट पर 60 रन की संयम भरी पारी खेली (फोटो BCCI)
बेंगलुरू:
पुणे टेस्ट की करारी हार के बाद टीम इंडिया बेंगलुरू टेस्ट में भी मुश्किल में नजर आ रही है. मैच के दूसरे दिन ऑस्ट्रेलिया टीम ने चिन्नास्वामी स्टेडियम की 'मुश्किल' मानी जा रही उस पिच पर रुककर खेलने का जज्बा दिखाया जिस पर भारतीय बल्लेबाज समर्पण कर चुके थे. दूसरे दिन मैट रेनशॉ (60) और शॉन मॉर्श (66) के अर्धशतक के सहारे ऑस्ट्रेलिया ने छह विकेट खोकर 237 रन बना लिए हैं और उसके चार विकेट अभी आउट होने बाकी है. स्टंप्स के समय विकेटकीपर मैथ्यू वेड 25 और मिचेल स्टार्क 14 रन बनाकर क्रीज पर हैं. मेहमान टीम की टीम इंडिया पर बढ़त 48 रन तक पहुंच चुकी है. स्वाभाविक है कि हर रन के साथ विराट कोहली ब्रिगेड पर दबाव बढ़ता जा रहा है. मैच में आज टीम इंडिया इस उम्मीद के साथ मैदान में उतरी थी कि उसके गेंदबाज खासकर स्पिनर आर. अश्विन और रवींद्र जडेजा ऑस्ट्रेलिया की पारी को भारतीय स्कोर के आसपास ही समेट देंगे, लेकिन यह आस पूरी नहीं हो सकी.
वैसे, रवींद्र जडेजा (तीन विकेट) आज टीम इंडिया के सबसे कामयाब गेंदबाज रहे लेकिन कप्तान विराट कोहली का उन्हें केवल 17 ओवर देने का फैसला कई सवाल खड़े कर गया. यह हैरानी वाली बात रही कि बेंगलुरू टेस्ट के टीम इंडिया के सबसे कामयाब गेंदबाज ने नियमित चारों गेंदबाजों में से सबसे कम ओवर फेंके. विराट ने आखिरी क्षणों में ऑफ ब्रेक बॉलर करुण नायर से भी एक ओवर कराया. ऑस्ट्रेलियाई पारी के दौरान डिसीजन रिव्यू सिस्टम (DRS) के 'सटीक' इस्तेमाल न कर पाने की टीम इंडिया की कमी फिर सामने आई. भारत ने बिना किसी सफलता के अपने दोनों रिव्यू गंवा दिए. पुणे टेस्ट का खराब प्रदर्शन बेंगलुरू टेस्ट के पहले दिन भी जारी रहा था और टीम इंडिया केवल 189 रन बनाकर आउट हो गई थी.
विकेट पतन: 1-52 (वॉर्नर, 21.1 ओवर), 2-82 (स्मिथ, 41.2ओवर), 3-134 (रेनशॉ, 66.3ओवर), 4-160 (हैंड्सकोंब, 76.4 ओवर), 5-163 (मिचेल मार्श, 79.6 ओवर), 6-220 (शॉन मार्श, 100.2ओवर).
पहले सेशन में ऑस्ट्रेलिया के दो विकेट गिरे
पहले दिन की ही तरह दूसरे दिन भी पहली ही गेंद पर चौका लगा. ईशांत शर्मा की पहली ही गेंद हाफवॉली थी जिसे वॉर्नर ने चौके के लिए बाउंड्री के बाहर पहुंचा दिया. टेस्ट के पहले दिन की पहली गेंद पर लोकेश राहुल ने मिचेल स्टॉर्क की गेंद पर चौका लगाया था. बहरहाल टीम इंडिया के लिए राहत की बात यह रही कि उसे पहले विकेट के लिए बहुत लंबा इंतजार नहीं करना पड़ा. ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने डेविड वॉर्नर को लेग स्टंप के बाहर गेंद को पिच करके यह कमाल किया. यह गेंद उनका विकेट ले उड़ी.वॉर्नर ने 67 गेंदों का सामना करके तीन चौकों की मदद से 33 रन बनाए. टीम इंडिया को पहली कामयाबी अश्विन ने डेविड वॉर्नर को बोल्ड करके दिलाई (फोटो BCCI)
टेस्ट क्रिकेट में यह 8वां मौका है जब अश्विन ने डेविड वॉर्नर को आउट किया है. वैसे इंटरनेशनल क्रिकेट में 'ऐश' 10 बार वॉर्नर का विकेट ले चुके हैं. वॉर्नर के आउट होने के थोड़ी ही देर बाद ऑस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीव स्मिथ के खिलाफ ईशांत की गेंद पर एलबीडब्ल्यू की जोरदार अपील हुई लेकिन अम्पायर ने इसे नकार दिया.अश्विन के खिलाफ स्मिथ हर तरह की परेशानी में दिखे.30वें ओवर में ऑस्ट्रेलिया कप्तान के खिलाफ अश्विन की गेंदबाजी पर एलबीडब्ल्यू की अपील भी हुई. कप्तान कोहली ने DRS का सहारा लिया लेकिन इसमें दिखा कि गेंद बेहद बारीक अंतर से विकेट छोड़ रही थी. स्टीव स्मिथ आखिरकार जडेजा के शिकार बने. 8 रन के निजी स्कोर पर जडेजा की गेंद पर उनका कैच विकेटकीपर ऋद्धिमान साहा ने पकड़ा.
