
- जसप्रीत बुमराह ने यूएई में पाकिस्तान के खिलाफ फाइनल मैच के शुरुआती दो ओवरों में 18 रन दिए।
- चोट के कारण बुमराह की गेंदबाजी की धार और तीव्रता प्रभावित हुई है, जिससे उनकी प्रभावशीलता कम हुई
- शुरुआती ओवरों में बुमराह की स्लोअर गेंदों को बल्लेबाजों ने अच्छी तरह निशाना बनाया और तीन चौके लगाए
यूएई (UAE) में रविवार को पाकिस्तान के खिलाफ खेले गए फाइनल मुकाबले में भारतीय स्टार पेसर जसप्रीत बुमराह (Jasprit Bumrah) शुरुआती 2 ओवरों में उम्मीदों पर खरे नहीं ही उतरे. यह सही है कि भारतीय स्टार पेसर अपनी चिर-परिचित धार में हैं. चोट ने उनके डंक, धार और तीखेपन पर खासा असर डाला है, लेकिन बात यहां अनुभव की थी. जस्सी से गलती हुई तो, तो साहिबजादा फरहान के हाथों पिटाई खा बैठे और शुरुआती 2 ओवरों में बुमराह ने 18 रन दिए. इसके बाद ही पूर्व ओपनर और दिग्गज कमेंटेटर और समीक्षक बन चुके आकाश चोपड़ा (Aakash Chopra advice on Bumrah) ने बहुत ही अहम सलाद ही, लेकिन इसको लेकर सवाल भी खड़ा हो गया.
बुमराह से हो गई यह चूक?
अब इसे शारीरिक स्थिति की मजबूरी कहें या कुछ और, लेकिन कम से कम इस पिच पर इतनी ज्यादा स्लोअर डिलीवरी गेंद नहीं ही बनती थीं. शुरुआती दो ओवरों में तीन बाउंड्रियों में से साहिबजादा ने बुमराह की स्लोअर को निशाना बनाया. और जिस पर छक्का खाया, वह स्लोअर ही नहीं थी, बल्कि शॉट खेलने के लिए बहुत ज्यादा जगह भी दे दी. नतीजा यह रहा कि बुमराह दो ओवरों में 18 रन खा बैठे. इसके बाद आकाश चोपड़ा ने अपनी 'आकाशवाणी' X कर दी.
आकाश ने दी यह सलाह
पूर्व ओपनर ने कहा, 'बुमराह के बचे दो ओवर बचाकर रखने की जरूरत है. पावर-प्ले के बाद अभी करीब 75 प्रतिशत मैच बाकी है. और उस लंबी अवधि के लिए सिर्फ 25 प्रतिशत बुमराह नाकाफी हैं.' आकाश ने सलाह तो अच्छी दी. बात एकदम सही कही. इस लिहाज से भी दो ओवरों में बुमराह 18 रन लुटा बैठे, लेकिन इसके साथ ही सवाल भी बड़ा है.
चोपड़ा की सलाह पर बड़ा सवाल?
सवाल यही है कि बुमराह बाकी दो ओवरों में शुरुआती दो ओवरों की तरह जरूरत से ज्यादा स्लोअर, ज्यादा छोटी स्लोअर बॉलिंग तो नहीं कर बैठेंगे. अगर ऐसा होता है, तो इसमें नुकसान का खतरा बहुत ही ज्यादा है. देखन की बात यह होगी कि बुमराह बचे दो ओवरों में कैसी बॉलिंग करते हैं, लंबाई कैसी रहती है?
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