मेलबर्न:
भारत और ऑस्ट्रेलिया की क्रिकेट टीमों के बीच दो मैचों की ट्वेंटी-20 शृंखला का दूसरा मुकाबला शुक्रवार को खेला जाएगा। ऑस्ट्रेलिया दौरे में अब तक पांच बार शिकस्त झेल चुकी भारतीय टीम ऐसे में मेलबर्न क्रिकेट मैदान पर अपनी हार का सिलसिला खत्म करना चाहेगी।
सिडनी के ओलंपिक स्टेडियम में बुधवार को भारत को पहले ट्वेंटी-20 मुकाबले में 31 रनों से हार झेलनी पड़ी थी। उससे पहले, उसे चार मैचों की टेस्ट शृंखला में भी 0-4 से हार का सामना करना पड़ा था। 5 फरवरी से ऑस्ट्रेलिया में ही त्रिकोणीय एकदिवसीय शृंखला खेली जानी है। भारतीय टीम को टेस्ट से ट्वेंटी-20 मैचों के लिहाज से खुद को ढालने में जितनी दिक्कत नहीं हुई, उससे अधिक दिक्कत उसे ट्वेंटी-20 से एकदिवसीय मैचों के लिहाज से ढालने में हो सकती है।
भारतीय टीम के लिए एकदिवसीय शृंखला की शुरुआत से पहले अपने खाते में एक अदद जीत डालना इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि एकदिवसीय मैचों में वह बतौर विश्व चैंपियन खेलेगी और फिर उसका सामना ऑस्ट्रेलिया और श्रीलंका जैसी दो सशक्त टीमों से होने वाला है। मेलबर्न में क्या होगा, यह वक्त बताएगा लेकिन सिडनी में भारतीय टीम को खेल के हर विभाग में दोयम साबित होना पड़ा था। ऐसे में भारतीय खिलाड़ियों को अपने खेल का स्तर ऊंचा उठाना होगा और सीनियर खिलाड़ियों को जिम्मेदारी वहन करनी होगी।
वीरेंद्र सहवाग, गौतम गंभीर, विराट कोहली और कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को आगे बढ़कर अपनी क्षमता के साथ न्याय करना होगा, जबकि क्षेत्ररक्षकों को अपने स्तर में इजाफा करना होगा, क्योंकि सिडनी में भारतीय टीम का 'बॉडी लैंग्वेज' साधारण स्तर का था। मैच दर मैच मिलती हार से टीम का मनोबल काफी नीचे चला गया है। ऐसे में मेलबर्न में एक बड़ी जीत खिलाड़ियों को आत्मविश्वास का टॉनिक दे सकती है, लेकिन जीत के लिए रास्ता उन्हें खुद ही बनाना है।
टीम में बदलाव के आसार दिख रहे हैं। विनय कुमार के स्थान पर इरफान पठान को मौका मिल सकता है, क्योंकि वह टीम को गेंदबाज और एक अच्छे बल्लेबाज के तौर पर योगदान दे सकते हैं। दूसरी ओर, टेस्ट टीम की कामयाबी से खुश मेजबान ट्वेंटी-20 टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए खुद को साबित किया और अब उसका प्रयास दूसरा मैच भी बड़े अंतर से जीतना होगा।
सिडनी के ओलंपिक स्टेडियम में बुधवार को भारत को पहले ट्वेंटी-20 मुकाबले में 31 रनों से हार झेलनी पड़ी थी। उससे पहले, उसे चार मैचों की टेस्ट शृंखला में भी 0-4 से हार का सामना करना पड़ा था। 5 फरवरी से ऑस्ट्रेलिया में ही त्रिकोणीय एकदिवसीय शृंखला खेली जानी है। भारतीय टीम को टेस्ट से ट्वेंटी-20 मैचों के लिहाज से खुद को ढालने में जितनी दिक्कत नहीं हुई, उससे अधिक दिक्कत उसे ट्वेंटी-20 से एकदिवसीय मैचों के लिहाज से ढालने में हो सकती है।
भारतीय टीम के लिए एकदिवसीय शृंखला की शुरुआत से पहले अपने खाते में एक अदद जीत डालना इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि एकदिवसीय मैचों में वह बतौर विश्व चैंपियन खेलेगी और फिर उसका सामना ऑस्ट्रेलिया और श्रीलंका जैसी दो सशक्त टीमों से होने वाला है। मेलबर्न में क्या होगा, यह वक्त बताएगा लेकिन सिडनी में भारतीय टीम को खेल के हर विभाग में दोयम साबित होना पड़ा था। ऐसे में भारतीय खिलाड़ियों को अपने खेल का स्तर ऊंचा उठाना होगा और सीनियर खिलाड़ियों को जिम्मेदारी वहन करनी होगी।
वीरेंद्र सहवाग, गौतम गंभीर, विराट कोहली और कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को आगे बढ़कर अपनी क्षमता के साथ न्याय करना होगा, जबकि क्षेत्ररक्षकों को अपने स्तर में इजाफा करना होगा, क्योंकि सिडनी में भारतीय टीम का 'बॉडी लैंग्वेज' साधारण स्तर का था। मैच दर मैच मिलती हार से टीम का मनोबल काफी नीचे चला गया है। ऐसे में मेलबर्न में एक बड़ी जीत खिलाड़ियों को आत्मविश्वास का टॉनिक दे सकती है, लेकिन जीत के लिए रास्ता उन्हें खुद ही बनाना है।
टीम में बदलाव के आसार दिख रहे हैं। विनय कुमार के स्थान पर इरफान पठान को मौका मिल सकता है, क्योंकि वह टीम को गेंदबाज और एक अच्छे बल्लेबाज के तौर पर योगदान दे सकते हैं। दूसरी ओर, टेस्ट टीम की कामयाबी से खुश मेजबान ट्वेंटी-20 टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए खुद को साबित किया और अब उसका प्रयास दूसरा मैच भी बड़े अंतर से जीतना होगा।
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