विज्ञापन
This Article is From Aug 23, 2024

करीब एक साल पहले इस भारतीय पेसर ने खेला था आखिरी टेस्ट, ऐसा समय आया कि अब लेना पड़ा यह फैसला

हुए हालिया बदलाव के बाद राष्ट्रीय चयन समिति ने घरेलू क्रिकेटरों को साफ-साफ संदेश तो दिया ही है, तो वहीं कुछ फैसलों पर सवाल भी उठे हैं

करीब एक साल पहले इस भारतीय पेसर ने खेला था आखिरी टेस्ट, ऐसा समय आया कि अब लेना पड़ा यह फैसला
टीम इंडिया अगले महीने बांग्लादेश के खिलाफ खेलने की तैयारी कर रही है
नई दिल्ली:

हाल ही में भारतीय क्रिकेट में पहली बार एक नई परंपरा की शुरुआत हुई. और वह था क्षेत्रीय दलीप ट्रॉफी टूर्नामेंट (Duleep Trophy) के लिए राष्ट्रीय चयन समिति द्वारा करीब 60 खिलाड़ियों का चयन. इससे पिछले साल तक दलीप ट्रॉफी टूर्नामेंट के लिए क्षेत्रीय सेलेक्टर पांच क्षेत्रों की टीम का चयन किया करते थे, लेकिन इस साल नई शुरुआत हुई, तो कुछ फैसले सवालों के घेरे में भी आ गए. ऐसा लगा कि कुछ खिलाड़ियों के साथ गलत हो गया. और इन्हीं में से एक रहे लेफ्टी पेसर जयदेव उनाडकट (jaydev Unadkat). लेफ्टी पेसर ने भारत के लिए आखिरी टेस्ट मैच करीब एक साल पहले जुलाई के महीने में पोर्ट-ऑफ-स्पेन में विंडीज के खिलाफ खेला था, लेकिन एक साल ही में हालात ऐसे हो गए कि राष्ट्रीय चयन समिति ने दलीप ट्रॉफी के लिए चुनी चार टीमों में एक भी टीम में उनाडकट को जगह नहीं दीं. 

इन खिलाड़ियों को लेकर भी उठ रहे हैं सवाल

वैसे फैंस और पंडितों के बीच चर्चा सिर्फ जयदेव उनाडकट को लेकर ही नहीं है. यहां पृथ्वी शॉ, आईपीएल के स्टार रिंकू सिंह, एक और आईपीएल स्टार अभिषेक शर्मा भी ऐसे खिलाड़ी रहे, जिन्होंने किसी भी टीम में जगह नहीं दी गई. इस फैसले को इस रूप में भी देखा जा सकता है कि अब दिलीप ट्रॉफी टीम के चयन के पैमाने भी तुलनात्मक रूप  से सख्त हो चले हैं. वजह यह है कि पिछले फॉर्मेट में पांच क्षेत्रीय टीमें हिस्सी लेती थीं, तो अब अब टीमों की संख्या चार रह गई है. ऐसे में खिलाड़ियों को रणजी मैचों में और जोर लगाना होगा. 

अब यह फैसला लिया लेफ्टी पेसर ने

बहरहाल, सौराष्ट्र के लिए खेलने वाले जयदेव अनदेखी से हार मानने को राजी नहीं हैं और घरेलू क्रिकेट में सर्वश्रेष्ठ पेसरों में से एक जयदेव ने इंग्लिश काउंटी ससेक्स की शरण ली है. और उम्मीद है कि वह काउंटी क्रिकेट के जरिए सेलेक्टरों को प्रभावित करेंगे.  वैसे पिछले कुछ सीजनों में लगातार बेहतरीन प्रदर्शन करने के बावजूद वह पूरी तरह से सेलेक्टरों का भरोसा नहीं जीत सकते हैं. अगर वह भारतीय टीम में आए भी, वह बेंच पर ही बैठे रहे. यही वजह रही कि उनाडकट साल 2010 में टेस्ट करियर का आगाज करने के बावजूद पिछले करीब 13 साल में भारत के लिए केवल चार ही टेस्ट खेल सके, जिसमें वह सिर्फ तीन ही विकेट चटका सका. 


 

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com