लंच के बाद 3 विकेट लेकर मुकाबले में आई थी टीम इंडिया
आज ऑस्ट्रेलियाई टीम की रन बनाने की गति धीमी रही लेकिन खास बात यह रही कि दूसरे सेशन में मैट रेनशॉ और शॉन मार्श की जोड़ी ने देर तक टीम इंडिया को अगली कामयाबी से वंचित रखा. भारतीय पारी के दौरान जिस तरह बल्लेबाजी का दारोमदार केएल राहुल पर था, ऑस्ट्रेलियाई पारी में उसी तरह की भूमिका में उसके ओपनर मैट रेनशॉ दिखे. करियर का उनका तीसरा अर्धशतक 183 गेंदों पर पांच चौकों की मदद से पूरा हुआ. अर्धशतक बनाने के बाद रेनशॉ मुश्किल बनते नजर आ रहे थे, लेकिन रवींद्र जडेजा ने उनकी पारी का अंत कर दिया.जडेजा के ओवर की पहली गेंद पर छक्का लगाने के बाद रेनशॉ तीसरी गेंद पर फिर बड़ा शॉट खेलने क्रीज से बाहर निकले, लेकिन जडेजा ने चतुराई से गेंद की दिशा बदल दी.बाकी का काम विकेटकीपर साहा ने स्टंपिंग करके पूरा किया. रेनशॉ ने 60 रन की पारी में 196 गेंदों का सामना कर पांच चौके लगाए. हालांकि इस दौरान उन्हें एक जीवनदान भी मिला जब विराट कोहली उनका कैच नहीं पकड़ सके. चायकाल के पहले जडेजा टीम के लिए एक और सफलता लेकर आए उन्होंने पीटर हैंड्सकोंब (16रन, 30 गेंदें, दो चौके) को अश्विन से कैच कराया. अश्विन तीन प्रयास के बाद यह कैच पकड़ पाए. चायकाल के ठीक पहले ईशांत शर्मा ने मिचेल मॉर्श (0) को आउट करके टीम इंडिया को पांचवीं कामयाबी दिलाई. मिचेल 11 गेंद खेलने के बाद भी अपना खाता नहीं खोल पाए .
अंतिम सेशन में केवल एक विकेट ले पाई
चायकाल के बाद भी बाएं हाथ के बल्लेबाज शॉन मार्श भारतीय गेंदबाजी के लिए परेशानी बने रहे. इस दौरान उन्हें किस्मत का भी भरपूर साथ मिला. अंतिम सेशन में भारतीय तेज गेंदबाज उमेश यादव की गेंद पर शॉन मॉर्श को अम्पायर ने एलबीडब्ल्यू करार दिया था लेकिन ऑस्ट्रेलिया बल्लेबाज के रिव्यू लेने के बाद यह फैसला पलटना पड़ा और शॉन नाबाद करार दिया गए. इसके तुरंत बाद ईशांत शर्मा और अश्विन की गेंद पर भी शॉन मार्श के खिलाफ एलबीडब्ल्यू की अपील हई लेकिन ईशांत की गेंद नोबॉल थी जबकि अश्विन की अपील को अम्पायर ने खारिज कर दिया. इन अपीलों के अलावा भी उमेश यादव और ईशांत की गेंद पर शॉन मार्श मुश्किल में दिखे लेकिन बचने में सफल रहे. उन्होंने न केवल करियर का छठा अर्धशतक बनाया बल्कि मैथ्यू वेड के साथ ऑस्ट्रेलिया पारी को भारत के 189 रन के स्कोर पार पहुंचाने में सफल रहे. शॉन के 50 रन 162 गेंदों पर चार चौकों की मदद से पूरे हुए. इस दौरान वेड ने उनका बखूबी साथ निभाया. वैसे, ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों की इस मामले में तारीफ की जानी चाहिए कि उन्होंने विकेट पर रुकने की इच्छाशक्ति दिखाई. शनिवार को भारतीय बल्लेबाजों ने इस तरह का जज्बा नहीं दिखाया था. शॉन मार्श को आखिरकार उमेश यादव ने करुण नायर के हाथों कैच कराया. 66 रन की पारी में उन्होंने 197 गेंदों का सामना कर चार चौके लगाए.
