जिंबाब्वे दौरे के लिए नियुक्त किए गए युवा कप्तान अजिंक्य रहाणे प्रेस कांफ्रेैंस में
नई दिल्ली:
बांग्लादेश दौरे पर दिल टूटने के बाद अब टीम इंडिया नई उम्मीद के साथ ज़िंबाब्वे के मैदान पर उतरेगी। हरारे में सीरीज़ का पहला मैच खेला जाएगा। हालांकि इस टीम को भारत की बी-टीम माना जा रहा है। लेकिन ये बात सीरीज़ को मज़ेदार भी बना सकती है।
15 साल बाद मुंबई का कोई खिलाड़ी भारत का कप्तान बना है। अंजिक्य रहाणे और उनकी टीम पर उम्मीदों पर खरे उतरने का दबाव है। रहाणे को बांग्लादेश में पहले वनडे के बाद कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने ड्रॉप कर दिया था। 27 साल के रहाणे के आत्मविश्वास और मानसिक मजबूती का ये दौरा एक बड़ा इम्तिहान साबित होगा।
कप्तान अजिंक्य रहाणे बांग्लादेश की कड़वाहट भूल जाना चाहते हैं। उन्होंने कहा, 'धोनी भाई ने मुझे फ़ीडबैक दिया, जिसे मैंने सकारात्मक रूप में लिया। बांग्लादेश का दौरा अब पीछे छूट चुका है और मेरा लक्ष्य वनडे में लगातार अच्छा प्रदर्शन करना है।'
ज़िंबाब्वे दौरे के लिए सीनियर खिलाड़ियों का आराम दिया गया है। बांग्लादेश के हाथों वन-डे सीरीज़ में मिली हार के बाद ज़िंबाब्वे में भारतीय युवा टीम को किसी तरह की कोताही और ढिलाई से बचना होगा। लिहाज़ा नए खिलाड़ियों के लिए यह एक बड़ी चुनौती होगी।
वहीं भारतीय टीम से जुड़े मनीष पांडेय और संदीप शर्मा के लिए यह पहली सीरीज़ है। इस साल आईपीएल में मनीष का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा, लेकिन विजय हजारे ट्रॉफ़ी में उन्होंने सबसे ज़्यादा 472 रन बनाए।
वहीं टीम में वापसी की कोशिश में लगे खिलाड़ियों के लिए भी ये एक बड़ा मौक़ा है। मुरली विजय दो और हरभजन सिंह 4 साल बाद टीम में वापसी कर रहे हैं।
29 साल के रॉबिन उथप्पा के लिए भी शायद वापसी का ये आख़िरी मौक़ा है। उथप्पा ने कहा, 'मैं इस मौके का पूरा फ़ायदा उठाना चाहता हूं, ताकि टीम में जगह पक्की कर पाऊं। मुझे खुद पर पूरा भरोसा है। मैं भारतीय क्रिकेट को बहुत कुछ दे सकता हूं।'
टीम में कोई नियमित विकेटकीपर नहीं है। लेकिन रॉबिन उथप्पा, केदार जाधव और अंबाटि रायडू विकल्प हैं। रॉबिन उथप्पा और मुरली विजय पारी की शुरुआत करेंगे।
ज़िंबाब्वे को कमज़ोर आंकना भारी भी पड़ सकता है। ज़िंबाब्वे की ताकत उसकी बल्लेबाज़ी है। कप्तान एल्टन चिगुंबरा और सिकंदर रज़ा ने पाकिस्तान के ख़िलाफ़ शतक लगाए थे।
15 साल बाद मुंबई का कोई खिलाड़ी भारत का कप्तान बना है। अंजिक्य रहाणे और उनकी टीम पर उम्मीदों पर खरे उतरने का दबाव है। रहाणे को बांग्लादेश में पहले वनडे के बाद कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने ड्रॉप कर दिया था। 27 साल के रहाणे के आत्मविश्वास और मानसिक मजबूती का ये दौरा एक बड़ा इम्तिहान साबित होगा।
कप्तान अजिंक्य रहाणे बांग्लादेश की कड़वाहट भूल जाना चाहते हैं। उन्होंने कहा, 'धोनी भाई ने मुझे फ़ीडबैक दिया, जिसे मैंने सकारात्मक रूप में लिया। बांग्लादेश का दौरा अब पीछे छूट चुका है और मेरा लक्ष्य वनडे में लगातार अच्छा प्रदर्शन करना है।'
ज़िंबाब्वे दौरे के लिए सीनियर खिलाड़ियों का आराम दिया गया है। बांग्लादेश के हाथों वन-डे सीरीज़ में मिली हार के बाद ज़िंबाब्वे में भारतीय युवा टीम को किसी तरह की कोताही और ढिलाई से बचना होगा। लिहाज़ा नए खिलाड़ियों के लिए यह एक बड़ी चुनौती होगी।
वहीं भारतीय टीम से जुड़े मनीष पांडेय और संदीप शर्मा के लिए यह पहली सीरीज़ है। इस साल आईपीएल में मनीष का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा, लेकिन विजय हजारे ट्रॉफ़ी में उन्होंने सबसे ज़्यादा 472 रन बनाए।
वहीं टीम में वापसी की कोशिश में लगे खिलाड़ियों के लिए भी ये एक बड़ा मौक़ा है। मुरली विजय दो और हरभजन सिंह 4 साल बाद टीम में वापसी कर रहे हैं।
29 साल के रॉबिन उथप्पा के लिए भी शायद वापसी का ये आख़िरी मौक़ा है। उथप्पा ने कहा, 'मैं इस मौके का पूरा फ़ायदा उठाना चाहता हूं, ताकि टीम में जगह पक्की कर पाऊं। मुझे खुद पर पूरा भरोसा है। मैं भारतीय क्रिकेट को बहुत कुछ दे सकता हूं।'
टीम में कोई नियमित विकेटकीपर नहीं है। लेकिन रॉबिन उथप्पा, केदार जाधव और अंबाटि रायडू विकल्प हैं। रॉबिन उथप्पा और मुरली विजय पारी की शुरुआत करेंगे।
ज़िंबाब्वे को कमज़ोर आंकना भारी भी पड़ सकता है। ज़िंबाब्वे की ताकत उसकी बल्लेबाज़ी है। कप्तान एल्टन चिगुंबरा और सिकंदर रज़ा ने पाकिस्तान के ख़िलाफ़ शतक लगाए थे।
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