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This Article is From Dec 12, 2021

रोहित का इशारा, यह दिग्गज अब सफेद बॉल फॉर्मेट में लगातार टीम में खेलेगा, विराट के राज में तो...

एक निजी शो से बातचीत में रोहित बोले कि  अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से लेकर फ्रेंचाइजी लीग तक दोनों ही मंचों पर अश्विन ने पावर-प्ले ओवरों में शानदार गेंदबाजी की है

रोहित का इशारा, यह दिग्गज अब सफेद बॉल फॉर्मेट में लगातार टीम में खेलेगा, विराट के राज में तो...
भारत के नए वनडे कप्तान रोहित शर्मा
Quick Reads
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
बर्बाद हुए चार साल की जवाबदेही किसकी?
क्या विराट देंगे सवाल का जवाब
या बीसीसीआई और सेलेक्टर्स लेंगे जवाबदेही?
नयी दिल्ली:

अब जबकि टीम इंडिया के नए वनडे कप्तान रोहित शर्मा हैं, तो जाहिर है कि अब नीतियां, संस्कृति और एप्रोच भी अलग ही होने जा रही है. फिर चाहे बात मैदान पर खेल की हो, या फिर मैदान के बाहर फैसलों से जुड़ी. अब जबकि दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ वनडे टीम का ऐलान कभी भी हो सकता है , तो रोहित ने इशारा कर दिया है कि अश्विन वनडे टीम का हिस्सा होंगे. रोहित ने कहा कि अश्विन अगले कुछ सालों व्हाइट-बॉल क्रिकेटर का बहुत ही अहम हिस्सा होने जा रहे हैं. अश्विन करीब चार साल बाद फिर से टी20 कप के दौरान सफेद बॉल टीम का हिस्सा बने थे. और उन्होंने टी20 वर्ल्ड कप और न्यूजीलैंड के खिलाफ सीरीज में सभी को प्रभावित किया था. 

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अब रोहित ने अश्विन की जमकर तारीफ करते हुए कहा कि अश्विन टीम को ऐसा लचीला रवैया प्रदान करते हैं, जिससे आप उनका पावर-प्ले  या बीच के ओवरों के दौरान इस्तेमाल कर सकते हो. उन्होंने कहा कि इसलिए वह एक ऐसे गेंदबाज हैं, जिन्हें मैं ऑलराउंडर बॉलर कहूंगा. एक ऐसे गेंदबाज, जो किसी भी समय और किसी भी हालात में गेंदबाजी कर सकते हैं और यह एक महत्वपूर्ण बात है. एक निजी शो से बातचीत में रोहित बोले कि  अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से लेकर फ्रेंचाइजी लीग तक दोनों ही मंचों पर अश्विन ने पावर-प्ले ओवरों में शानदार गेंदबाजी की है. पारी के आखिरी ओवरों में भी अश्विन ने कुछ ऐसे ही अपनी भूमिका को अंजाम दिया. और अश्विन का फिर से टीम के साथ जुड़ना बहुत ही शानदार बात है. 

रोहित बोले कि आप एक आयाम वाला गेंदबाज नहीं चाहते, जिसके बारे में आप जानते हैं कि वह पावर-प्ले के बाद गेंदबाजी कर सकता है या फिर वह स्लॉग ओवरों में गेंदबाजी कर सकता है. या गेंदबाज विशेष केवल दाएं हत्था या बाएं हत्था बल्लेबाज को गेंदबाजी कर सकता है. गेंदबाजों के साथ जितने ज्यादा विकल्प रहते हैं, यह उतना ही बेहतर होता है. मुझे लगता है कि अश्विन का टीम के साथ होना बहुत ही शानदार बात है और वह निश्चित तौर पर आने वाले कुछ सालों तक टीम के साथ रहेंगे. 

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कुल मिलाकर रोहित की यह नीति विराट के एकदम उलट है क्योंकि टी20 विश्व से पहले तक अश्विन करीब चार साल तक व्हाइट-बॉल फॉर्मेट से दूर रहे, तो पीयूष चावला को  भी चौराहे पर ला खड़ा किया. इन दोनों को खासतौर पर अश्विन को लेकर लगातार सवाल होते रहे थे कि एक ऐसे गेंदबाज के साथ ऐसा बर्ताव क्यों हुआ, जो टेस्ट और आईपीएल दोनों ही मंचों पर बेहतर कर रहा है. अश्विन के प्रदर्शन से साफ होता है कि विराट के राज में उनके साथ अच्छा बर्ताव नहीं ही हुआ. और उनके बर्बाद हुए चार साल की जवाबदेही सेलेक्टरों की है, विराट की या फिर बीसीसीआई की?

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