वैसे, रवींद्र जडेजा (तीन विकेट) आज टीम इंडिया के सबसे कामयाब गेंदबाज रहे लेकिन कप्तान विराट कोहली का उन्हें केवल 17 ओवर देने का फैसला कई सवाल खड़े कर गया. यह हैरानी वाली बात रही कि बेंगलुरू टेस्ट के टीम इंडिया के सबसे कामयाब गेंदबाज ने नियमित चारों गेंदबाजों में से सबसे कम ओवर फेंके. विराट ने आखिरी क्षणों में ऑफ ब्रेक बॉलर करुण नायर से भी एक ओवर कराया. ऑस्ट्रेलियाई पारी के दौरान डिसीजन रिव्यू सिस्टम (DRS) के 'सटीक' इस्तेमाल न कर पाने की टीम इंडिया की कमी फिर सामने आई. भारत ने बिना किसी सफलता के अपने दोनों रिव्यू गंवा दिए. पुणे टेस्ट का खराब प्रदर्शन बेंगलुरू टेस्ट के पहले दिन भी जारी रहा था और टीम इंडिया केवल 189 रन बनाकर आउट हो गई थी.
विकेट पतन: 1-52 (वॉर्नर, 21.1 ओवर), 2-82 (स्मिथ, 41.2ओवर), 3-134 (रेनशॉ, 66.3ओवर), 4-160 (हैंड्सकोंब, 76.4 ओवर), 5-163 (मिचेल मार्श, 79.6 ओवर), 6-220 (शॉन मार्श, 100.2ओवर).
पहले सेशन में ऑस्ट्रेलिया के दो विकेट गिरे
पहले दिन की ही तरह दूसरे दिन भी पहली ही गेंद पर चौका लगा. ईशांत शर्मा की पहली ही गेंद हाफवॉली थी जिसे वॉर्नर ने चौके के लिए बाउंड्री के बाहर पहुंचा दिया. टेस्ट के पहले दिन की पहली गेंद पर लोकेश राहुल ने मिचेल स्टॉर्क की गेंद पर चौका लगाया था. बहरहाल टीम इंडिया के लिए राहत की बात यह रही कि उसे पहले विकेट के लिए बहुत लंबा इंतजार नहीं करना पड़ा. ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने डेविड वॉर्नर को लेग स्टंप के बाहर गेंद को पिच करके यह कमाल किया. यह गेंद उनका विकेट ले उड़ी.वॉर्नर ने 67 गेंदों का सामना करके तीन चौकों की मदद से 33 रन बनाए.
टेस्ट क्रिकेट में यह 8वां मौका है जब अश्विन ने डेविड वॉर्नर को आउट किया है. वैसे इंटरनेशनल क्रिकेट में 'ऐश' 10 बार वॉर्नर का विकेट ले चुके हैं. वॉर्नर के आउट होने के थोड़ी ही देर बाद ऑस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीव स्मिथ के खिलाफ ईशांत की गेंद पर एलबीडब्ल्यू की जोरदार अपील हुई लेकिन अम्पायर ने इसे नकार दिया.अश्विन के खिलाफ स्मिथ हर तरह की परेशानी में दिखे.30वें ओवर में ऑस्ट्रेलिया कप्तान के खिलाफ अश्विन की गेंदबाजी पर एलबीडब्ल्यू की अपील भी हुई. कप्तान कोहली ने DRS का सहारा लिया लेकिन इसमें दिखा कि गेंद बेहद बारीक अंतर से विकेट छोड़ रही थी. स्टीव स्मिथ आखिरकार जडेजा के शिकार बने. 8 रन के निजी स्कोर पर जडेजा की गेंद पर उनका कैच विकेटकीपर ऋद्धिमान साहा ने पकड़ा.
