ऑस्ट्रेलिया में करीब दो हफ्ते के इंतज़ार के बाद वह लम्हा आने वाला है, जब टीम इंडिया के खिलाड़ी मैदान पर ऑस्ट्रेलिया से लोहा लेंगे। तमाम दावों, वादों और कयासों का वक्त खत्म हो गया है, और दोनों टीमों की तस्वीर भी साफ हो गई है... अब वक्त एक्शन का है।
यह तय हो गया है कि पहले टेस्ट में टीम इंडिया की कप्तानी विराट कोहली ही करेंगे, क्योंकि नियमित कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के दाएं हाथ के अंगूठे में लगी चोट अभी पूरी तरह से ठीक नहीं हो पाई है। हालांकि प्लेइंग 11 (अंतिम एकादश) की घोषणा नहीं की गई है, लेकिन धोनी के न खेलने की सूरत में दो चीज़ें होनी तय हैं। पहला, ऋद्धिमान साहा को प्लेइंग 11 में मौका मिल सकता है... दूसरा, लोअर मिडिल ऑर्डर में रहाणे, रैना और रोहित में से कोई दो खेलेंगे।
गेंदबाज़ी डिपार्टमेंट में भुवनेश्वर कुमार चोटिल हो गए हैं, हालांकि यह ज्यादा चिंता की बात नहीं है, क्योंकि वरुण एरॉन ने अभ्यास मैचों में काफी अच्छा प्रदर्शन किया है। इशांत शर्मा, मोहम्मद शामी और वरुण एरॉन की तिकड़ी तेज़ पिच पर घातक साबित हो सकती है।
उधर, एडिलेड की पिच वैसे भी टीम इंडिया को रास आ सकती है। भारत ने वर्ष 2003 में यहां टेस्ट मैच जीता था। दरअसल, यह पिच दूसरी ऑस्ट्रेलियाई विकेटों की तरह तेज़ नहीं है। इस मैदान पर पिछले 10 सालों में एक पारी का औसत स्कोर 400 रहा है, जो ऑस्ट्रेलिया में सबसे ज्यादा है। यानि, अगर एक बार बल्लेबाज़ पिच पर टिक जाए तो उसे हटाना किसी भी गेंदबाज़ी आक्रमण के लिए मुश्किल है।
हालाकि टीम इंडिया के लिए एडिलेड में सबसे बड़ा खतरा फिट माइकल क्लार्क हो सकते हैं, क्योंकि दोनों टीमों में से इस ट्रैक पर सबसे ज्यादा 1,279 रन उन्हीं के नाम है। वह इस मैदान पर कुल नौ मैच खेले हैं, जिनमें छह शतक वह ठोक चुके हैं।
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