यह ख़बर 27 दिसंबर, 2014 को प्रकाशित हुई थी

टीम इंडिया के सामने फिर पांच सौ का पहाड़

नई दिल्ली:

मेलबर्न में मुरली विजय ने ठोस शुरुआत तो की है, लेकिन भारतीय टीम के सामने रनों का पहाड़ नज़र आ रहा है। मुश्किल यह है कि टीम इंडिया की यह हालत लगातार हो रही है। ख़ासकर विदेशी पिचों पर भारतीय बल्लेबाज़ों को कई बार इस तरह की चुनौती का सामना करना पड़ा है। भारतीय गेंदबाज़ विदेशी पिचों पर विपक्षी बल्लेबाज़ों पर अंकुश लगाने में ज़्यादातर अंकुश लगाने में नाकाम रहे हैं।

विदेशी पिच पर एक बार फिर भारतीय गेंदबाज फिर पिट गए। ये कहानी नई नहीं है, लेकिन हैरान करने वाली बात है कि गेंदबाज़ी में नाकामी की कहानी एक ही तरीके से दोहराई जा रही है। गेंदबाज़ वही ग़लतियां दुहराते रहे हैं। कभी लगातार शॉर्ट बॉल करना, कभी क्रीज़ का इस्तेमाल नहीं करना, कभी निचले क्रम के बल्लेबाज़ों को ख़राब बाउंसर के सहारे आउट करने की कोशिश करना- ऐसी कई ग़लतियां हैं, जो गेंदबाज़ मैच-दर-मैच दुहराते रहे हैं, सबक़ लेने की कोशिश मैदान पर नहीं दिखी है।

टीम इंडिया के गेंदबाज़ों ने कई मौक़ों पर ना सिर्फ़ हाथ में आई बाज़ी हाथ से निकल जाने दी, बल्कि ज़्यादातर मौक़ों पर इतने रन लुटाए कि बल्लेबाज़ों के लिए उतने रन बटोरना आसान नहीं रहा। पिछले चार साल में यानी 2011 से लेकर अबतक भारतीय टीम ने विदेशी ज़मीन पर दो दर्जन टेस्ट खेले, लेकिन विदेशी ज़मीन पर इतने अनुभवों के बावजूद भारत के रिकॉर्ड में कोई सुधार नहीं आ पाया। इस दौरान खेले गए 24 टेस्ट मैचों में भारत को 15 टेस्ट मैचों में हार का मुंह देखना पड़ा, 6 मैच ड्रॉ रहे जबकि सिर्फ़ 2 मैचों में भारत की जीत मिल पाई।

विदेशी ज़मीन पर भारत का प्रदर्शन
2011-2014
24 खेले
15 हारे
2 जीते
6 ड्रॉ

टीम इंडिया को पिछले चार साल में मिली किंग्सटन और लॉर्ड्स पर मिली सिर्फ़ दो जीतों की तस्वीरें फ़ैन्स के जहन में ताज़ा हैं। ज़ाहिर है इसकी वजह यह है कि इस दौरान टीम विदेशी ज़मीन पर कहीं और जीत हासिल करने से दूर ही रही। इन सभी मैचों में विदेशी ज़मीन पर हार की कई वजहें रहीं, लेकिन एक बड़ी वजह यह रही कि मेज़बान विपक्षी टीमों ने कई बार 500 से ज़्यादा स्कोर बनाए, जहां तक पहुंचना भारतीय बल्लेबाज़ों के बस में नहीं रहा।

पिछले चार साल में विदेशी जमीन पर खेले गए 24 टेस्ट मैचों में मौजूदा टेस्ट को मिलाकर विपक्षी टीम ने 12 बार 500 से बड़ा स्कोर खड़ा किया। इनमें से दस टेस्ट मैचों में टीम इंडिया को हार का सामना करना पड़ा, जबकि एक मैच ड्रॉ रहा। 12वां मैच मेलबर्न में जारी है जहां मेज़बान टीम ने पहली पारी में 530 का स्कोर खड़ा किया है। भारतीय टीम ने दूसरे दिन एक विकेट खोकर 108 रन बनाए हैं।

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ऐसे में टीम इंडिया आंकड़ों का इतिहास बदलने में कामयाब रहे इसके लिए बल्लेबाज़ों को बहुत बड़ा स्कोर खड़ा करने की ज़रूरत होगी। आर अश्विन ने मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में उम्मीद जताई है कि टीम इंडिया 650 का स्कोर खड़ा कर ऑस्ट्रेलियाई टीम को फिर से विपक्षी टीम को बल्लेबाज़ी के लिए मजबूर करेगी। फ़िलहाल यह दावा नज़र आता है, अगर ऐसा सचमुच हो पाता है तो मेलबर्न में टीम इंडिया इतिहास की ओर कदम रखेगी, लेकिन इतिहास और भारतीय टीम के प्रदर्शन के बीच फासला फिलहाल बड़ा नज़र आता है।