
नई दिल्ली:
भारत के क्रिकेट इतिहास में नया अध्याय लिखने को आतुर भारतीय टीम स्पिनरों के गढ़ फिरोजशाह कोटला के मैदान में शुक्रवार से होने जा रहे शृंखला के चौथे और अंतिम टेस्ट मैच में भी अपने मजबूत पक्ष के दम पर ऑस्ट्रेलिया की कमजोरियों को निशाना बनाकर क्लीन स्वीप करने के लिए मैदान पर उतरेगी।
भारत चार मैचों की शृंखला में 3-0 से आगे चल रहा है और उसके पास अपने 81 साल के टेस्ट इतिहास में सीरीज़ के सभी चार मैच जीतने का सुनहरा अवसर है। यदि महेंद्र सिंह धोनी की टीम ऐसा करने में सफल रहती है तो यह ऑस्ट्रेलिया के लिए उसकी ओर से 'जैसे को तैसा' वाला जवाब होगा,क्योंकि ऑस्ट्रेलिया ने पिछले साल अपनी घरेलू शृंखला में भारत को सभी चार मैचों में हराया था।
'स्पिनर' महज चार अक्षरों वाला शब्द है, लेकिन वर्तमान शृंखला में दोनों टीमों के बीच इसने सबसे बड़ा अंतर पैदा किया है। ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों के पास भारतीय स्पिनरों का कोई जवाब नहीं मिल पाया है। इसके विपरीत ऑस्ट्रेलियाई स्पिनरों के तरकश में ऐसा कोई तीर नहीं है, जो भारतीय बल्लेबाजों को परेशानी में डाल सके। भारत के लिए स्पिन बड़ी ताकत और ऑस्ट्रेलिया के लिए सबसे बड़ी कमजोरी बनकर उभरी है।
हालांकि ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज दावा कर रहे हैं कि वे स्पिन के भंवर से बाहर निकलने के करीब हैं, लेकिन यदि कोटला की पिच ने अपना पुश्तैनी मिजाज नहीं बदला तो फिर क्रिकेट प्रेमियों को रविचंद्रन अश्विन, प्रज्ञान ओझा और रवींद्र जडेजा की बलखाती गेंदों पर ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों का 'बुश डांस' ही देखने को मिलेगा।
भारत चार मैचों की शृंखला में 3-0 से आगे चल रहा है और उसके पास अपने 81 साल के टेस्ट इतिहास में सीरीज़ के सभी चार मैच जीतने का सुनहरा अवसर है। यदि महेंद्र सिंह धोनी की टीम ऐसा करने में सफल रहती है तो यह ऑस्ट्रेलिया के लिए उसकी ओर से 'जैसे को तैसा' वाला जवाब होगा,क्योंकि ऑस्ट्रेलिया ने पिछले साल अपनी घरेलू शृंखला में भारत को सभी चार मैचों में हराया था।
'स्पिनर' महज चार अक्षरों वाला शब्द है, लेकिन वर्तमान शृंखला में दोनों टीमों के बीच इसने सबसे बड़ा अंतर पैदा किया है। ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों के पास भारतीय स्पिनरों का कोई जवाब नहीं मिल पाया है। इसके विपरीत ऑस्ट्रेलियाई स्पिनरों के तरकश में ऐसा कोई तीर नहीं है, जो भारतीय बल्लेबाजों को परेशानी में डाल सके। भारत के लिए स्पिन बड़ी ताकत और ऑस्ट्रेलिया के लिए सबसे बड़ी कमजोरी बनकर उभरी है।
हालांकि ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज दावा कर रहे हैं कि वे स्पिन के भंवर से बाहर निकलने के करीब हैं, लेकिन यदि कोटला की पिच ने अपना पुश्तैनी मिजाज नहीं बदला तो फिर क्रिकेट प्रेमियों को रविचंद्रन अश्विन, प्रज्ञान ओझा और रवींद्र जडेजा की बलखाती गेंदों पर ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों का 'बुश डांस' ही देखने को मिलेगा।
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