दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ हाल ही में ईडेन गॉर्डन में 30 रन से मिली हार के बाद पूर्व क्रिकेटरों ने गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) की रणनीति और सोच पर सवाल उठाना शुरू कर दिया है, तो फैंस बहुत ही ज्यादा गुस्से में है. वहीं, नियुक्ति के बाद से उनके एक साल और करीब चार महीने के कार्यकाल के टेस्ट आंकड़े इस आलोचना में मानो घी डालने का काम कर रहे हैं. अगर, टीम इंडिया के पिछले दोनों कोचों रवि शास्त्री (Ravi Shastri) और राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) से वह बहुत पीछे छूट गए हैं. वास्तव में वह सभी पहलुओं के चक्रव्यूह में घिर से गए हैं. यहां से अगर हालात नहीं सुधरे, तो स्थिति और खराब होती जाएगी. चलिए आप जान लीजिए कि गौतम गंभीर सहित टीम इंडिया के पिछले तीन हेड कोचों का टेस्ट रिपोर्ट कार्ड कैसा रहा.

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Photo Credit: @Itz_Bl3ze/x
रवि शास्त्री के खाते में सबसे ज्यादा जीत
रवि शास्त्री सबसे ज्यादा टेस्ट मैचों में टीम इंडिया के कोच रहे. उनके मार्गदर्शन में भारत ने 43 मैच खेले. इनमें से 25 टेस्ट मैचों में टीम इंडिया को जीत मिली, जबकि 13 में उसे हार का सामना करना पड़ा. शास्त्री की जीत दर 1.92 रही या कहें यह प्रतिशत में 58.13 रही. निश्चित रूप से शास्त्री और विराट कोहली की जुगलबंदी ने शानदार काम किया, लेकिन इसके बावजूद शास्त्री द्रविड़ से पिछड़ गए.

राहुल द्रविड़ निकले सबसे अव्वल
राहुल द्रविड़ की कोचिंग में भारत ने सिर्फ 24 ही टेस्ट मैच खेले. इसमें टीम इंडिया ने 14 मैचों में बाजी मारी, तो 7 में उसे हार का सामना करना पड़ा. द्रविड़ पूर्व ऑलराउंडल शास्त्री की तुलना में 19 कम मैचों में कोच रहे, लेकिन उनकी जीत दर शास्त्री से बेहतर रही. द्रविड़ की जीत दर 2.00 रही. प्रतिशत में यह 58.33 रहा. शास्त्री से यह कुछ ही ज्यादा रहा, लेकिन अहम बात तुलनात्मक रूप से बहुत ही कम मैचों में द्रविड़ का शानदार प्रदर्शन रहा. कल्पना कर सकते हैं कि अगर द्रविड़ 43 मैचों में कोचिंग देते, तो उनके आंकड़े कैसे होते! लेकिन इन दोनों की तुलना में गौतम के आंकड़े बहुत ही ज्यादा गंभीर हो चले हैं
गौतम की स्थिति बहुत ही खराब
पिछले साल से नियुक्ति के बाद से गौतम के अंडर में भारतीय टीम अभी तक (ईडेन गॉर्डन में पहले टेस्ट) तक 18 टेस्ट मैच खेल चुकी है. इसमें से भारत ने 7 मैच जीते हैं, जबकि 9 में हार का सामना किया है. बतौर कोच गंभीर की जीत दर 0.77 है, जो पिछले दोनों ही कोचों की तुलना में बहुत ही ज्यादा कम है. और प्रतिशत में यह करीब 38.88 बैठता है, बहुत ही ज्यादा कम है.
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