लंच के बाद 3 विकेट लेकर मुकाबले में आई थी टीम इंडिया
आज ऑस्ट्रेलियाई टीम की रन बनाने की गति धीमी रही लेकिन खास बात यह रही कि दूसरे सेशन में मैट रेनशॉ और शॉन मार्श की जोड़ी ने देर तक टीम इंडिया को अगली कामयाबी से वंचित रखा. भारतीय पारी के दौरान जिस तरह बल्लेबाजी का दारोमदार केएल राहुल पर था, ऑस्ट्रेलियाई पारी में उसी तरह की भूमिका में उसके ओपनर मैट रेनशॉ दिखे. करियर का उनका तीसरा अर्धशतक 183 गेंदों पर पांच चौकों की मदद से पूरा हुआ. अर्धशतक बनाने के बाद रेनशॉ मुश्किल बनते नजर आ रहे थे, लेकिन रवींद्र जडेजा ने उनकी पारी का अंत कर दिया.जडेजा के ओवर की पहली गेंद पर छक्का लगाने के बाद रेनशॉ तीसरी गेंद पर फिर बड़ा शॉट खेलने क्रीज से बाहर निकले, लेकिन जडेजा ने चतुराई से गेंद की दिशा बदल दी.बाकी का काम विकेटकीपर साहा ने स्टंपिंग करके पूरा किया. रेनशॉ ने 60 रन की पारी में 196 गेंदों का सामना कर पांच चौके लगाए. हालांकि इस दौरान उन्हें एक जीवनदान भी मिला जब विराट कोहली उनका कैच नहीं पकड़ सके. चायकाल के पहले जडेजा टीम के लिए एक और सफलता लेकर आए उन्होंने पीटर हैंड्सकोंब (16रन, 30 गेंदें, दो चौके) को अश्विन से कैच कराया. अश्विन तीन प्रयास के बाद यह कैच पकड़ पाए. चायकाल के ठीक पहले ईशांत शर्मा ने मिचेल मॉर्श (0) को आउट करके टीम इंडिया को पांचवीं कामयाबी दिलाई. मिचेल 11 गेंद खेलने के बाद भी अपना खाता नहीं खोल पाए .
अंतिम सेशन में केवल एक विकेट ले पाई
चायकाल के बाद भी बाएं हाथ के बल्लेबाज शॉन मार्श भारतीय गेंदबाजी के लिए परेशानी बने रहे. इस दौरान उन्हें किस्मत का भी भरपूर साथ मिला. अंतिम सेशन में भारतीय तेज गेंदबाज उमेश यादव की गेंद पर शॉन मॉर्श को अम्पायर ने एलबीडब्ल्यू करार दिया था लेकिन ऑस्ट्रेलिया बल्लेबाज के रिव्यू लेने के बाद यह फैसला पलटना पड़ा और शॉन नाबाद करार दिया गए. इसके तुरंत बाद ईशांत शर्मा और अश्विन की गेंद पर भी शॉन मार्श के खिलाफ एलबीडब्ल्यू की अपील हई लेकिन ईशांत की गेंद नोबॉल थी जबकि अश्विन की अपील को अम्पायर ने खारिज कर दिया. इन अपीलों के अलावा भी उमेश यादव और ईशांत की गेंद पर शॉन मार्श मुश्किल में दिखे लेकिन बचने में सफल रहे. उन्होंने न केवल करियर का छठा अर्धशतक बनाया बल्कि मैथ्यू वेड के साथ ऑस्ट्रेलिया पारी को भारत के 189 रन के स्कोर पार पहुंचाने में सफल रहे. शॉन के 50 रन 162 गेंदों पर चार चौकों की मदद से पूरे हुए. इस दौरान वेड ने उनका बखूबी साथ निभाया. वैसे, ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों की इस मामले में तारीफ की जानी चाहिए कि उन्होंने विकेट पर रुकने की इच्छाशक्ति दिखाई. शनिवार को भारतीय बल्लेबाजों ने इस तरह का जज्बा नहीं दिखाया था. शॉन मार्श को आखिरकार उमेश यादव ने करुण नायर के हाथों कैच कराया. 66 रन की पारी में उन्होंने 197 गेंदों का सामना कर चार चौके लगाए.
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